Saturday 25 November 2023

अयोध्या में राम मंदिर बनने से देश के सनातनियों को सम्मान मिला तो जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने से आतंकी वारदातों में कमी आई।क्या गत पांच वर्षों में राजस्थान में उज्जैन के महाकाल और बनारस के काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कोई धार्मिक स्थल तैयार हुआ?पानी पियो छानकर वोट दो पहचान कर।

कोई 15 वर्ष पहले तक चुनावों में यह नारा पानी पियो छानकर वोट दो पहचान कर लगता था, लेकिन मोबाइल फोन और उसके बाद सोशल मीडिया के चलन की वजह से चुनाव का यह महत्वपूर्ण नारा गुम हो गया। पानी को छानकर पीने की सलाह इसलिए दी गई ताकि अदृश्य कीटाणु की पहचान भी हो सके। सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले जैन समुदाय के हजारों परिवारों में आज भी पानी को छानकर उपयोग में लिया जाता है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो ाजएगा। यानी अब 24 घंटे भी बाकी नहीं है। मतदान से पहले राजस्थानियों को इस बात पर विचार करना होगा कि अगले पांच साल के लिए राज्य की बागडोर किस दल को सौंपी जाए। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दो ही प्रमुख दल है, लेकिन इन दलों की विचारधारा को समझकर ही वोट दिया जाना चाहिए। 23 नवंबर को प्रदेश में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अंतिम दिन भी राजसमंद में चुनावी सभा को संबोधित किया और फिर सीधे मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में पहुंच गए। मथुरा में मीरा महोत्सव में पीएम ने भाग लिया। सब जानते हैं कि राजस्थान की पहचान भक्त मीरा बाई से भी है। दुनिया भर में विख्यात मीरा बाई का मंदिर मेड़ता में बना हुआ है। कह सकते हैं कि प्रचार थमने के बाद भी पीएम मोदी राजस्थान के लोगों से जुड़े रहे। अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार है। 22 जनवरी को इस भव्य मंदिर में पीएम मोदी रामलला की प्रतिमा को स्थापित करेंगे। जब रामलला अपने जन्म स्थल पर विराजित होंगे तो देश के सनातनियों के आनंद का अंदाजा लगाया जा सकता है। सब जानते हैं कि मंदिर निर्माण की बाधाओं को हटाने में मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का कितना योगदान है। आज देश का हर सनातन धर्म प्रेमी गर्व की अनुभूति कर रहा है। यह भी सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के कारण आतंकवाद को कितना बढ़ावा मिला। सुरक्षा कर्मियों पर रोजाना पत्थरबाजी आम बात थी। आतंकवादियों की पैरवी करने वाले कश्मीर के राजनेताओं का दबाव था कि समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से बात की जाए। यानी जो भूमि भारत की है उसके लिए दुश्मन देश से वार्ता हो। 2014 से पहले कश्मीर के हालात किसी से भी छिपे नहीं थे, लेकिन 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 730 को हटाया गया तो पूरे देश में आश्चर्य व्यक्त किया गया। इसे पीएम मोदी का दृढ़ निश्चय ही कहा जाएगा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया। यह सही है कि आज भी जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं हो जाती है, लेकिन इनकी संख्या जब बहुत कम है। श्रीनगर के जिस लाल चौक में वर्षों तक कर्फ्यू जैसे हालात रहे, उस लाल चौक पर अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी तिरंगा फहरा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में अब भारत का कानून लागू होता है। इसलिए दूसरे प्रदेशों के लोग भी उद्योग स्थापित कर रहे हैं। जो पाकिस्तान हमारे कश्मीर को अपनी बपौती मानता था वो पाकिस्तान आज अपनी आंतरिक समस्याओं के कारण दुनिया के सामने भीख का कटोरा लेकर खड़ा है। अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि देश भर में आतंकी घटनाएं खत्म हुई है। 25 नवंबर को मतदान से पहले राजस्थान के मतदाताओं को यह भी सोचना चाहिए कि पिछले पांच वर्ष में क्या प्रदेश के किसी धर्मस्थल का उज्जैन के महाकाल और बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर विकास हुआ? कोई माने या नहीं लेकिन भारत सनातन संस्कृति को मानने वाला देश है। यहां धार्मिक स्थलों का विकास होना ही चाहिए, क्योंकि आक्रमणकारियों ने हमारे इन धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त किया था। राजस्थान के पांच करोड़ 25 लाख मतदाताओं को यह विचार करना चाहिए कि आखिर कौन सा दल आज भी आक्रमकारियों के समर्थकों के साथ खड़ा हे। जगजाहिर है कि जब नागरिकता कानून में संशोधन करके पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदुओं को भारत में नागरिकता का प्रावधान किया गया तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इन प्रावधानों का विरोध किया। सवाल उठता है कि क्या धर्म के आधार पर पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदुओं को भारत की नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए? जिन लोगों ने हिंदुओं का भारत में नागरिकता देने का विरोध किया आज वे ही ङ्क्षहदुओं से वोट मांग रहे हैं। यह माना कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। धर्मनिरपेक्षता में सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। पिछले पांच सालों में राजस्थान में सनातन धर्म का कितना सम्मान हुआ यह मतदाता अच्छी तरह जानता है। राजस्थान के मतदाताओं को 25 नवंबर को पानी को छानकर, सोच समझकर मतदान करना चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-11-2023)
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