राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साढ़े चार साल पहले उस समय भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। जब अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनने के बाद भी वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनी रही। लेकिन राजे ने कभी भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर राजनीतिक सक्रियता नहीं दिखाई। राजे की रुचि राजस्थान में ही रही, इसलिए कभी जन्मदिन तो कभी देव दर्शन के बहाने राजे ने अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। लेकिन 14 जून को राजे ने झारखंड में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर राजनीतिक सक्रियता दिखाई है। मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर देश भर में भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही हैं। इसी अभियान के तहत राजे ने 14 जून को झारखंड में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। राजे का कहना रहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश में तो उल्लेखनीय कार्य किए ही हैं साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का सम्मान बढ़ाया है। राजे ने 14 जून को पूरे आत्मविश्वास के साथ मोदी सरकार की प्रशंसा की। राजे ने राजस्थान के बाहर जो राजनीतिक सक्रियता दिखाई है उससे राजस्थान में राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर है। कहा जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव तक वसुंधरा राजे राजस्थान से बाहर रहकर ही भाजपा को मजबूत करने का काम करेंगी। हाल ही में राजे की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ दिल्ली में लंबी वार्ता हुई थी। इसके बाद ही राजे को झारखंड में देखा गया। मालूम हो कि झारखंड में भाजपा विरोधी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है। राजे को झारखंड में लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलवाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं राजे के समर्थकों का कहना है कि राजे भले ही राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हों, लेकिन चार माह बाद होने वाले राजस्थान के विधानसभा चुनाव में राजे की प्रभावी भूमिका रहेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-06-2023)
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