शिक्षा विभाग के वरिष्ठ लिपिक और अजमेर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के निजी सहायक 48 वर्षीय मुकेश दायमा के शव का अंतिम संस्कार 31 मई को अजमेर के पुष्कर रोड स्थित शमशान स्थल पर कर दिया गया। कोरोना से संक्रमित होने के बाद दायमा का इलाज जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में हो रहा था, लेकिन 30 मई को रात 8 बजे दायमा ने अंंतिम सांस ली। दायमा का निधन परिवार के लिए तो अपूर्णिय क्षति है ही, लेकिन साथ ही भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के लिए व्यक्तिगत क्षति है। देवनानी के लिए मुकेश दायमा सिर्फ निजी सहायक ही नहीं थे, बल्कि उनके पुत्र से भी बढ़कर थे। देवनानी पिछले 17 साल से विधायक हैं और दायमा पिछले 15 साल से देवनानी के साथ हैं। देवनानी की राजनीति की जितनी जानकारी उनके पुत्र महेश देवनानी को नहीं होगी, उससे ज्यादा दायमा को थी। दायमा सरकारी तौर पर भले ही निजी सहायक थे, लेकिन देवनानी ने दायमा को हमेशा पुत्र के समान ही समझा। यही वजह रही कि स्कूली शिक्षा मंत्री रहते समय जब एक सड़क दुर्घटना में देवनानी के पैर में फ्रैक्चर हुआ तो दायमा हमेशा साथ रहे। जब डॉक्टरों ने घर से बाहर निकलने की इजाजत दी तो दायमा ही देवनानी को वाकर के साथ लेकर चलते थे। इस वाकर के सहारे ही देवनानी किसी समारोह के मंच तक पहुंचे थे। दायमा ने देवनानी को सहयोग करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। देवनानी के चुनावों में भी एक कार्यकर्ता के तौर पर दायमा ने जिम्मेदारी निभाई। दायमा की सिफारिश से ही कई भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्षद का टिकट तक मिला। देवनानी जब जब 2013 से 2018 के बीच प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री थे, तब अजमेर जिले के शिक्षकों के तबादलों का सारा दायित्व दायमा के पास ही था। जिलेभर में दायमा के फीडबैक से ही शिक्षकों के तबादले होते थे। इसे मुकेश दायमा की कार्यशैली ही कहा जाएगा कि उन्होंने वासुदेव देवनानी जैसे मंत्री विधायक का भरोसा बनाए रखा।यही वजह है कि दायमा का निधन देवनानी के लिए व्यक्तिगत क्षति है। निजी सहायक के तौर पर दायमा अनेक मौकों पर देवनानी की आफतों को भी टालते रहे। सवाल उठता है कि जब देवनानी की आफतों को कौन टालेगा? दायमा ने हाल ही में अपने मकान का गृह प्रवेश और भतीजे का विवाह किया। माना जा रहा है कि संक्रमित होने के ये दोनों समारोह कारण बने। दायमा की मिलन सरिता और कर्त्तव्य परायणता भी देवनानी और भाजपा कार्यकर्ताओं का लम्बे समय तक याद रहेगी। अंतिम संस्कार के समय भी देवनानी को बेहद मायूस देखा गया। देवनानी ने दायमा के निवास स्थान पर पहुंचकर परिजन को हिम्मत भी बंधाई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (31-05-2021)
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