Friday 6 May 2022

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान ही कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया की हत्या।पंजाब पुलिस दिल्ली में घुसकर भाजपा नेता तेजिंदर सिंह बग्गा को जबरन ले गइ। अरविंद केजरीवाल पर प्रतिकूल टिप्पणी करने का आरोप।सुल्ताना को अपने पति नागराज को न बचा पाने का अफसोस। भाईयों ने सरेआम चाकुओं से गोदकर हत्या की।लाउडस्पीकर पर अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं-इलाहाबाद हाईकोर्ट।क्या इन ताजा घटनाओं पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोई प्रतिक्रिया देंगे?

सात राज्यों में हाल ही में हुए साम्प्रदायिक विवादों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सात राज्यों में हाल ही में हुए साम्प्रदायिक विवादों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। गहलोत का कहना है कि ये लोग देश में आग लगाने का काम कर रहे हैं। गहलोत ने सात राज्यों में हुए दंगों की जांच कराने की चुनौती केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दी है। सब जानते हैं कि गहलोत इन दिनों कांग्रेस के सबसे बड़े प्रवक्ता बने हुए हैं। देश में कहीं भी कोई घटना घटित होने पर गहलोत अपनी प्रतिक्रिया जरूर देते हैं। 5 व 6 मई को देश में जो प्रमुख घटनाएं हुई, क्या उन पर गहलोत कोई प्रतिक्रिया देंगे?

कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या:
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 5 व 6 मई को कोलकाता के दौरे पर हैं। शाह ने पांच मई को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के कार्यक्रमों में भाग लिया। तय कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को अमित शाह को भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करनी थी। इसके लिए भाजपा ने जोरदार तैयारियां भी की थी, लेकिन 6 मई को सुबह भाजपा के युवा नेता अर्जुन चौरसिया का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। आरोप है कि पहले चौरसिया की हत्या की और फिर शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया। चौरसिया अमित शाह के स्वागत के लिए बाइक रैली की तैयारियों में पिछले कई दिनों से जुटा हुआ था। चौरसिया की जिस तरह से कोलकाता में हत्या की गई, उससे पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है। इससे पहले भी बंगाल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती रही हैं। गंभीर बात यह है कि हत्यारों के विरुद्ध कोई सख्त कार्यवाही नहीं होती है। अर्जुन चौरसिया की हत्या के मामले में तो अभी तक कोई सुराग भी नहीं मिला है। केंद्रीय गृहमंत्री के कोलकाता में रहते हुए भाजपा कार्यकर्ता की हत्या होने से पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
 
बग्गा की गिरफ्तारी:
6 मई की सुबह पांच बजे पंजाब की पुलिस दिल्ली में भाजपा के युवा मोर्चे के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल बग्गा के घर में घुसी और बग्गा को जबरन गिरफ्तार कर ले गई। तजिंदर के बुजुर्ग पिता ने जब विरोध किया तो पंजाब पुलिस ने उनकी पिटाई की। बग्गा ने पुलिस से आग्रह किया कि उसे कम से कम सिर पर पगड़ी बांधने का अवसर तो दिया जाए। लेकिन पंजाब पुलिस ने सिर पर कपड़ा बांधने की इजाजत भी नहीं दी। बग्गा पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध ट्विटर पर प्रतिकूल टिप्पणी करने का आरोप है। इस टिप्पणी को लेकर ही मोहाली के पुलिस थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया था। बग्गा की गिरफ्तारी इसी मुकदमे में की गई, लेकिन पंजाब पुलिस जब बग्गा को गिरफ्तार कर मोहाली ले जा रही थी, तभी करनाल में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया। इधर बग्गा के पिता ने दिल्ली में पंजाब पुलिस पर उनके पुत्र का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज करवा दिया है। सवाल उठता है कि क्या किसी राजनेता की राजनीतिक आलोचना करने पर गिरफ्तारी हो सकती है? यहां यह उल्लेखनीय है कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश हैं, इसलिए मुख्यमंत्री के अधीन पुलिस विभाग नहीं आता है। लेकिन हाल ही में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के अधीन पंजाब पुलिस आ गई है। पिछले दिनों ही पंजाब पुलिस ने सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास और कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया है। कुमार विश्वास ने तो अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली हे। फिलहाल हाईकोर्ट ने कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लेकिन इन मुकदमों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब पुलिस किस राजनीतिक द्वेषता के साथ काम कर रही है।
 
पति को न बचा पाने का अफसोस:
हैदराबाद की युवती अशरीन सुल्ताना को इस बात का अफसोस है कि 4 मई की रात को वह अपने पति नागराजू को नहीं बचा सकी। सुल्ताना ने अपने मित्र नागराजू के साथ गत जनवरी में आर्य समाज पद्धति के माध्यम से विवाह किया था। लेकिन यह विवाह सुल्ताना के परिवार को पसंद नहीं था। यही वजह रही कि 4 मई की रात को सुल्ताना के भाई ने धारदार हथियार से सरेआम हत्या कर दी। अपने पति को बचाने के लिए सुल्ताना ने भरपूर ताकत लगाई, लेकिन उसके भाई और अन्य साथियों की वजह से सुल्ताना लाचार और बेबस दिखी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में नागराजू को बुरी तरह मारा जा रहा है। अब सुल्ताना ने अपना वीडियो जारी कर कहा है कि उसने नागराजू के साथ विवाह कर कोई गलत काम नहीं किया था। लेकिन उसे अफसोस है कि वह अपने पति को बचा नहीं सकी। सुल्ताना ने कहा कि मौके पर कई लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी मेरी मदद नहीं की। उसने कहा कि जिन लोगों ने मेरे पति की हत्या की है उनके खिलाफ अब सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। सवाल उठता है कि जब सुल्ताना ने नागराजू के साथ विवाह किया था, तो फिर उसके हत्या क्यों की गई? इस मामले में स्वयं भू बुद्धिजीवी लेखक साहित्यकार भी चुप हैं। आमतौर पर हिन्दू समुदाय की कोई युवती जब मुस्लिम युवक से विवाह करती है तो ऐसे बुद्धिजीवी साम्प्रदायिक सद्भावना की बाते करते हैं। लेकिन जब सारे आम एक हिन्दू युवक की हत्या कर दी जाती है तो ऐसे बुद्धिजीवी चुप रहते हैं।
 
लाउड स्पीकर पर अजान जरूरी नहीं:
6 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान की आवाज इस्लाम का हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने यह फैसला एक मस्जिद के मौलाना की याचिका पर दिया। इस याचिका में मांग की गई कि अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर लगाना संवैधानिक अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी गाइड लाइन जारी कर रखी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर यह तय हो गया है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर जरूरी नहीं है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-05-2022)
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