24 मई को अजमेर पुलिस ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए ब्यावर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के एक गोदाम से करीब सवा पांच करोड़ रुपए की प्रतिबंधित नशीली दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किए हैं। यह कार्यवाही जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सूचना पर की गई। 23 मई को ही जयपुर में ऐसी ही दवाइयों और इंजेक्शन जब्त किए गए थे। इनकी कीमत भी करीब पांच करोड़ रुपए आंकी गई। जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा ने बताया कि रामगंज पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर के गोदाम पर छापामार कर 114 कार्टून जब्त किए। इन कार्टून में नशीली दवाइया ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड 100 एमजी, ट्रामाडोल इंजेक्शन 50 एमजी, ट्रामाडोल कैप्सूल 50 एमजी, ट्रामाडोल टैबलेट 50 एमजी की जब्त की गई, इसी प्रकार अल्प्राजोलाम 1एमजी की टेबल भी जब्त की गई। इन सभी टेबलेट और इंजेक्शनों की कीमत करीब सवा पांच करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके लिए अजमेर के सहायक औषधि नियंत्रक ईश्वर सिंह यादव का सहयोग भी लिया गया। एसपी शर्मा ने बताया कि जब्त सभी दवाइयों प्रतिबंधित हैं और एनडीपीएस एक्ट के दायरे में आती हैं। प्राथमिक जांच में अभी तक भी इन दवाइयों की बिलिंग कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन पुलिस ने मौके से गोदाम के केयरटेकर मोबिन और कालू नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जबकि मास्टर माइंड राहुल चौहान और गोदाम मालिक लतीफ की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि राहुल चौहान ने ही गोदाम को तीन हजार रुपए मासिक किराये पर ले रखा है। एसपी शर्मा ने माना कि इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाइयों के स्टॉक के पीछे एक बड़ा गिरोह सक्रिय हैं। यही वजह है कि इस गिरोह तक पहुंचने के लिए पुलिस तत्परता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा, नशीली दवाइयों का कारोबार समाज के लिए बेहद हानिकारक हैं, इसलिए सरकार ने ऐसे दवाइयों को एनडीपीएस एक्ट के दायरे में रखा है। उन्होंने बताया कि ऐसे अनेक दवाएं जब्त की गई है जिनकी बिक्री का विवरण मेडिकल स्टोर वालों को रखना होता है। लेकिन अभी इन दवाओं की खरीद के स्थान की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विमला मार्केट में पूछताछ:
अजमेर के स्टेशन रोड स्थित विमला मार्केट में दवाइयों का थोक कारोबार होता है। इस मार्केट में बड़ी कंपनियों के थोक विक्रेता अपना गोदाम और ऑफिस संचालित करते हैं। नशीली दवाइयों की जब्ती के बाद पुलिस ने विमला मार्केट के कुछ विक्रेताओं से भी पूछताछ की है। हालांकि जिन कंपनियों की दवाइयां जब्त की गई है वे कोई नामी कंपनियां नहीं है। असल में ऐसे कंपनियों के द्वारा तैयार नशीली दवाइयों का उपयोग ही युवा वर्ग करता है। पिछले दिनों अजमेर के पुष्कर में भी नशीली दवाइयों के इंजेक्शन जब्त किए गए थे। जानकारों की मानें तो नशीली दवाइयों के कारोबार का अजमेर ट्रांजिक्ट पॉइंट हो सकता है। ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर ब्यावर रोड पर बना हुआ है। चूंकि अभी ट्रांसपोर्ट नगर में कंपनियों के दफ्तर पूरी तरह शिफ्ट नहीं हुए हैं, इसलिए यहां आमतौर पर सूना पन बना रहता है। इसी स्थिति का फायदा उठाकर ड्रग्स के कारोबारियों ने यहां गोदाम बनाया है। पुलिस अब इस बात की भी तफ्तीश कर रही है कि इस गोदाम से कब से नशीली दवाइयों का कारोबार हो रहा था।
विमला मार्केट में पूछताछ:
अजमेर के स्टेशन रोड स्थित विमला मार्केट में दवाइयों का थोक कारोबार होता है। इस मार्केट में बड़ी कंपनियों के थोक विक्रेता अपना गोदाम और ऑफिस संचालित करते हैं। नशीली दवाइयों की जब्ती के बाद पुलिस ने विमला मार्केट के कुछ विक्रेताओं से भी पूछताछ की है। हालांकि जिन कंपनियों की दवाइयां जब्त की गई है वे कोई नामी कंपनियां नहीं है। असल में ऐसे कंपनियों के द्वारा तैयार नशीली दवाइयों का उपयोग ही युवा वर्ग करता है। पिछले दिनों अजमेर के पुष्कर में भी नशीली दवाइयों के इंजेक्शन जब्त किए गए थे। जानकारों की मानें तो नशीली दवाइयों के कारोबार का अजमेर ट्रांजिक्ट पॉइंट हो सकता है। ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर ब्यावर रोड पर बना हुआ है। चूंकि अभी ट्रांसपोर्ट नगर में कंपनियों के दफ्तर पूरी तरह शिफ्ट नहीं हुए हैं, इसलिए यहां आमतौर पर सूना पन बना रहता है। इसी स्थिति का फायदा उठाकर ड्रग्स के कारोबारियों ने यहां गोदाम बनाया है। पुलिस अब इस बात की भी तफ्तीश कर रही है कि इस गोदाम से कब से नशीली दवाइयों का कारोबार हो रहा था।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-05-2021)
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