सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली देश की प्रसिद्ध अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने देश भर के पशुपालकों और दुधारू पशुओं की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है। चौधरी ने बताया कि वर्ष 2014 में जब मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे, तब घोषणा की थी कि बजट की चालीस प्रतिशत राशि कृषि क्षेत्र पर खर्च की जाएगी। ताकि कृषि से जुड़े लोगों की आय को वर्ष 2022 तक दुगुना किया जा सके। लेकिन सात वर्ष पहले प्रधानमंत्री ने जो घोषणाएं की उन पर अभी तक भी अमल नहीं हुआ है। इसलिए एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है। चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तब डेयरी उत्पादों पर मात्र पांच प्रतिशत टैक्स था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद डेयरी के उत्पादों पर 12 प्रतिशत टैक्स लगने लगा है। ऐसे में पशुपालकों की आय दोगुनी कैसे हो सकती है। देश में दूध और उससे बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों से लोन दिलवाने का वायदा किया गया था, लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हुआ है। पशु पालकों को लेकर बीस हजार करोड़ रुपए की एक योजना बनाई गई थी, लेकिन इस योजना में 10 प्रतिशत लक्ष्य भी हासिल नहीं किया गया है। दुधारू जानवरों के टीकाकरण, टेगिंग तथा नस्ल सुधार का भी वादा किया गया था, लेकिन ये वादे भी पूरे नहीं हुए हैं। न तो पशुओं के कानों पर टैग लगे है और न ही नस्ल सुधार के लिए कोई योजना बनाई गई है। कोरोना काल में पशुपालक भी बेहद परेशान हैं। लॉकडाउन की वजह से बाजार में दूध की मांग घट गई है। ऐसे में पशुपालकों को बहुत कम कीमत पर दूध की बिक्री करने पड़ रही है। लेकिन केन्द्र सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली दुग्ध डेयरियों और पशुपालकों को आर्थिक मदद देने की कोई घोषणा नहीं की है। चौधरी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को लिखा है कि देश के पशुपालक आज भी उनके वादा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। पत्र के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9414004111 पर रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (22-05-2021)
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