Monday 21 October 2024

एससी वर्ग के आरक्षण का वर्गीकरण करने की घोषणा का फायदा भी हरियाणा में भाजपा को मिला।अजमेर में आर्य संतों ने हरियाणा की जीत का श्रेय सतीश पूनिया को दिया तो पूनिया ने पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व का आभार जताया।मेरे जीवन में अजमेर बहुत महत्व रखता है।

20 अक्टूबर को राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा समय में हरियाणा के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया ने अजमेर में चल रहे स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के समारोह में भाग लिया। समारोह में मौजूद स्वामी ओमानंद सरस्वती, स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती आदि ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की जीत का श्रेय डॉ. पूनिया के पुरुषार्थ को जाता है। स्वामी दयानंद ने भी अपने जीवन में पुरुषार्थ को ही महत्व दिया था। वही अपने संबोधन में डॉ. पूनिया ने आर्य संतों का आभार तो जाया, लेकिन साथ ही कहा कि हरियाणा में भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व को जाता है। आर्य समाज के कार्यक्रम के बाद डॉ. पूनिया ने भाजपा नेता संजय खंडेलवाल के ओंकार नगर स्थित आवास पर दोपहर का लंच लिया। इस अवसर पर भाजपा विधायक अनिता भदेल, पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत, वरिष्ठ नेता भंवर लाल बूला आदि उपस्थित रहे। लंच के दौरान ही डॉ. पूनिया से मुझे भी संवाद करने का अवसर मिला। डॉ. पूनिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पांच सीटों की हार के बाद हरियाणा चुनाव के प्रति मेरे जैसे सभी कार्यकर्ताओं ने मेहनत की। इसी का परिणाम रहा कि भाजपा की जीतहुई। जीत के कई कारणों में से एक एससी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण की घोषणा भी है। हमने वादा किया कि सरकार बनने पर एससी की वंचित जातियां को निर्धारित आरक्षण का आधा हिस्सा दिया जाएगा। यानी 20 प्रतिशत में से 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ सिर्फ वंचित जातियों के परिवारों को ही मिलेगा। हमारी इस घोषणा से वंचित जातियों के मतदाताओं ने एकजुट होकर भाजपा को वोट दिया। एससी वर्ग में उन मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, जिन्हें अभी तक भी आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। डॉ. पूनिया ने कहा कि यह कहना गलत है कि हरियाणा का चुनाव जाट और गैर जाट जातियों के बीच हुआ। भाजपा को जाट बाहुल्य सीटों पर भी जीत मिली है। जाट समुदाय में भी पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व पर भरोसा जताया है।
 
अजमेर का महत्व:
डॉ. पूनिया ने बताया कि उनके जीवन में अजमेर का खास महत्व है। 1992 में जब वे अजमेर के ऋषि उद्यान में विद्यार्थी परिषद के शिविर में मौजूद थे, तभी उन्हें भाजपा में राजनीति करने की अनुमति मिली। इसी प्रकार 1998 में उन्होंने अजमेर से ही पद यात्रा शुरू की, यह पदयात्रा भरतपुर तक गई। पद यात्रा उस समय निकाली गई जब विधानसभा के चुनाव में भाजपा को मात्र 33 सीटें मिली थी। इस पदयात्रा से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा उत्पन्न हुई। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-10-2024)
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