Sunday 4 August 2024

यहूदियों के इजरायल को बचाने के लिए मुस्लिम देशों के सामने खड़ा हुआ ईसाईयों वाला अमेरिका।मुसलमानों और ईसाइयों की इस जंग को हिन्दू नेता नरेन्द्र मोदी ही रोक सकते है। क्योंकि दोनों का भारत पर भरोसा है।भारत में रहने वाले मुसलमान मोदी पर हो रहे भरोसे को समझे।

ईरान यानि अधिकांश मुस्लिम देश यहूदी आबादी वाले इजरायल पर अब किसी भी समय हमला कर सकते है। यहूदियों के इजरायल को बचाने के लिए ईसाइयों वाला देश अमेरिका मुसलमानों के सामने आकर खड़ा हो गया है। मुस्लिम देशों के हमले के इरादों को देखते हुए अमेरिका ने इजरायल के चारों तरफ सुरक्षा कवच खड़ा कर दिया है। यानी कोई भी मुस्मि देश जल, थल व आकाश से हमला करता है तो उसे अमेरिका बीच में ही नष्ट कर देगा। असल में गत दिनों मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया को किस तरह ईरान में मौत के घाट उतारा गया, उससे ईरान सहित कई मुस्लिम देश गुस्से में है। यहूदी इजरायल को लेकर जिस तरह मुस्लिम और ईसाई देश आमने सामने खड़े हुए है उसे पूरी दुनिया में उथल पुथल मची हुई हे। यदि टकराव होता है तो दुनिया के समक्ष विस्फोटक स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे युद्ध वाले माहौल में दुनिया में एक मात्र हिन्दू नेता नरेंद्र मोदी है जो ईसाइयों और मुसलमानों के बीच होने वाली इस जंग को रोक सकते है। ऐसा इसलिए कि दोनों बड़े समुदायों को मोदी और भारत पर भरोसा है। मोदी ने भारत का प्रधानमंत्री रहते हुए अपने देश की सनातन संस्कृति से जो कुछ सीखा उसी का कारण है कि आज भारत के संबंध मुस्लिम और ईसाई देशों से अच्छे है। हमास चीफ हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आया था। उसी समारोह में मोदी ने भारत के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजा था। मोदी को यह पता था कि जो हमास गाजा में इजरायल से लड़ रहा है उस कट्टरपंथी संगठन का चीफ भी ईरान में मौजूद रहेगा। लेकिन मुस्लिम देशों खासकर ईरान से अच्छे संबंधों के चलते मोदी ने गडकरी को समारोह में भाग लेने के ईरान भेजा। मोदी को यह भी पता था कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया भर के मुस्लिम देशों के शासनाध्यक्ष और प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। सब जानते हैं कि ईरान और मुस्लिम देशों के पीछे रूस और चीन जैसे महाशक्तियां खड़ी है। यह दोनों महाशक्तियां अमेरिका को मुस्लिम देशों के साथ जंग में उलझाए रखना चाहती है। यह भी सब जानते है कि पीएम मोदी ने हाल ही में रूस की यात्रा की तब राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मोदी को सम्मानित किया। यानी मुस्लिम देशों के पीछे खड़ी शक्तियां भी मोदी को दुनिया का शक्तिशाली नेता मानती है। जहां तक ईसाई आबादी वाले अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस आदि देशों का सवाल है तो मोदी पर जितना भरोसा मुस्लिम देशों का है उस से ज्यादा ईसाई देश का भी है। अमेरिका में राष्ट्रपति डेमोक्रेटिक पार्टी का हो या फिर रिपब्लिकन पार्टी दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रपतियों के साथ मोदी के दोस्ताना संबंध रहे है। बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप इसके उदाहरण है। यदि मुस्लिम और ईसाई देशों में सहमति बने तो नरेंद्र मोदी प्रभावी मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते है। मौजूदा समय में दुनिया के देश मुस्लिम और ईसाई देशों में बंटे हुए है। इसमें एकमात्र भारत ऐसा देश है जो किसी गुट में शामिल नहीं है। भारत में मोदी के नेतृत्व में दुनिया में एक अलग पहचान बनाई हे। आज भारत के संबंध इजरायल से भी दोस्ताना पूर्ण है। यदि नरेंद्र मोदी सीधे रूप से इजरायल और ईरान के बीच कोई मध्यस्थता करते हैं तो मध्य एशिया में होने वाली जंग को रोका जा सकता है। आज भारत और मोदी पर ईसाइयों और मुस्लिम देशों का जो भरोसा है उसे भारत के मुसलमानों को भी समझना चाहिए। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे नेता अपने राजनीतिक स्वार्थ की खातिर नरेंद्र मोदी को भले ही मुस्लिम विरोधी बताए, लेकिन मोदी ने पिछले दस वर्षों में ऐसा कोई काम नहीं किया जो मुस्लिम विरोधी हो। जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 को हटाकर भारत को आतंकवादियों से बचाया तथा अयोध्या में मंदिर निर्माण कर देश में सौहार्द के वातावरण को मजबूत किया। मुस्लिम देशों में रहने वाले मुसलमान खासकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुसलमान भी मानते है कि भारत में रहने वाला मुसलमान ज्यादा समृद्धि और सम्मान के साथ रह रहा है ।

S.P.MITTAL BLOGGER (04-08-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment