Sunday 19 November 2023

आखिर भाजपा ने राजस्थान में पेट्रोल डीजल पर वैट कम करने का वादा क्यों नहीं किया?काश! 25 नवंबर को मतदान के बाद हाईकोर्ट विधानसभा चुनाव की मतगणना पर रोक लगा दें। तब कांग्रेस को प्रतियोगी परीक्षाओं के रद्द होने पर युवाओं के दर्द का एहसास होगा।

राजस्थान में पेट्रोल पर 31 प्रतिशत और डीजल पर 19.50 प्रतिशत वेट है। राज्य सरकार के इस वैट के कारण पंजाब, हरियाणा, गुजरात आदि राज्यों की सीमा से लगे राजस्थान के जिलों में पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं क्योंकि इन पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल डीजल आ रहा है। भाजपा ने पूरे पांच वर्ष इस बात को लेकर आंदोलन किया कि अधिक वैट के कारण पेट्रोल डीजल महंगा है। भाजपा ने बार बार कांग्रेस सरकार से वैट घटाने की मांग की। जब पेट्रोल पंप एसोसिएशन की हड़ताल हुई तब भी भाजपा ने हड़ताल का समर्थन किया, लेकिन अब जब भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र जारी किया है, तब वैट घटाने का कोई वादा नहीं किया है। सवाल उठता है कि जो भाजपा पांच वर्ष तक वैट घटाने को लेकर आंदोलन करती रही, उस भाजपा ने अपनी सरकार बनने पर वैट घटाने का वादा क्यों नहीं किया? जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो कांग्रेस एक हजार रुपए वाला सिलेंडर पांच सौ रुपए में दे सकती है, लेकिन पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं घटा सकती।
मतगणना पर रोक:
कांग्रेस के पांच वर्ष के शासन में जिस तरह प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट हुए उससे प्रदेश का युवक बुरी तरह त्रस्त है। न केवल पेपर आउट हुए बल्कि परीक्षा के बाद अनेक परीक्षाएं हाईकोर्ट में जाकर अटक गई। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनेक परीक्षाओं को रद्द कर दिया। एक युवक जब परीक्षा देता है तो उसे परिणाम की भी उम्मीद होती है। जब परीक्षा ही रद्द हो जाए तो उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। राजस्थान में राज्य स्तरीय शिक्षक भर्ती परीक्षा (रीट) में 25 लाख युवक युवतियों ने भाग लिया, लेकिन परीक्षा के बाद इसे रद्द कर दिया गया। ऐसी अनेक परीक्षाएं हैं जिन्हें पिछले पांच वर्ष में रद्द किया गया है। जो युवा परीक्षा रद्द होने की वजह से परेशान रहे वे अब सोशल मीडिया पर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे है कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान के बा विधानसभा चुनाव की मतगणना पर हाईकोर्ट रोक लगा दे और फिर चुनाव को रद्द कर दे। ताकि राजनेताओं को युवाओं के दर्द का अहसास हो सके। हाईकोर्ट के पास मतगणना पर रोक लगाने के कई कारण है। नेता प्रचार के दौरान जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वह मर्यादित नहीं है। प्रचार में चार्टर प्लेन और हेलीकॉप्टर का उपयोग भी आचार संहिता के खिलाफ है। हवाई वाहनों के कारण खर्च की सीमा का खुला उल्लंघन हो रहा है। नेता चुनाव में जिस प्रकार धर्म, जाति और धन बल का उपयोग कर रहे हैं, वह भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, जब मतदान के बाद मतगणना पर रोक लगेगी तो इन राजनेताओं को युवाओं का दर्द समझ में आ जाएगा। कोई नेता नहीं चाहता है कि मतगणना पर रोक लगे और चुनाव रद्द हो जाए। सवाल उठता है कि जब राजनेता अपनी चुनाव परीक्षा पर रोक नहीं चाहता तो फिर युवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर क्यों आउट करवाए जाते हैं तथा क्यों हाईकोर्ट लंबी सुनवाई के बाद परीक्षा रद्द कर देती है?

S.P.MITTAL BLOGGER (19-11-2023)

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