Monday, 30 December 2024

अहिल्याबाई होल्कर के वंशज भी पुष्कर आएंगे। चार दिन तक होंगे कार्यक्रम। अजमेर कलेक्टर लोकबंधु और एडीएम ककवानी ने जरूरतमंदों की सुध ली।

लोक माता अहिल्या बाई होल्कर की त्रिशताब्दी जन्म जयंती के अवसर पर देशव्यापी अभियान के अंतर्गत तीर्थ नगरी पुष्कर में चार दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। पुष्कर के कार्यक्रम की खासियत यह है कि अहिल्या बाई होल्कर के वंशज उदयराजे होल्कर भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। पुष्कर समारोह समिति के अध्यक्ष दशरथ सिंह तंवर और संयोजक जगदेव सिंह व रणवीर सिंह ने बताया कि 31 दिसंबर को सायं सात बजे पुष्कर के ब्रह्म घाट पर सुंदरकांड के पाठ के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। एक जनवरी को माहेश्वरी सेवा सदन में रात 8 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा, इस सम्मेलन में कवि विनीत चौहान, मुकेश, राम भदावर, गौरव चौहान, राजेंद्र गौड़ आदि भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि पुष्कर के पवित्र सरोवर पर होल्कर घाट भी बना हुआ है। इस घाट पर 2 जनवरी को सायं छह बजे दीपदान और महाआरती होगी। 3 जनवरी को 9 खंडीय मंदिर के सामने विराट धर्मसभा होगी। दोपहर 12 बजे होने वाली इस धर्मसभा में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ प्रवचन देंगे। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. गोपाल कृष्ण और अहिल्या बाई होल्कर के वंशज उदयराजे होल्कर का भी संबोधन होगा। धर्म सभा से पहले पुष्कर में शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा में भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए पुष्कर क्षेत्र के सौ से भ ज्यादा गांव ढाणी में प्रचार प्रसार किया गया है। चूंकि अहिल्या बाई होल्कर की भारत के धार्मिक स्थलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही इसलिए लोगों के मन में अहिल्या बाई के प्रति आज भी सम्मान और श्रद्धा है। अहिल्या बाई ने विपरीत हालातों में भी सनातन धर्म की पताका को लहराया। पुष्कर के कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414166757 पर जगदेव सिंह और 8290671143 पर रणवीर सिंह से ली जा सकती है। जरूरतमंदों की सुध: अजमेर के जिला कलेक्टर लोकबंधु और अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) ज्योति ककवानी ने मुख्यमंत्री सद्भावना केंद्र तथा अन्नपूर्णा रसोई घरों का आकस्मिक निरीक्षण कर जरूरतमंदों की सुध ली। नगर निगम द्वारा संचालित इन संस्थानों में सुविधा प्राप्त कर रहे लोगों से कलेक्टर और एडीएम ने संवाद किया। केंद्रों पर उपस्थित जरुरतमंदों ने बताया कि यहां पर्याप्त सुविधाएं मिल रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (31-12-2024) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

तो पाकिस्तान पर भी तालिबान का कब्जा हो जाएगा? भारत में भी बैठे है तालिबान के समर्थक। अफगानिस्तान के घरों में खिड़कियों पर रोक। ताकि महिलाएं न दिख सके।

पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद अफगानिस्तान पर काबिज मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा पर घमासान मचा रखा है। तालिबानियों ने पाकिस्तान की सीमा में घुस कर कई चौकियों पर कब्जा कर लिया है। तालिबानी लड़ाके लगातार पाकिस्तान की सीमा में घुस रहे हैं। तालिबान को पाकिस्तान में इसलिए सफलता मिल रही है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में तालिबान के समर्थक मौजूद है। पाकिस्तान में बैठे तालिबान समर्थक चाहते हैं कि जिस प्रकार अफगानिस्तान शरिया कानून के तहत चल रहा है, वैसे ही पाकिस्तान भी चले। हालांकि पाकिस्तानी सेना तालिबान के लड़ाकों का मुकाबला कर रही है, लेकिन यह मुकाबला ज्यादा दिन नहीं हो सकेगा। क्योंकि आर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान बेहद कमजोर है। वैसे भी तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को भगा चुके हैं। तकनीक की दृष्टि से मजबूत होने के बाद भी अमेरिकी सेना तालिबानियों का मुकाबला नहीं कर सकी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब तालिबान पूरे पाकिस्तान पर हावी हो जाएगा तो फिर भारत की सीमा पर हालात कैसे होंगे? भारत की सीमा भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। पूर्व में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो भारत के अनेक मुस्लिम संगठनों ने खुशी जताई थी। यानी भारत में भी तालिबान के समर्थक हैं। मालूम हो कि केरल में मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हमास के समर्थन में रैली हो चुकी है। यदि तालिबान का कब्जा पाकिस्तान पर भी होता है तो यह भारत के लिए चिंता की बात होगी। खिड़कियों पर रोक: तालिबान का राज किस प्रकार होता है इसका अंदाजा हाल ही में अफगानिस्तान में जारी एक आदेश से पता चलता है। तालिबान की ओर से कहा गया है कि मकान के रसोई आदि में कोई खिड़की नहीं होगी। तालिबान का मानना है कि रसोई, स्नानघर आदि में महिलाओं का काम ज्यादा होता है। तालिबान नहीं चाहता कि मुस्लिम परिवार की महिलाएं खिड़की से नजर आए। जिन पुराने मकानों में खिड़कियां हैं उन्हें भी बंद करवाने के आदेश दिए गए है। महिलाओं के स्कूल कॉलेज की शिक्षा पर अफगानिस्तान में पहले ही रोक लगा दी है। तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए पहले भी कई प्रतिबंध लगाए हैं। इसके विपरीत धर्मनिरपेक्ष भारत में मुस्लिम महिलाओं को भी पूर्ण स्वतंत्रता है। मुस्लिम परिवारों की लड़कियां भी ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित कान्वेंट स्कूल कॉलेज में पढ़ती है। मुस्लिम लड़कियां फिल्मों में भी धड़ल्ले से काम कर रही है। प्राइवेट ही नहीं सरकारी संस्थाओं में भी मुस्लिम महिलाएं कार्यरत है। S.P.MITTAL BLOGGER (31-12-2024) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि राजनीति में उनका मुकाबला नरेंद्र मोदी से है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के चार दिन बाद ही नव वर्ष के स्वागत के लिए विदेश यात्रा पर जाने का मामला। नव वर्ष का जश्न मनाने वाला मुसलमान गुनाहगार होगा-मौलाना रिजवी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी उन भारतीयों में शामिल हैं जो नए वर्ष का स्वागत करने के लिए विदेश गए है। जो भारतीय विदेश गए वे अपने अपने नजरिए से जश्न भी मना रहे है। किसी भारतीय का विदेश जाना सामान्य बात है, लेकिन राहुल गांधी के विदेश जाने की चर्चा इसलिए हो रही है कि वे रायबरेली से सांसद है और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता। किसी भी जनप्रतिनिधि का जीवन सार्वजनिक होता है। सब जानते हैं कि कांग्रेस की गठबंधन सरकार के दस वर्ष तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर को ही हुआ है। 28 दिसंबर को जब मनमोहन सिंह की शव यात्रा निकाली गई तो राहुल गांधी सेना के उस ट्रक में सवार थे, जिसमें शव रखा गया था। लोगों ने राहुल गांधी को ट्रक पर लटके हुए भी देखा। इससे जाहिर है कि राहुल गांधी को मनमोहन सिंह के निधन का गहरा आघात लगा। यूं भी मनमोहन सिंह के गांधी परिवार से पारिवारिक संबंध रहे। केंद्र सरकार ने भी पूर्व पीएम के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। यह शोक 3 जनवरी को समाप्त होगा। राष्ट्रीय शोक में सरकारी की ओर से भी कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं। यही वजह है कि अब नव वर्ष के स्वागत के लिए राहुल गांधी के विदेश चले जाने पर भारत की राजनीति में चर्चा हो रही है। सवाल उठता है कि जब गांधी परिवार डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर इतना व्यथित है, तब फिर नववर्ष के मौके पर राहुल गांधी विदेश क्यों गए? क्या अपने ही देश में रह कर नववर्ष का स्वागत किया जा सकता था? कांग्रेस के कुछ नेता बचाव में कह रहे है कि विदेश यात्रा राहुल गांधी का निजी मामला है, लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि राजनीति में उनका मुकाबला नरेंद्र मोदी से है। प्रधानमंत्री रहते हुए मोदी ने हमेशा मर्यादा और लोकलाज का ख्याल रखा। तय कार्यक्रम के अनुसार 2 जनवरी को दिल्ली में मोदी की चुनावी रैली होनी थी, लेकिन राष्ट्रीय शोक की वजह से मोदी ने अपनी इस रैली को रद्द कर दिया। दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी के दो माह पहले से ही चुनाव की तैयारी कर रही है और इन दिनों पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हर दिन नया चुनावी वादा कर रहे है। अच्छा होता कि राहुल गांधी दिल्ली चुनाव को लेकर थोड़ी गंभीरता दिखाते। मुसलमान गुनाहगार होगा: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने फतवा जारी करते हुए कहा कि जो मुसलमान नव वर्ष का जश्न मनाएगा वह अपने धर्म का गुनाहगार होगा। रिजवी ने कहा कि इस्लाम अपने धर्म के अनुरूप ही खुशी मनाने की इजाजत देता है। यानी किसी दूसरे धर्म की खुशी में मुसलमान अपनी खुशी नहीं मना सकता। नव वर्ष का जश्न ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी मुसलमान को नववर्ष का जश्न में शरीक नहीं होना चाहिए। रिजवी ने कहा कि यह फतवा इस्लाम की शिक्षाओं के अनुरूप जारी कर रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (31-12-2024) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 29 December 2024

पुष्कर गौ आदि पशु शाला की 12 सौ बीघा भूमि पर अनेक प्रोजेक्ट बन सकते हैं। अजमेर के चारों तरफ रिंग रोड के लिए भी 14 सौ करोड रुपए केंद्र सरकार से आएंगे। कोटड़ा, पंचशील, नाका मदार, रामगंज आदि को उपनगर की तरह विकसित किया जाए। बीके कौल के बाद वासुदेव देवनानी बने है अजमेर के विकास पुरुष-डीबी चौधरी।

राजस्थान सरकार के आगामी बजट में अजमेर से जुड़ी योजनाओं को शामिल करवाने के उद्देश्य से 29 दिसंबर को सर्किट हाउस में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक डीबी चौधरी, अजमेर फोरम के संस्था और दैनिक भास्कर के संपादक रहे रमेश अग्रवाल, राजस्थान पत्रिका के स्थानीय संपादक सीपी जोशी के साथ साथ मुझे भी भाग लेने का अवसर मिला। जिला कलेक्टर लोकबंधु की उपस्थिति ने इस बैठक की गंभीरता को और बढ़ा दिया। देवनानी अजमेर शहर के विधायक भी हैं, इसलिए वे चाहते हैं कि बजट से पहले अजमेर की योजनाओं पर विमर्श हो ताकि फरवरी में प्रस्तुत होने वाले सरकार के बजट में योजनाओं को शामिल किया जा सके। आपसी विमर्श में यह बात सामने आई कि लोहा गल में पुष्कर गौ आदि पशुशाला की 12 सौ बीघा भूमि को रिक्त है उसे जन उपयोग में लाया जा सकता है। गौशाला की प्रबंध समिति के प्रधान डीबी चौधरी ने कहा कि प्रशासन को आवश्यकता होने पर जमीन का कुछ भाग समर्पित किया जा सकता है। देवनानी और कलेक्टर ने इस प्रस्ताव पर संतोष जताते हुए कहा कि जनपयोगी कार्यों के गौशाला की भूमि का आ सकती है। रमेश अग्रवाल ने कहा कि इस भूमि पर एक बड़ा स्टेडियम बनाया जा सकता है। पटेल मैदान को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तब्दील करने के बाद अजमेर में अब कोई ऐसा स्थान नहीं बचा है, जहां बड़े धार्मिक और सामाजिक कार्य हो सके। अग्रवाल ने सुझाव दिया कि कोटड़ा, पंचशील, नाका मदार, रामगंज आदि क्षेत्रों को उपनगर में विकसित किया जाए ताकि यहां के लोगों को मुख्य शहर में न आना पड़े। डीबी चौधरी का कहना रहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह से जुड़े नागफनी पहाड़ी क्षेत्र पर हवाई पट्टी का निर्माण किया जाए ताकि आवश्यकता होने पर हेलीकॉप्टर उतर सके। चौधरी ने कहा कि आनासागर में आने वाले नालों के पानी को चैनल बनाकर फिल्टर प्लांट तक ले जाया जाए, ताकि गंदा पानी आनासागर में न आए। चौधरी ने ट्रीटमेंट प्लांट को पूरी क्षमता के साथ चलाने की बात भी कही। चौधरी के सुझाव पर ही देवनानी ने अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और कलेक्टर लोकबंधु से जयपुर रोड स्थित दीपक नगर योजना को डीनोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए। चौधरी ने कहा कि यदि डीनोटिफिकेशन होता है तो प्राधिकरण के हजारों करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी। वैसे भी प्राधिकरण ने अपनी इस योजना को रद्द कर दिया है। बैठक में एचएमटी की 250 बीघा भूमि को जन उपयोग में लाने पर भी विचार हुआ। चूंकि अब एचएमटी ने बड़े स्तर पर काम नहीं होता इसलिए यह भूमि बेकार पड़ी है। बैठक में मेयो शिक्षण संस्थान से भूमि लेकर श्रीनगर रोड से 9 नंबर पेट्रोल पंप वाले लिंक रोड को चौड़ा करने पर भी विमर्श हुआ। इस लिंक रोड पर यातायात का बहुत दबाव रहता है। बैठक में मेरा सुझाव रहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए हाईटेक लाइब्रेरी का निर्माण किया जाए। इसके साथ ही पुष्कर घाटी के पहाड़ों को काटकर मार्ग को चौड़ा किया जाए। चूंकि पुष्कर डेस्टिेशन मैरिज का हव बन गया हे, इसलिए घाटी पर चौबीस घंटे ट्रैफिक रहता है। देवनानी ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि घाटी को चौड़ा करने की योजना बनाई जाए। मेरा यह भी कहना रहा कि जयपुर रोड से अजमेर शहर में प्रवेश के लिए एंट्री को सुगम और आकर्षक बनाया जाए। इसके लिए अशोक उद्यान की जमीन को लेकर मुख्य मार्ग को चौड़ा किया जाए और एंट्री पर आकर्षक साइन बोर्ड लगाया जाए। राजस्थान पत्रिका के संपादक सीपी जोशी ने कहा कि शहर भर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाए ताकि यातायात सुगम हो सके। बाजारों में दुकानों के आगे अतिक्रमण होने से सड़के छोटी हो गई है। रिंग रोड के लिए 14 सौ करोड़ रुपए: बैठक में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि अजमेर के विकास के लिए वह लगातार प्रयासरत है। शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाने के लिए 14 सौ करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। उनका प्रयास है कि यह राशि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से प्राप्त की जाए, इसके लिए मंत्री नितिन गडकरी से वार्ता भी हो गई है। देवनानी ने कहा कि एमडीएस यूनिवर्सिटी परिसर में जल्द ही आयुर्वेद यूनिवर्सिटी शुरू को जाएगी। यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति पर तेजी से काम हो रहा है। आईटी पार्क का निर्माण भी हो रहा है और उन्हें उम्मीद है कि बड़ी कंपनियां इस पार्क में अपने यूनिट स्थापित करेंगी। कई बड़ी कंपनियों से उनकी बात हो चुकी है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिस साइंस पार्क को निरस्त कर दिया था, उस साइंस पार्क को पुनर्जीवित भी किया गया है। देवनानी ने बताया कि पाल बीसला तालाब को पुनर्जीवित करने के और वैकल्पिक मार्ग तैयार करने पर भी काम हो रहा है। इसी प्रकार रोडवेज बस स्टैंड के लिए निकट की भूमि लेकर विस्तार किया जा रहा है। कोई चालीस करोड़ रुपए की यह योजना बीओटी के तहत तैयार हो रही है। निकट के रोडवेज डिपो की भूमि लेकर आधुनिक तरीके से बस स्टैंड का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने माना कि बिगडी वितरण व्यवस्था की वजह से अजमेर के कुछ क्षेत्रों में पेयजल की समस्या थी, लेकिन अब धीरे धीरे सुधार हो रहा है। अजमेर उत्तर क्षेत्र के 146 जोन में से 143 जोन में अब 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई हो रही है। लीकेज को रोककर सात एमएलडी अतिरिक्त पानी की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार 3 एमएलडी पानी फॉयसागर से लिया जा रहा है। इतना ही नहीं बीसलपुर बांध पर इंटेक वेल का निर्माण कर 7 टीएमसी पानी लेने का प्रबंध किया जा रहा है। साथ ही कोटड़ा, लोहागल, पृथ्वीराज नगर में रिजर्व वेल बनाए गए। आने वाले समय में पेयजल की समस्या नहीं रहेगी। देवनानी ने बताया कि आगरा गेट पर एलिवेटेड रोड के नीचे डाक और दूरसंचार विभाग की भूमि लेकर मार्ग को चौड़ा किया जाएगा। मौजूदा समय में सोनी जी की नसियां के निकट जो जाम की स्थिति रहती है उससे भी निजात दिलाई जाएगी। कचहरी रोड पर सड़क का निर्माण जल्द हो सके, इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे है। देवनानी ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि पर्यटन की दृष्टि से अजमेर शहर के फॉयसागर, अजयपाल, हैप्पी वैली आदि स्थलों को विकसित किया जाए। कौल के बाद विकास पुरुष: बैठक में सिटीजन कौंसिल के प्रमुख और दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक डीबी चौधरी ने कहा कि वह पिछले साठ वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय है। उन्होंने महसूस किया है कि बालकृष्ण कौल के बाद वासुदेव देवनानी अजमेर में विकास पुरुष के रूप में सामने आए हैं। कौल के समय मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज, पेयजल के लिए बनास योजना का लाभ मिला, वहीं अब देवनानी के विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए अजमेर को आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, आईटी पार्क जैसे संस्थान मिल रहे हैं। चौधरी ने कहा कि देवनानी अजमेर के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं। एक जागरूक जनप्रतिनिधि होने के कारण देवनानी छोटी छोटी समस्याओं का निदान कराते हैं। सबसे खास बात यह है कि देवनानी सरलता के साथ आम नागरिक से मुलाकात करते हैं। राजनीति में देवनानी जैसे नेता कम ही देखने को मिलते हेँ। चूंकि देवनानी मौजूदा समय में विधानसभा के अध्यक्ष है, इसलिए सरकार पर दबाव डालकर हर समस्या का समाधान करवा सकते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (30-12-2024) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

तो क्या केजरीवाल द्वारा शासित पंजाब की सरकार किसान नेता डल्लेवाल को आत्महत्या के लिए उकसा रही है? सुप्रीम कोर्ट की ऐसी टिप्पणी किसी भाजपा शासित राज्य पर कर देता तो सरकार की बर्खास्तगी की मांग हो जाती। रोड और रेल ट्रैक जाम होने से देशभर में परेशानी।

सब जानते है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार है और भगवंत मान मुख्यमंत्री हैं। किसानों की मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बेमियादी अनशन पर है। डल्लेवाल की स्थिति लगातार नाजुक हो रही है। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि डल्लेवाल को अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया जा सकता। इस पर जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने पंजाब सरकार के रवैए के प्रति नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करने में सरकार खुद को असहाय दर्शा रही है तो यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा हे। यानी सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि पंजाब सरकार डल्लेवाल को आत्महत्या के लिए उकसा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार पर जो टिप्पणी की है ऐसी टिप्पणी यदि भाजपा शासित किसी राज्य सरकार पर की जाती तो अब तक सरकार को बर्खास्तगी की मांग हो जाती। अरविंद केजरीवाल माने या नहीं, लेकिन किसान आंदोलन को बनाए रखने के लिए पंजाब सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब किसानों का समूह हरियाणा की सीमा पर बैठा है। तब भी पंजाब पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। कोई नहीं चाहता कि किसान नेता डल्लेवाल के साथ कोई अप्रिय घटना हो। किसानों की आवाज उठाने में डल्लेवाल का बड़ा योगदान है, लेकिन प्रतीत होता है कि अरविंद केजरीवाल और पंजाब सरकार को डल्लेवाल की कोई चिंता नहीं है। केजरीवाल और पंजाब सरकार चाहती है कि डल्लेवाल के साथ होने वाली अप्रिय घटना का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा जाए। यही वजह है कि डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। डल्लेवाल के अनशन को लेकर अब 31 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, लेकिन इस बीच 30 दिसंबर को पंजाब में रेल और रोड ट्रैक को जाम कर दिया गया है। किसानों की इस कार्यवाही से देश भर के लोगों को परेशानी हो रही है। रेल मार्ग पर जाम की स्थिति को देखते हुए यात्री गाडिय़ों को रद्द कर दिया है। साथ ही 30 दिसंबर को कोई भी वाहन पंजाब की सीमा में प्रवेश नहीं कर रहा है। रेल और रोड ट्रैक जाम होने से लोगों को होने वाली परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (30-12-2024) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 24 December 2024

52 साल में से 25 साल से मेयर- विधायक हैं अनिता भदेल।एससी वर्ग की नेत्री के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। मैं तो जनसेवा में लगी हूं।

अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अनिता भदेल 23 दिसंबर को 52 वर्ष की हो गई। भदेल ने 23 दिसंबर को गुजरात स्थित द्वारकाधीश मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किया। तय कार्यक्रम के अनुसार भदेल 24 दिसंबर को सोमनाथ के मंदिर में ज्योर्तिलिंग की पूजा अर्चना करेंगी। अगले दिन नागेश्वर धाम के दर्शन के बाद 28 दिसंबर को अजमेर लौटेंगी। जन्मदिन के अवसर पर पांच दिनों की धार्मिक यात्रा और अनुष्ठान पहले से ही निर्धारित कर लिए गए थे। धार्मिक यात्रा को देखते हुए समर्थकों ने 22 दिसंबर को ही भदेल को फूलों की मालाएं पहनाकर शुभकामनाएं दी। एससी वर्ग की नेत्री भदेल के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि वह 52 साल में से 25 साल से मेयर, विधायक हैं। वर्ष 2000 में भदेल पहली बार पार्षद बनी और अजमेर के मेयर के पद पर आसीन हो गई। चार वर्ष तक मेयर रहने के बाद वर्ष 2003 में पहली बार सुरक्षित क्षेत्र अजमेर दक्षिण से चुनाव लड़ा और विधायक बनी। वर्ष 2023 में भदेल इसी क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार विधायक चुनी गई। आमतौर पर दूसरी और तीसरी बार विधायक बनना मुश्किल होता है, लेकिन श्रीमती भदेल उन चुनिंदा नेताओं में शामिल है जो लगातार एक ही विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक बनी है। यही वजह है कि क्षेत्र के सभी नागरिक भदेल को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं। भदेल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। जुझारू प्रवृत्ति होने के कारण भदेल केंद्र की योजनाओं का लाभ भी अपने क्षेत्र के लोगों को दिलवा रही है। यही वजह है कि सड़कों के जाल के साथ साथ सरकारी शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत है। पेयजल सप्लाई भी अपेक्षाकृत अच्छी है। वर्ष 2023 का चुनाव भदेल के लिए चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि भाजपा के कुछ नेता भदेल को हराने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन भदेल की लोकप्रियता और आम लोगों से सीधे संवाद की वजह से भदेल ने जीत हासिल की। लगातार पांचवीं बार विधायक बनने के कारण उम्मीद थी कि भदेल को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा। वैसे भी शिक्षित महिला और एससी वर्ग की होने के कारण भदेल का मंत्री पद पर दावा मजबूत था। लेकिन भदेल को भजनलाल सरकार में मंत्री बनने का अवसर नहीं मिला। मंत्री न बनाए जाने के संबंध में भदेल का कहना रहा कि मैं तो जनसेवा में लगी हंू। मुझ पर शुरू से ही ईश्वर की कृपा रही है। मैंने अपना जीवन भजन गंज क्षेत्र की एक निजी स्कूल में शिक्षिका के तौर पर शुरू किया था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इसी क्षेत्र से पांच बार विधायक चुनी जाऊंगी। मैंने जनसेवा का जो संकल्प लिया है उसे पूरा कर रही हंू। मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैं उस भाजपा की कार्यकर्ता हूं, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। मेयर-विधायक बनने से पहले में भजन गंज के जिस मकान और गली में रहती थी उसी गली और मकान में आज भी रह रही हंू। इसी गली में जनसुनवाई भी करती हंू। मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का हमेशा प्यार और स्नेह मिला है। मोबाइल नंबर 9829070288 पर श्रीमती भदेल को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

25 करोड़ की मुस्लिम आबादी वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम देश कुवैत का सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर मिलना बहुत मायने रखता है।मुसलमानों पर अत्याचार की हकीकत सीरिया में देखी जा सकती है।

मध्य पूर्व के सीरिया में जब इन दिनों मुस्लिम शासक असद के अत्याचारों की घटनाएं लगातार सामने आ रही है, तब 25 करोड़ की मुस्लिम आबादी वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम देश कुवैत का सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर मिलना बहुत मायने रखता है। सीरिया में राष्ट्रपति असद के तख्तापलट के बाद अब पता चल रहा है कि मुसलमानों पर कितना अत्याचार किया गया। यह अत्याचार सिर्फ इसलिए किया गया कि मुसलमान राष्ट्रपति असद का विरोध कर रहे थे। विरोधियों को कुचलने के लिए असद की सेना ने 72 यातना केंद्र बना रखे थे। हत्या के बाद शव के टुकड़े कर तेजाब जैसे केमिकल में गला दिया जाता था। मीडिया में अब प्रतिदिन असद के अत्याचारों के किस्से आ रहे है। ऐसे माहौल में मुस्लिम देश कुवैत ने भारत के पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है। असल में कुवैत के अमीर अल जबर अल सबा को भी पता है कि दुनिया में मुसलमान सबसे अच्छी स्थिति में भारत में रह रहे हैं। भारत में नरेंद्र मोदी के पिछले 11 वर्षों के शासनकाल में किसी भी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं किया गया। भारत की जो उपलब्धियां रही हैउसी के कारण मोदी को कुवैत ने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा हे। कोई माने या नहीं, लेकिन आज भारत की राजनीति में मुसलमानों का मुद्दा अहम हो गया है। कई राजनीतिक दलों का तो भविष्य ही मुस्लिम वोटों पर टिका है। ऐसे राजनीतिक दल मुसलमानों का कितना भला कर पाए इसकी समीक्षा तो खुद मुसलमानों को करनी चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि भारत में जिन 81 करोड़ लोगों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है उन में बड़ी संख्या में मुसलमान भी शामिल है। पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भले ही गरीब मुसलमानों को दो वक्त की रोटी न मिल रही हो, लेकिन भारत में कई करोड़ मुसलमानों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। यदि किसी मुस्लिम परिवार में दस सदस्य है तो उसे 50 किलो अनाज मिलता है। यही स्थिति अन्य सरकारी योजनाओं की भी है। समाजवादी पार्टी, टीएमसी, आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस जैसी पार्टियां मोदी के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन यदि मोदी की छवि मुस्लिम विरोधी होती तो कुवैत जैसा देश अपना सर्वोच्च सम्मान नहीं देता। ऐसा नहीं कि किसी मुस्लिम देश में पहली बार मोदी को सर्वोच्च सम्मान से नवाजा हो। इससे पहले भी कई मुस्लिम देशों ने मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। भारत में जो मुस्लिम नेता राजनीतिक स्वार्थ की खातिर मोदी पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते हैं, उन्हें एक बार सीरिया के हालात देखने चाहिए। इसके साथ ही कुवैत में मिले सर्वोच्च सम्मान की प्रशंसा भी करनी चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

जब संभल में जमीन से पूरे मंदिर, कुए, बावड़ी, तालाब आदि निकल रहे है तब प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट क्या करेगा?अखिलेश, ममता जैसे नेताओं को मौजूदा जमीनी हकीकत को समझना चाहिए।अब राहुल गांधी ने भी अपना टी शर्ट का रंग बदल लिया है।

उत्तर प्रदेश के संभल की शाही मस्जिद और अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में सनातन धर्म के मंदिर और प्रतीक चिह्न होने के दावों के मद्देनजर अनेक मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी है। इन याचिकाओं में कहा गया कि 1991 में द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट प्रभावी हो गया, इसलिए अब किसी भी मस्जिद अथवा दरगाह में पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे नहीं करवाया जा सकता है। वर्शिप एक्ट के अनुसार 1947 में धार्मिक स्थलों को जो स्थिति थी, वह कायम रहेगी। वर्शिप एक्ट को देखते हुए ही विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा मस्जिद परिसरों के सर्वेक्षण करवाने वाले आदेशों पर रोक लगा दी। कहा गया कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक देश की कोई भी अदालत मस्जिद अथवा दरगाह में मंदिर होने के मुकदमों में कोई निर्णय नहीं देगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर वर्शिप एक्ट पर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए है। केंद्र सरकार को 9 जनवरी तक अपना पक्ष रखना है। लेकिन सवाल उठता है कि जब उत्तर प्रदेश के संभल में जमीन के अंदर पूरे मंदिर, कुएं, बावड़ी, तालाब आदि निकल रहे हैं, तब वर्शिप एक्ट क्या करेगा? देश के विभाजन के समय 1947 के बाद संभल में जो सांप्रदायिक दंगे हुए उनमें मंदिरों, कुओं तालाबों और बावडिय़ों को ही जमीन में दफन कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 1978 में हुए दंगों में लोगों को टायरों से बांधकर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई। आजादी के समय संभल में हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी, लेकिन दंगों के बाद यह आबादी मात्र 20 प्रतिशत रह गई है। हिंदू समुदाय के लोगों ने जब जान बचाने के लिए घर छोड़ा तो सनातन धर्म के चिन्हों को भी छोड़ना पड़ा। आज संभल में मुस्लिम आबादी 80 प्रतिशत है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और उनके परिवार के सदस्य ही चुनाव जीतते हैं। खुद सांसद बर्क पर दंगे भड़काने, बिजली चोरी आदि करने के गंभीर आरोप लगे है। अब जब प्रशासन की सख्ती हो रही है, तब जमीन के अंदर से सनातन संस्कृति निकल रही है। 1991 को वर्शिप एक्ट मस्जिदों में बदलाव की इजाजत नहीं देता, लेकिन जब जमीन के अंदर से पूरे मंदिर ही निकल रहे तो तब सुप्रीम कोर्ट वर्शिप एक्ट पर निर्णय देना चाहिए। देश में संभव जैसे कई स्थान है, जहां आजाद के बाद सनातन धर्म के चिह्नों को जमीन में दफन कर दिया गया। कश्मीर घाटी में तो आज भी हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। देश की इस जमीनी हकीकत को अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को समझनी चाहिए। यह माना कि अखिलेश और ममता का एक वोट बैंक है, लेकिन ऐसे नेताओं को हिंदू समुदाय के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए। जहां तक हिंदू समुदाय की प्रवृत्ति का सवाल है तो सनातन संस्कृति दूसरे धर्म के लोगों का सम्मान करने की सीख देती है। यही वजह है कि भारत में मुस्लिम समुदाय सम्मान और समृद्धि के साथ रह रहा है। इसके विपरीत मुस्लिम देशों में खुद मुसलमानों की स्थिति देखी जा सकती है।

राहुल की टी शर्ट का रंग बदला:
राजनीति के बदलते रंग में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी अपनी टी शर्ट का रंग बदल लिया है। पिछले दो वर्षों से राहुल गांधी सफेद रंग की टी शर्ट पहन रहे है, लेकिन विगत कुछ दिनों से राहुल गांधी नीले रंग की टी शर्ट में नजर आ रहे है। नीले रंग को अंबेडकर वादियों का प्रतीक माना जाता है। कांग्रेस देश भर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अधूरे बयान को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर को अपमानित करने वाला बयान दिया है। 23 दिसंबर को राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में एक दलित परिवार के पीड़ित सदस्यों से मुलाकात की तब भी नीले रंग की टी शर्ट पहन रखी थी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-12-2024)
Website- www.spmittal.in
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Sunday, 22 December 2024

पीएम मोदी से मिलने के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने योग मुद्रा वाला फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।योग से मन शांत और नियंत्रित रहता है-बाबा रामदेव।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने 20 दिसंबर को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात वाला फोटो पोस्ट किया। इसके अगले ही दिन वसुंधरा राजे ने योग की मुद्रा वाला अपना फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। दूसरे दिन के फोटो से प्रतीत होता है कि मुलाकात में पीएम मोदी ने राजे को नियमित योग करने की सलाह दी है। वही जानकारों के अनुसार राजे की मोदी से लंबे समय बाद मुलाकात हुई है। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दोनों के बीच वन टू वन संवाद हुआ। यानी जब राजे और मोदी बात कर रहे थे, तब कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं था। सब जानते हैं कि पिछले सात वर्षों से भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ वसुंधरा राजे के संबंध अच्छे नहीं रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को बहुमत मिला तब राजे ने जयपुर स्थित आवास पर 40 से भी ज्यादा नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों को एकत्रित कर लिया। यह बात अलग है कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने फिर भी राजे की मुख्यमंत्री के पद पर दावेदारी को खारिज कर पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया। भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही राजे के रुख में बदलाव देखा गया। पिछले दिनों दिल्ली में हुई भाजपा संगठन की एक बैठक में राजे ने भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से भाग लिया। राजे के बदले हुए सकारात्मक रुख के मद्देनजर ही पीएम मोदी के साथ मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मन शांत और नियंत्रित रहता है:
योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि नियमित योग से मन शांत और नियंत्रित रहता है। कई बार इच्छाओं की पूर्ति न होने पर मन भटक जाता है। जिसकी वजह से शरीर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, इसलिए इच्छाओं की पूर्ति न होने पर हर व्यक्ति को प्रतिदिन आधा घंटा योग करना चाहिए। बाबा रामदेव ने मन को नियंत्रित करने के लिए सूर्य नमस्कार के साथ साथ अनुलोम विलोम और कपालभाति करने की भी सलाह दी है।

S.P.MITTAL BLOGGER (22-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

धर्म जागरण और गौ सेवा के उद्देश्य से बांके बिहारी गार्डन में भागवत कथा शुरू। साधना और ईश्वर चैनल पर प्रसारण।अहिल्या बाई को प्रेरणा मानकर तीन हजार महिलाओं ने शोभा यात्रा निकाली।कथा से प्राप्त आय गौशाला को दी जाएगी।

धर्म जागरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लोक माता अहिल्या बाई से प्रेरणा लेकर 22 दिसंबर को अजमेर में अर्जुन लाल सेठी कॉलोनी में तीन हजार महिलाओं ने मिट्टी का कलश सिर पर रख कर शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा ब्यावर रोड स्थित पर्वतेश्वर महादेव मंदिर से रवाना होकर कथा स्थल बांके बिहारी गार्डन पर पहुंची। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथावाचक ज्ञान देव महाराज (श्रीधाम वृंदावन वाले) की भागवत कथा शुरू हो गई। यह कथा 28 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 12 से सायं चार बजे तक होगी। कथा के आरंभ में ज्ञान देव महाराज ने कहा कि आज महिलाओं ने जिस प्रकार कलश यात्रा में उत्साह दिखाया है, उससे प्रतीत होता है कि तीन सौ वर्ष पहले अहिल्या बाई होलकर ने जो धर्म जागरण की पताका लहराई वे आज भी लहरा रही है। उन्होंने कहा कि विपरीत हालातों में भी अहिल्या बाई ने देश भर में मंदिरों के पुनर्निर्माण का काम किया। आज भी देश में सनातन धर्म को बचाने की जरूरत है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन काल में जिस प्रकार अत्याचारियों से मुकाबल किया उसी प्रकार आज धर्म जागरण की जरूरत है। भागवत कथा के संयोजक हिमांशु टांक ने बताया कि भागवत कथा का प्रसारण साधना गोल्ड और ईश्वर चैनल पर होगा। उन्होंने बताया कि कथा के दौरान विभिन्न झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। कथा से प्राप्त आय श्री श्याम गौशाला एवं गौ रक्षा सेवा समिति पालरा अजमेर को दी जाएगी। कथा के आयोजन में नरेंद्र मालाकर, सुरेश सिंह रावत, तखत सिंह गौड़, पृथ्वी सिंह गौड़, बीरम देव रावत, लव कुश पांडे, गौरव पाठक, ममता कंवर पिंकी कंवर, माया चौहान, मालती रावत, ज्योति त्रिवेदी, पूजा पंथ, सिद्दी मालू, मंजू शर्मा, नंदिनी बुंदेल आदि की सक्रिय भूमिका है। कथा समापन के बाद 29 दिसंबर को 21 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं भंडारे का आयोजन किया गया है। भागवत कथा के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 8000019272 व 8302360947 पर हिमांशु टांक से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

धर्म जागरण और गौ सेवा के उद्देश्य से बांके बिहारी गार्डन में भागवत कथा शुरू। साधना और ईश्वर चैनल पर प्रसारण।अहिल्या बाई को प्रेरणा मानकर तीन हजार महिलाओं ने शोभा यात्रा निकाली।कथा से प्राप्त आय गौशाला को दी जाएगी।

धर्म जागरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लोक माता अहिल्या बाई से प्रेरणा लेकर 22 दिसंबर को अजमेर में अर्जुन लाल सेठी कॉलोनी में तीन हजार महिलाओं ने मिट्टी का कलश सिर पर रख कर शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा ब्यावर रोड स्थित पर्वतेश्वर महादेव मंदिर से रवाना होकर कथा स्थल बांके बिहारी गार्डन पर पहुंची। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथावाचक ज्ञान देव महाराज (श्रीधाम वृंदावन वाले) की भागवत कथा शुरू हो गई। यह कथा 28 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 12 से सायं चार बजे तक होगी। कथा के आरंभ में ज्ञान देव महाराज ने कहा कि आज महिलाओं ने जिस प्रकार कलश यात्रा में उत्साह दिखाया है, उससे प्रतीत होता है कि तीन सौ वर्ष पहले अहिल्या बाई होलकर ने जो धर्म जागरण की पताका लहराई वे आज भी लहरा रही है। उन्होंने कहा कि विपरीत हालातों में भी अहिल्या बाई ने देश भर में मंदिरों के पुनर्निर्माण का काम किया। आज भी देश में सनातन धर्म को बचाने की जरूरत है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन काल में जिस प्रकार अत्याचारियों से मुकाबल किया उसी प्रकार आज धर्म जागरण की जरूरत है। भागवत कथा के संयोजक हिमांशु टांक ने बताया कि भागवत कथा का प्रसारण साधना गोल्ड और ईश्वर चैनल पर होगा। उन्होंने बताया कि कथा के दौरान विभिन्न झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। कथा से प्राप्त आय श्री श्याम गौशाला एवं गौ रक्षा सेवा समिति पालरा अजमेर को दी जाएगी। कथा के आयोजन में नरेंद्र मालाकर, सुरेश सिंह रावत, तखत सिंह गौड़, पृथ्वी सिंह गौड़, बीरम देव रावत, लव कुश पांडे, गौरव पाठक, ममता कंवर पिंकी कंवर, माया चौहान, मालती रावत, ज्योति त्रिवेदी, पूजा पंथ, सिद्दी मालू, मंजू शर्मा, नंदिनी बुंदेल आदि की सक्रिय भूमिका है। कथा समापन के बाद 29 दिसंबर को 21 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं भंडारे का आयोजन किया गया है। भागवत कथा के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 8000019272 व 8302360947 पर हिमांशु टांक से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Thursday, 12 December 2024

परिवारवादी राजनीति को खत्म करने के लिए एक लाख युवाओं का चयन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी।इसकी शुरुआत भाजपा से ही होगी।

11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर दोहराया है कि देश से परिवारवादी राजनीति को खत्म करने के लिए एक लाख युवाओं का चयन किया जाएगा। इंजीनियरिंग से जुड़े एक कार्यक्रम को वर्चुली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे राजनीति में ऐसे एक लाख युवाओं का चयन कर रहे हैं, जिनकी पृष्ठभूमि राजनीति की न हो। यानी जिस युवा का परिवार कभी भी राजनीति में न रहा हो उसे राजनीति में लाया जाएगा। मोदी ने कहा कि भारत का युवा जब अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में सफल हो सकता है तो अपने देश में क्यों नहीं। एक लाख युवाओं को आगे लाकर नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन करना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि मौजूदा राजनेताओं को हटाया जाए। भाजपा में जो राजनेता अपने बच्चों को आगे लाना चाहते हैं उन्हें नरेंद्र मोदी के इस बयान से निराशा होगी। क्योंकि गैर राजनीति वाले युवाओं को सबसे पहले भाजपा में ही समायोजित किया जाएगा। देखना होगा कि पीएम मोदी की यह पहल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, टीएमसी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आदि में कितनी सफल होती है। ये पार्टियां तो परिवारवाद की धुरी पर ही टिकी है। राजनीति में परिवार में सबसे मजबूत स्थिति कांग्रेस की है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के माता पिता ही नहीं बल्कि दादी और दादी के पिता तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

परिवारवादी राजनीति को खत्म करने के लिए एक लाख युवाओं का चयन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी।इसकी शुरुआत भाजपा से ही होगी।

11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर दोहराया है कि देश से परिवारवादी राजनीति को खत्म करने के लिए एक लाख युवाओं का चयन किया जाएगा। इंजीनियरिंग से जुड़े एक कार्यक्रम को वर्चुली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे राजनीति में ऐसे एक लाख युवाओं का चयन कर रहे हैं, जिनकी पृष्ठभूमि राजनीति की न हो। यानी जिस युवा का परिवार कभी भी राजनीति में न रहा हो उसे राजनीति में लाया जाएगा। मोदी ने कहा कि भारत का युवा जब अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में सफल हो सकता है तो अपने देश में क्यों नहीं। एक लाख युवाओं को आगे लाकर नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन करना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि मौजूदा राजनेताओं को हटाया जाए। भाजपा में जो राजनेता अपने बच्चों को आगे लाना चाहते हैं उन्हें नरेंद्र मोदी के इस बयान से निराशा होगी। क्योंकि गैर राजनीति वाले युवाओं को सबसे पहले भाजपा में ही समायोजित किया जाएगा। देखना होगा कि पीएम मोदी की यह पहल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, टीएमसी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आदि में कितनी सफल होती है। ये पार्टियां तो परिवारवाद की धुरी पर ही टिकी है। राजनीति में परिवार में सबसे मजबूत स्थिति कांग्रेस की है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के माता पिता ही नहीं बल्कि दादी और दादी के पिता तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

दहेज प्रताड़ना के कानून से भी ज्यादा खतरनाक है एससी एसटी का कानून।हजारों लोग बेवजह जेलों में पड़े हैं। अधीनस्थ अदालतें भी जमानत नहीं दे रही।

दहेज प्रताड़ना कानून के अंतर्गत हुई कार्यवाहियों से परेशान होकर बेंगलुरू के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड कर लेते के बाद अब देशभर में दहेज प्रताड़ना कानून के नाम पर हो रही ज्यादतियों को लेकर चर्चा हो रही है। न्यूज़ चैनलों पर इस कानून के प्रावधानों को लेकर बहस हो रही है। अधिकांश लोगों का मानना है कि इस कानून की आड़ में निर्दोष लोगों को परेशान किया जाता है। पीड़ित महिला के बयान के आधार पर ही पति के साथ साथ सास ससुर, ननद देवरानी आदि रिश्तेदारों को भी मुजरिम बना दिया जाता है। भले ही पीड़ित महिला अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती हो, लेकिन फिर भी ससुराल वालों पर आरोप लगाए जाते हैं। इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड करने से पहले एक वीडियो बनाया और अपने केस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अतुल सुभाष का कहना रहा कि पुलिस ही नहीं अदालतें भी दहेज प्रताड़ना के मामले में न्याय नहीं कर रही है। पुलिस में चल रहे भ्रष्टाचार को भी अतुल ने उजागर किया है। आज देश भर में जिस तरह दहेज प्रताड़ना कानून को लेकर चर्चा हो रही है, वैसी ही चर्चा एससी एसटी (अत्याचार निवारण) कानून को लेकर भी होनी चाहिए। इस कानून में भी शिकायतकर्ता के आरोप मात्र पर ही गिरफ्तारी हो जाती है। संबंधित व्यक्ति ने जातिसूचक शब्द बोलकर अपमानित किया या नहीं इसकी जांच बाद में होती है। प्रथम दृष्टया यह माना जाता है कि एससी एसटी वर्ग के व्यक्ति ने जो बात कही है, वह सही है। गंभीर बात तो यह है कि बिना जांच के गिरफ्तारी होने पर अधीनस्थ अदालतें भी जमानत नहीं देती है। जबकि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि अधीनस्थ अदालतों को जमानत देने से घबरा नहीं चाहिए। यदि न्यायाधीश को यह लगता है कि आरोपी व्यक्ति निर्दोष है तो जमानत दी जानी चाहिए। आज जिस प्रकार दहेज प्रताड़ना कानून के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं उसी प्रकार एससी एसटी कानून के दुरुपयोग की भी खबरें आ रही है। रिकॉर्ड बताता है कि एससी एसटी के आधे से ज्यादा मामलों में अदालतों में आरोप लगाने वाला व्यक्ति बयान बदला देता है। कई मामलों में समझौता भी हो जाता है। यह सही है कि समाज में सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए एससी एसटी (अत्याचार निवारण) कानून बनाया गया है। कई मामलों में यह कानून जरूरी भी है, लेकिन देखने में आया है कि व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए भी ऐसे आरोप लगा दिए जाते हैं। यदि किसी श्रमिक को मन मर्जी का मेहनताना नहीं मिला तो वह भी संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एससी एसटी कानून में मुकदमा दर्ज करवा देता है। कई बार अधीनस्थ कर्मचारी उच्च अधिकारी के खिलाफ भी ऐसा मुकदमा दर्ज करवा देता है। जब रिपोर्ट लिखाई जाती है तो सबसे ज्यादा मौज पुलिस की होती है। बिना जांच के गिरफ्तारी का डर दिखाकर पुलिस अपना स्वार्थ पूरा कर लेती है। ऐसे मामलों में भारी लेनदेन होता है। जो व्यक्ति मोटी राशि देने में असमर्थक है उसे जेल जाना ही पड़ता है। इस कानून के कारण ही आज हजारों लोग बेवजह जेलों में पड़े हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जब एससी एसटी वर्ग के लोग प्रशासन के साथ साथ राजनीति में भी उच्च पदों पर बैठे हैं, तब इस कानून के सख्त प्रावधानों पर विचार होना ही चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

भजनलाल के राइजिंग रिलायबल, रिसेप्टिव राजस्थान के पीछे पीएम मोदी की गारंटी है, इसलिए एक वर्ष बाद ही एमओयू का हिसाब देने का वादा किया गया है।

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट के समापन समारोह में 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अगले वर्ष 11 दिसंबर को ही वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताएंगे कि एमओयू कितने सफल हुए हैं। आज जो लोग एमओयू पर सवाल उठा रहे हैं, उन सब का जवाब दे दिया जाएगा। मात्र एक वर्ष बाद ही एमओयू की प्रगति रिपोर्ट देने का वादा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इसलिए कर पा रहे है कि राइजिंग रिलायबल, रिसेप्टिव राजस्थान के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी है। भले ही एमओयू भजन सरकार ने किए हो, लेकिन इन की क्रियान्विति की जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार की हकै। हालांकि पूर्व में भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी निवेश के लिए ऐसा सम्मेलन किया था, लेकिन तब वसुंधरा राजे की स्वयं की मेहनत थी, इसलिए एमओयू की क्रियान्विति सफल नहीं हो सकी। इस बार अधिकांश एमओयू केंद्र सरकार की सहमति से हुए हैं। राज्य के किसी भी एमओयू की क्रियान्विति तभी होती है, जब केंद्र सरकार का समर्थन हो। विदेशी कंपनियों के उद्योगों में तो केंद्र सरकार का ही दखल होता है। 9 से लेकर 11 दिसंबर तक जयपुर में ग्लोबल समिट करने से पहले मोदी सरकार की योजना के अंतर्गत ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो चरणों में विदेश यात्राएं की। इन विदेश यात्राओं के पीछे सीएम शर्मा के अनुभव को बढाना था। इसमें कोई दो राय नहीं कि अगले एक वर्ष में अधिकांश एमओयू का काम शुरू हो जाएगा। स्वदेशी से ज्यादा विदेशी कंपनियों के एमओयू में प्रगति होगी। अलबत्ता उन स्वार्थी लोगों को निराश होना पड़ेगा। जिन्होंने सस्ती जमीन और सब्सिडी के लालच में एमओयू किए हैं। मोदी की गारंटी में फर्जीवाड़े का कोई स्थान नहीं है। देश के उद्योगपतियों को भी पता है कि राजस्थान में मोदी की गारंटी है, इसलिए जो उद्योग लगाए जाएंगे उनमें सफलता मिलेगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Wednesday, 11 December 2024

अडानी और सोरोस से भी बड़ा मुद्दा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का है।तो फिर भारत में भी हिंदू सुरक्षित नहीं रह पाएंगे।

अमेरिका की एक अदालत में भारत के उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर लगे आरोपों के मद्देनजर संसद में पहले कांग्रेस ने हंगामा किया तो अब अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संबंधों को लेकर भाजपा हंगामा कर रही है। ऐसे में आरोप प्रत्यारोप के कारण ही संसद के दोनों सदन चल नहीं पा रहे है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसद राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। पूरा देश न्यूज चैनलों पर राजनीतिक दलों के सांसदों का तमाशा देख रहा है, लेकिन किसी को भी पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की चिंता नहीं है। आज बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं का रहना मुश्किल हो गया है। मंदिरों में आग लगाई जा रही है तो महिलाओं को घरों से निकाल कर बदसलूकी हो रही है। गंभीर बात तो यह है कि मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों के ऐसे अत्याचारियों को पुलिस का भी संरक्षण मिला हुआ है। हिंदुओं का देश माने जाने वाले भारत में बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर चिंता तो है, लेकिन हिंदुओं को बचाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। जिस संसद में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा होनी चाहिए उस संसद में अडानी और सोरोस को लेकर हंगामा हो रहा है। राजनीतिक दल अपने निहित स्वार्थों के खातिर भले ही संसद में हंगामा करे, लेकिन यदि बांग्लादेश के हिंदुओं को नहीं बचाया गया तो एक दिन भारत में भी हिंदू सुरक्षित नहीं रह पाएगा। झारखंड के हाल ही के विधानसभा चुनाव में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के संदर्भ में कहा कि आदिवासियों की रोटी और बेटी को छीना जा रहा है। पीएम के इस कथन के बाद भी झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली जेएमएम की ही जीत हुई। उत्तर प्रदेश के संभल की हिंसा की तुलना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों से की है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के हालातों में किस तेजी के साथ बदलाव हो रहा है। नरेंद्र मोदी भले ही लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए हो, लेकिन देश के हालात बहुत चिंताजनक है। देश के दस राज्यों में पहले ही हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है। यदि ऐसे ही हालात रहे तो फिर देश में हिंदुओं का रहना मुश्किल हो जाएगा। देश के राजनेताओं को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हालात देखने चाहिए। अफगानिस्तान पर पहले ही कट्टरपंथी संगठन तालिबान का कब्जा है। तो पाकिस्तान में सेना के दम पर कट्टरपंथी संगठन फलफूल रहे है। अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश ने भी भारत के राजनेता माने या नहीं, लेकिन हमारा देश कट्टरपंथी विचारधारा से घिर चुका है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (10-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

धनखड़, अडानी तो बहाना है। असल निशाना तो पीएम मोदी पर है।जार्ज सोरोस के मामले को दबाने के लिए धनखड़ के खिलाफ लाया गया है अविश्वास प्रस्ताव।

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को अच्छी तरह पता है कि राज्यसभा में एनडीए को बहुमत है, लेकिन इसके बाद भी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इस प्रस्ताव पर राज्यसभा के 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए है। प्रस्ताव रखने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। कांग्रेस ने भले ही अविश्वास प्रस्ताव रख दिया हो, लेकिन इसे राज्यसभा में स्वीकृत नहीं करवाया जा सकता। राज्यसभा में मौजूदा समय में सांसदों की संख्या 231 है और प्रस्ताव को स्वीकृत करवाने के लिए 116 सांसदों का समर्थन चाहिए, जबकि कांग्रेस और सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या मात्र 85 है। सवाल उठता है कि जब राज्यसभा में बहुमत ही नहीं है तो फिर कांग्रेस ने यह प्रस्ताव क्यों रखवाया? सब जानते हैं कि कांग्रेस की शीर्ष नेता श्रीमती सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी इन दिनों अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ संबंध होने के आरोपों से घिरे हुए हैं। कांग्रेस आरोपों का जवाब देती इसके बजाए सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव रख दिया गया। अब संसद के शीतकालीन सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा अविश्वास प्रस्ताव का हो गया है। इससे पहले कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडानी का मुद्दा उछाल कर संसद की कार्यवाही को बाधित किया। अडानी के मुद्दे के मुकाबले में जब जॉर्ज सोरोस का मुद्दा सामने आया तो कांग्रेस ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रख कर बड़ा और नया मुद्दा रख दिया। इसे भारत के लोकतंत्र का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जिस संसद में संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, उस संसद में अडानी, सोरोस और अविश्वास प्रस्ताव जैसे बेकार के मुद्दों पर हंगामा हो रहा है। कांग्रेस भले ही अडानी और धनखड़ को मुद्दा बना रही हो, लेकिन असल में निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का विकास हो। कांग्रेस गौतम अडानी को लेकर पीएम मोदी पर कितने भी हमले करे, लेकिन कांग्रेस के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चलता हो कि मोदी ने अडानी से कोई लाभ प्राप्त किया है। पीएम मोदी की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक है। एक सांसद के तौर पर जो वेतन मिलता है, वही आय मोदी की है। मोदी का कोई रिश्तेदार न तो कंपनी चलाता है और न ही कोई व्यापार करता है। यदि अडाणी से एक रुपया लेने का मामला भी सामने आ जाता तो अब तक कांग्रेस पीएम मोदी से इस्तीफा मांग लेती। एक रुपया न लेने के बाद भी कांग्रेस अडानी को लेकर बेवजह आरोप लगा रही है। जबकि सच्चाई यह है कि देश के विकास में अडानी समूह की महत्वपूर्ण भूमिका है। कांग्रेस कुछ भी कहे, लेकिन अडाणी समूह ने हथियार बनाने की जो फैक्ट्री लगाई है उसके माध्यम से आज भारतीय सेना को आधुनिक हथियार मिल रहे है। जबकि कांग्रेस के शासन में ऐसे हथियारों की विदेशों से खरीद होती थी। देश में आयुद्धो को विकसित करा हो या फिर बंदरगाहों का आधुनिकीकरण, इन सब कार्यों में अडानी समूह की सक्रिय भागीदारी है। कांग्रेस के शासन में दुनिया में आर्थिक क्षेत्र में भारत 11वें नंबर पर था, लेकिन नरेंद्र मोदी के पिछले दस साल के शासन काल में भारत 5वें नंबर पर आ गया है और अब तीसरे नंबर पर आने की तैयारी है। भारत की इतनी आर्थिक स्थिति मजबूत होने के पीछे अडानी जैसे उद्योगपतियों की भूमिका है। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस भारत की तरक्की से खुश नहीं है। जहां तक सभापति जगदीप धनखड़ का सवाल है तो धनखड़ ने हमेशा देश का सम्मान बढ़ाने वाला काम किया है। संवैधानिक पद पर रहते हुए धनखड़ ने कभी भी भारत के सम्मान को घटाने वाला काम नहीं किया। कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेता पहले भी धनखड़ का मजाक उड़ाते रहे हैं। मानसून स में जब टीएमसी के सांसद आनंद बनर्जी धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे, तब राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश के उप राष्ट्रपति के बारे में क्या सोच रखते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (11-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद का निर्माण करने वाली सोच को यह समझना चाहिए कि सीरिया में बशर अल अहमद ने मुसलमानों को ही मौत के घाट उतारा था।सनातन संस्कृति को मानने वालों के साथ रहने में मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के विधायक हुमायूं कबीर ने कहा है कि मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। हुमायूं कबीर का कहना है कि मुर्शिदाबाद के आसपास के जिलों में अधिकांश तौर पर मुस्लिम आबादी ही है। बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए वे क्षेत्र में संचालित मदरसों के अध्यक्षों और सचिवों से आर्थिक सहयोग लेंगे। 6 दिसंबर 2026 तक विशाल बावरी मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी। बाबर के नाम से मस्जिद का निर्माण करने वाली सोच के लोगों को यह समझना चाहिए कि सीरिया में राष्ट्रपति रहते हुए बशर अल अहमद ने डेढ़ लाख मुसलमानों को ही मौत के घाट उतारा था। बशर अल अहमद के सीरिया से भागने के बाद पता चला रहा है कि मुसलमानों को मौत के घाट उतारने के लिए 72 तरह की यातनाएं दने के सेंटर बना रखे थे। इनमें एक सेंटर आयरन प्रेस का भी था। लोहे की बड़ी चादर वाले इस आयरन प्रेस वाले हथियार से लोगों को कुचलकर मार डाला जाता था। सब जानते हैं कि आक्रमणकारी बाबर ने किस क्रूरता के साथ भारत में शासन किया। मंदिरों को तोड़कर किस तरह मस्जिदों का निर्माण करवाया। किसी भी धर्म का धार्मिक स्थल बनना अच्छी बात है, लेकिन किसी एक धर्म के स्थल को तोड़कर जबरन अपने धर्म का स्थल बनाना अपने आप में अधर्म वाला कृत्य है। टीएमसी के विधायक हुमायूं कबीर किसी मस्जिद का निर्माण करे, यह अच्छी बात है, लेकिन मस्जिद के निर्माण के पीछे बाबर वाली सोच हो तो इसे किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जाएगा। बाबरी मस्जिद की सोच रखने वालों को यह अच्छी तरह समझना चाहिए कि सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों को साथ रहने पर मुसलमान ही नहीं किसी भी धर्म का नागरिक सुरक्षित रह सकता है। इस्लामिक देश पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भले ही हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हो, लेकिन भारत में 25 करोड़ मुसलमान अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के साथ रह रहे है। हिन्दू आबादी में रहने वाले किसी भी मुस्लिम परिवार को कोई खतरा नहीं है। उल्टे एक मुस्लिम परिवार हिंदू आबादी में स्वयं को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (11-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Saturday, 7 December 2024

आखिर इतना आत्मविश्वास कहां से लाते है राहुल गांधी।अब इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी ने चुनौती दी।काली टीशर्ट पहनकर जयपुर पहुंचे राहुल गांधी।

विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बनाए गए इंडिया गठबंधन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। लेकिन अब ममता बनर्जी का भी मानना है कि जिस उद्देश्य को लेकर इंडिया का गठन किया गया है, वह अब खरा नहीं उतर रहा है। ममता ने कहा कि यदि मुझे नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा तो मैं जिम्मेदारी निभाने को तैयार हंू। मौजूदा समय में इंडिया गठबंधन का कोई संयोजक नहीं है, लेकिन इस गठबंधन की अगुवाई कांग्रेस के राहुल गांधी ही करते रहे हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में ही संसद भवन परिवार में विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन होते रहे हैं, लेकिन अब राहुल गांधी के नेतृत्व को ममता बनर्जी ने ही चुनौती दे दी है। ममता की इस चुनौती के बाद ही सवाल उठा है कि राहुल गांधी इतना आत्म विश्वास कहां से लाते हैं? जहां तक कांग्रेस की स्थिति का सवाल है तो हाल ही में महाराष्ट्र और हरियाणा में बुरी हार का सामना करना पड़ा है। झारखंड में कांग्रेस जेएमएम के कंधे पर सवार है। कर्नाटक तेलंगाना और हिमाचल में ही कांग्रेस की सरकार हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपचुनाव की 9 सीटों में से एक पर भी समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया। इसी प्रकार राजस्थान में 7 में से 1 उपचुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है। फरवरी में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया है। पंजाब ने पहले ही कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस का सफाया कर रखा है। यानी कांग्रेस की इतनी बुरी दशा होने के बाद भी राहुल गांधी दिल्ली में स्वयं को विजेता के तौर पर प्रस्तुत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। राहुल गांधी भले ही मौजूदा समय में कांग्रेस के अध्यक्ष न हो, लेकिन कांग्रेस के सभी फैसले राहुल गांधी ही करते है। कांग्रेस में ऐसा पिछले 15 वर्षों से हो रहा है। सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते हुए भी राहुल गांधी ही फैसले लेते थे। पिछले 15 वर्षों में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कम से कम 90 बार हार का सामना किया। लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी ने कभी भी स्वयं को कमजोर नहीं दिखाया। राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर ऐसा प्रदर्शित करते हैं कि उनके इशारे पर ही देश की राजनीति चल रही है। ताजा बयान में राहुल गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार को जाति आधारित मतगणना करनी ही पड़ेगी। राहुल गांधी यह दिखते है कि उनके कहे अनुसार ही मोदी सरकार निर्णय लेती है। आमतौर पर जब किसी दल की हार होती है तो उसका नेता नर्वस नजर आता है, लेकिन महाराष्ट्र की बुरी हार के बाद भी राहुल गांधी पर कोई असर नहीं देखा गया। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाने के साथ ही दिल्ली और उत्तर भारत में सर्दी शुरू हो गई है, लेकिन राहुल गांधी अभी भी हाफ बांह की सफेद रंग की टीशर्ट और जींस में ही नजर आते हैं। यानी राहुल गांधी स्वयं को मानसिक दृष्टि के साथ साथ शारीरिक दृष्टि से भी मजबूत होना प्रदर्शित करते हैं।

जयपुर पहुंचे:
कांग्रेस के सर्वोदय संगम प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के सांसद राहुल गांधी 8 दिसंबर को जयपुर पहुंचे। यह शिविर जयपुर के निकट खेड़ापति आश्रम धाम परिसर में हो रहा है। जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि नेताओं ने राहुल गांधी का स्वागत किया। राहुल गांधी ने काली टी शर्ट और काली जींस पहन रखी थी। उल्लेखनीय है कि जयपुर में 8 दिसंबर से ही राइजनिंग राजस्थान समिट शुरू हो रही है। समिट में भाग लेने के लिए देश के प्रमुख उद्योगपति जयपुर में है। तय कार्यक्रम के मुताबिक 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समिट को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी के काले परिधान को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चाएं व्याप्त है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

दरगाह में मंदिर होने के दावे के विरोध में देशभर के मुस्लिम संगठन जमात एकजुट। प्रतिनिधियों की बयानबाजी के बीच अजमेर प्रशासन ख्वाजा साहब के उर्स की तैयारियों में जुटा।मुस्लिम एकता मंच ने सौहार्द बनाए रखने की अपील की।

ख्वाजा साहब का 813 वां 6 दिवसीय सालाना उर्स चांद दिखने पर 1 जनवरी से शुरू हो जाएगा। इससे पहले 28 दिसंबर को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा। अजमेर के जिला कलेक्टर लोकबंधु और पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने 7 दिसंबर को भी दरगाह परिसर और उर्स मेला क्षेत्र का जायजा लिया। उर्स के दौरान कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए कलेक्टर एसपी मुस्तैद हैं। इन दोनों अधिकारियों के लिए उर्स की तैयारियां करना पहला अवसर है। एक और जिला प्रशासन उर्स की तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं दरगाह में मंदिर होने के दावे के विरोध में देशभर के मुस्लिम संगठन और जमातें एकजुट हो गई है। हर दिन किसी न किसी संगठन का प्रतिनिधि मंडल अजमेर आकर दरगाह से जुड़े पदाधिकारियों से मुलाकात करता है। सभी मुस्लिम संगठन द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की दुहाई देकर मंदिर के दावे को खारिज कर रहे है। 7 दिसंबर को भी जमीयत उलेमा ए हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल मुफ्ती हबीबुल्लाह नोमानी के नेतृत्व में अजमेर आया और खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने अजमेर की सिविल अदालत द्वारा नोटिस पर भी विमर्श किया। इससे पहले रजा एकेडमी इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा भी अजमेर आ चुके है। इसी प्रकार पहले सुन्नत वल जमात के प्रतिनिधि भी अजमेर आए। सभी मुस्लिम संगठनों और जमातों के प्रतिनिधि अजमेर आकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने अदालत में संवैधानिक कार्यवाही शुरू नहीं की है, लेकिन मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों की बयानबाजी से अजमेर का माहौल गर्म है। ख्वाजा उर्स के बारे में अनुभव रखने वालों का मानना है कि यदि अजमेर का माहौल इसी तरह गर्म रहा तो उर्स में जायरीन की आवक कम हो सकती है। मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों की खबरें जिस प्रकार सोशल मीडिया और अखबारों में प्रसारित हो रही है उससे माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म हो रहा है। मुस्लिम नेताओं के बयान जब सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं तो फिर देश दुनिया में चर्चा होती है।

सौहार्द न बिगाडऩे की अपील:
इस बीच मुस्लिम एकता मंच के बैनर तले भी एक बैठक 7 दिसंबर को अजमेर में हुई। बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि अजमेर की पहचान हमारी गंगा जमुनी तहजीब है तीर्थराज पुष्कर और ख्वाजा की दरगाह है। इन दोनों तीर्थ स्थलों से विश्व में शांति और सद्भाव का संदेश प्रसारित होता है, हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इन तीर्थ स्थलों की गरिमा को बनाए रखें । बैठक में कहा गया कि बाहरी लोगों को आकर अजमेर का माहौल नहीं बिगाड़ना चाहिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही शहर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक प्रतिनिधियों से चर्चा कर संयुक्त रूप से सौहार्द को मजबूत किया जाएगा। बैठक में नवाब हिदायत उल्ला, मौलाना अय्यूब कासमी, रियाज़ अहमद मंसूरी, हाजी सलामुद्दीन मंसूरी, हाजी कुतुबद्दीन बंदूकीय, अहसान मिजऱ्ा अशोक चीता आदि मौजूद रहे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511


आज अहिल्याबाई होलकर के विचारों को मजबूत करने की जरुरत।देश विपरीत हालातों से गुजर रहा है-हनुमान सिंह राठौड़।समाज को भूलने की प्रवृत्ति से बाहर लाने की जरुरत-प्रो. नारायण लाल गुप्ता।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और प्रख्यात चिंतक, लेख हनुमान सिंह राठौड़ का कहना है कि आज देश विपरीत हालातों से गुजर रहा है। इसलिए अहिल्या बाई होलकर के विचारों को मजबूत करने की जरूरत है। 7 दिसंबर को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर अपने युग की वीर मानवी थीं, उन्होंने विपरीत परिस्थिति में धर्म के पथ पर चलते हुए शासन किया। उन्होंने आजीवन लोक कल्याण के व्रत का पालन किया और यही कारण है कि आज तक उन्हें हम लोकमाता के रूप में याद करते हैं। उन्होंने पूरे देश में मन्दिरों, धर्मशालाओं आदि का निर्माण व जीर्णोद्धार किया। इस प्रकार युगपुरुष शंकराचार्य के पश्चात् भारत राष्ट्र के एकीकरण का अद्भुत कार्य करने वाली वे महान् व्यक्ति थीं। श्री राठौड़ ने कहा कि प्रसिद्धि की चाह न रख कर केवल कर्तव्य निभाने का भाव रखने वाली प्रगतिशील व प्रयोगधर्मी स्वभाव की धनी रानी अहिल्याबाई से आज के समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे रानी अवश्य थीं, लेकिन शासन उन्होंने ईश्वर के नाम पर किया। उन्होंने स्त्री कल्याण के लिए जो कार्य किए, उन से ज्ञात होता है कि वे अपने समय की अत्यधिक आधुनिक व न्यायप्रिय स्त्री थीं।

भूलने की प्रवृत्ति से बाहर आए समाज:
संगोष्ठी में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि अहिल्याबाई ने समाज को जागरूक करने के लिए बहुत सारे कार्य किए, लेकिन कालांतर में उनके कार्यों को भुला दिया गया। अब समय आ गया है कि अहिल्या बाई के कार्यों को नए सिरे से समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। समाज को पूर्वजों के कार्यों को भूलने की प्रवृत्ति से बाहर आना चाहिए। उन्होंने अहिल्या बाई के सत्कर्मों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार का आह्वान किया। आज के दौर में यह हमारा प्रथम उत्तरदायित्व है कि हम हमारे गौरवपूर्ण इतिहास को जानें समझें और उस पर विमर्श करें।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विगत छत्तीस वर्षों से अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जो केजी से लेकर पीजी स्तर तक सेवारत शिक्षकों का सम्पूर्ण विश्व में अनूठा संगठन है, राष्ट्र के हित में शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज की अवधारणा लेकर रचनात्मक रूप से कार्यरत है। उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता नई पीढ़ी को संस्कारित करके राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाने के लक्ष्य को सम्मुख रखकर आजीवन तपस्या करते हैं।
जानकारी देते हुए महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. दीपक शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय जागरण के महायज्ञ में निरंतर सक्रिय रहने वाला संगठन है। प्रदेश महामंत्री प्रो. सुशील कुमार बिस्सु ने सभी का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म-जयंती वर्ष पर संगठन की ओर से पूरे देश में शृंखलाबद्ध रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में आज की गोष्ठी आयोजित की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे। गोष्ठी का शुभारम्भ प्रो.राजेश जोशी द्वारा की गई सरस्वती वंदना से हुआ। संचालन प्रो. लता शर्मा ने किया। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Friday, 6 December 2024

सतीश पूनिया जयपुर आवास पर जनसुनवाई में सक्रिय।अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर अजमेर में 7 दिसंबर को गोष्ठी।अनिल लोढ़ा परिवार की ओर अजमेर में 15 दिसंबर को विशेष पूजा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और वर्तमान में हरियाणा के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया इन दिनों अपने जयपुर स्थित रानी सती नगर के आवास पर जनसुनवाई कर रहे हैं। डॉ. पूनिया ने अपने निवास पर जनसंवाद केंद्र बना रखा है। डॉ. पूनिया जब जयपुर में होते हैं ते तब अपने निवास पर प्रतिदिन प्रात: 9 से 11 बजे तक लोगों से मिलते हैं। समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को हाथों हाथ फोन भी करते हैं। इन दिनों जयपुर में होने के बाद डॉ. पूनिया जनसुनवाई में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग डॉ. पूनिया के निवास पर पहुंच रहे हैं।

जयंती पर संगोष्ठी:
पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर 7 दिसंबर को अजमेर में सायं साढ़े चार बजे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। यह संगोष्ठी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के द्वारा आयोजित है। महासंघ के प्रतिनिधि सुशील बिस्सु ने बताया कि संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और चिंतक व लेखक हनुमान सिंह राठौड़ मुख्य वक्ता होंगे। जबकि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता अध्यक्षता करेंगे। संगोष्ठी में महासंघ के संगठन मंत्री महेंद्र कपूर भी उपस्थित रहेंगे। संगोष्ठी के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414840898 पर सुशील बिस्सु से ली जा सकती है।

लोढ़ा परिवार की ओर से पूजा:
प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और ऐ-वन न्यूज टीवी के संस्थापक अनिल लोढ़ा के परिवार की ओर से 15 दिसंबर को अजमेर के दादाबाड़ी स्थित जैन मंदिर परिसर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया है। प्रातः साढ़े दस बजे होने वाली इस पूजा में स्वर्गीय रतन चंद जी लोढ़ा को भी याद किया जाएगा। इस अवसर पर अनिल लोढ़ा परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829104564 व 9829010668 पर अनिल लोढ़ा से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

तो क्या अब राजस्थान में कांग्रेस गहलोत और पायलट के कब्जे से मुक्त हो जाएगा?उपचुनाव में चार सीटों पर जमानत जब्त होने के बाद भी राहुल प्रियंका ने डोटासरा जूली की जोड़ा पर भरोसा जताया।

5 दिसंबर को दिल्ली में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। राहुल-प्रियंका गांधी से मुलाकात के समय सिर्फ प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ही उपस्थित थे। यानी इस मुलाकात में पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को शामिल नहीं किया गया। यह मुलाकात तब हुई, जब हाल ही के उपचुनावों में 7 में से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस की जीत हुई। इसके बाद बावजूद भी राहुल प्रियंका ने डोटासरा-जूली की जोड़ी की हौसला अफजाई की और स्पष्ट तौर पर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस संगठन को मजबूत किया जाए। नेताओं की सिफारिश पर पदाधिकारी बनाने के बजाए समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठन में पद दिए जाए। इस मुलाकात के बाद डोटासरा और जूली का उत्साह सातवें आसमान पर है। इसलिए सवाल उठा है कि क्या अब कांग्रेस गहलोत और पायलट के कब्जे से मुक्त हो सकेगी। सब जानते हैँ कि मौजूदा समय में कांग्रेस गहलोत और पायलट के गुटों में बंटी हुई है। 2020 बी बगावत से पहले जब सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे, तब संगठन पर पायलट समर्थकों की ही नियुक्तियां हुई। लेकिन बगावत के बाद जब गोविंद सिंह डोटासरा अध्यक्ष बने तो पायलट वाली कमेटियों को भंग कर दिया गया। थोड़े दिन बाद जब पायलट से समझौता हो गया, तब से आज तक कांग्रेस में गहलोत और पायलट के गुट बने हुए है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजमेर शहर की दोनों कमेटियों के नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर सके। इसलिए भाग हुई कमेटियेां के अध्यक्ष ही काम कर रहे रहे हैं। ऐसा इसलिए कि यह दोनों अध्यक्ष ही पायलट के समर्थक है। अब चूंकि राहुल प्रियंका ने डोटासरा जूली की जोड़ी को फ्री हैंड दे दिया है, तब माना जा रहा है कि जल्द ही अजमेर सहित प्रदेश भर में संगठन को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा। हो सकता है कि तब जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पहले गहलोत पायलट से कोई राय न ली जाए। यह भी देखना होगा कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बगैर डोटासरा और जूल से कितनी सफलता मिली है। यूं राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। 25 में से 9 सांसद और दो सौ में से 66 विधायक कांग्रेस के हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Thursday, 5 December 2024

पाकिस्तान और बांग्लादेश के कट्टरपंथी एक हुए। अफगानिस्तान पर पहले ही तालिबान का कब्जा है।जो बांग्लादेश में हो रहा वही संभल में हुआ-योगी आदित्यनाथ।भारत का आम मुसलमान अब भी नहीं जागा तो कट्टरपंथ ही हावी होगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 दिसंबर को एक गंभीर और चिंता वाला बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के संभल में वही हुआ जो पडोसी बांग्लादेश में हो रहा है। बांग्लादेश में अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी जमात के लोग हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। कट्टरपंथियों ने जो तरीका बांग्लादेश में अपनाया वही संभल में भी अपनाया गया। बांग्लादेश और संभल के कट्टरपंथियों को डीएनए एक जैसा है। सीएम योग का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण रखता है कि संभल में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और यहां के सांसद जियाउर रहमान बरक समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। संभल में मस्जिद प्रकरण को लेकर जिस दिन हिंसा हुई उस से दो दिन पहले सांसद बरक ने जामा मस्जिद के अंदर बैठक की थी। संभल हिंसा में अब पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आ रहे हैं, लेकिन इससे भी चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के कट्टरपंथी एक हो गए है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जो हिंसा हुई उसमें पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों की भी भूमिका रही। 1971 में भले ही बांग्लादेश को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराया हो, लेकिन अब दोनों देशों के कट्टरपंथियों का गठबंधन हो गया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाला कार्यवाहक सरकार ने अपने संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द भी हटा दिया है। यानी बांग्लादेश भी अब पाकिस्तान की तरह कट्टरपंथी इस्लामिक राष्ट्र हो गया है। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान में पहले से ही मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तालिबान का कब्जा है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इन तीनों इस्लामिक देशों की सीमा भारत की सीमाओं से जुड़ी है। सड़क मार्ग से भी इन देशों में आवागमन हो सकता है। भारत में भी 25 करोड़ मुस्लिम आबादी है और इनमें से कट्टरपंथी विचारधारा के मुसलमान भी शामिल है। यह सही है कि भारत में रहने वाले आम मुसलमान कट्टरपंथी सोच के नहीं है। हजारों मुस्लिम परिवारों के लड़के लड़कियां कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकारी विभागों में भी मुस्लिम कार्मिकों की भरमार है। जिन मुस्लिम परिवारों के बच्चे कॉन्वेंट स्कूल कॉलेजों में पढ़ रहे है, वे कभी नहीं चाहेंगे कि भारत में तालिबान, जमात ए इस्लामी, लश्कर ए तैयबा जैसे कट्टरपंथी संगठनों का प्रभाव बढ़। यदि तालिबान और जमात ए इस्लामी जैसी विचारधारा हावी होती है तो फिर भारत में मुस्लिम परिवार के बच्चे स्कूल कॉलेजों में नहीं पढ़ सकेंगे। आज भारत में जो समृद्धि है उसका लाभ मुसलमानों को भी मिल रहा है। दुनिया में मुसलमान सबसे ज्यादा सम्मान और समृद्धि के साथ भारत में रह रहे है। भले ही भारत में हिंदुओं की संख्या ज्यादा हो, लेकिन भी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। उल्टे हिंदुओं के साथ रहने के कारण ही भारत में मुसलमान सुरक्षित है। पाकिस्तान में आज मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा है। बांग्लादेश में भी जब हिंदुओं को मार दिया जाएगा या भगा दिया जाएगा, तब मुसलमानों के बीच ही मार काट होगी। तीनों पड़ोसी मुस्लिम देशों में जिस तरह कट्टरपंथी हावी हुए हैं उसे देखते हुए भारत में रहने वाले आम मुसलमानों को अब संभल जाना चाहिए। कोई माने या नहीं लेकिन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुस्लिम आबादी महत्वपूर्ण हो गई है हर चुनाव में मुख्य मुद्दा हिंदू मुस्लिम का हो जाता है। भारत में मुसलमानों के रहने पर हिंदुओं को कोई एतराज नहीं है, लेकिन मुसलमानों को यह तय करना होगा कि वे कट्टरपंथी सोच के आने से सोच रोक सकते हैं। जो लोग आज संभल की घटना में कट्टरपंथियों के साथ खड़े हैं उन्हें हालातों को समझने की जरूरत है। यदि संभल की हिंसा को जायज ठहराया गया तो फिर भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात होंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511


अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे के समर्थन में सनातन धर्म रक्षा संघ सामने आया। हिंदू पक्ष की ओर से ऐसा पहली बार।कोर्ट नोटिस का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार में उच्च स्तरीय मंथन।ख्वाजा साहब का छह दिवसीय सालाना उर्स 1 जनवरी से। प्रशासन की सभी पक्षों पर नजर।

अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के समर्थन में अब सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु सामने आ गया है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वाद पर 27 नवंबर को अजमेर के सिविल जज मनमोहन सिंह चंदेल ने केंद्र सरकार के तीन विभागों को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद से ही मुस्लिम पक्ष हमलावर रहा। दरगाह के खादिमों की ओर से यहां तक कहा गया कि विष्णु गुप्ता अपाधिक प्रवृत्ति का है, इसलिए पुलिस को उसके खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर भी मुस्लिम नेताओं ने विष्णु गुप्ता के दावे की आलोचना की। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कोर्ट द्वारा जारी नोटिस को गलत माना। पिछले एक सप्ताह से एकतरफा बयान बाजी हो रही थी। लेकिन 3 दिसंबर को सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरू के बैनर तले एक बैठक वैशाली नगर स्थित तपस्वी भवन में हुई। इस बैठक में संघ के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा और संयोजक तरुण वर्मा ने मुस्लिम पक्ष की बयानबाजी को गैर जरूरी बताया। कहा गया कि इस प्रकरण में अब हमारा संघ भी पक्षकार बनेगा। भारत में लोकतंत्र है इसलिए हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। अभी तो अदालत ने सिर्फ नोटिस जारी किए हैं, लेकिन इन नोटिसों पर बेवजह का हंगामा खड़ा किया जा रहा है। बैठक में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी की गई। बैठक में अजमेर के प्रसिद्ध डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. लाल थदानी, डॉ. रामनिवास शर्मा, पंडित चंद्रशेखर गोड, रामकुमार चौरसिया, देवेंद्र त्रिपाठी, इंजीनियर अशोक शर्मा, विजय शर्मा, एडवोकेट रवि मेहता, राम सिंह उदावत, ओम प्रकाश टांक, महावीर कुमावत आदि ने कहा कि दरगाह में मंदिर होने के मामले में संघ प्रभावी तरीके से अदालत में अपना पक्ष रखेगा।

उच्च स्तरीय मंथन:
हिंदू सेना के वाद पर अजमेर की सिविल अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, उस के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी किए है। चूंकि इस मामले में 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है, इसलिए केंद्र सरकार में नोटिस का जवाब देने के लिए उच्च स्तरीय मंथन शुरू हो गया है। जानकार सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री किरण रिजिजू से विमर्श भी किया है। हो सकता है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले तीनों विभागों की ओर से 20 दिसंबर को कोई जवाब प्रस्तुत न किया जाए। अल्पसंख्यक मंत्रालय के संयुक्त सचिव नदीम अहमद ही इन दिनों दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम है। मंत्रालय की ओर से स्थायी नाजिम की नियुक्ति नहीं हो रखी है। पिछले दो वर्षों से दरगाह कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है। ऐसे में दरगाह की आंतरिक प्रबंधन की जिम्मेदारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के पास ही है।

उर्स 1 जनवरी से:
दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के बाद से ही अजमरे का माहौल गर्म है। अब अजमेर शहर के हिंदू समुदाय के लोग भी एक मंच पर आ गए है। यह पहला अवसर है जब हिंदू समुदाय ने एक मंच पर आकर अपना विचार रखा है। ऐसे में गर्म माहौल में ही ख्वाजा साहब के सालाना उर्स की तैयारियां भी शुरू हो गई है। मात्र 25 दिन बाद 1 जनवरी से शुरू होने वाले 6 दिवसीय उर्स का झंडा दरगाह के बुलंद दरवाजे पर 28 दिसंबर को चढ़ेगा। विष्णु गुप्ता के वाद में इस बुलंद दरवाजे का उल्लेख भी किया गया है। ख्वाजा साहब के उर्स में देश भर से लाखों जायरीन आते हैं। यहां तक कि सरकारी स्तर पर पाकिस्तान से भी जायरीन आता है। इस बार उर्स में जुमे की नमाज 3 जनवरी को होगी।

प्रशासन की नजर:
दरगाह में मंदिर होने के विवाद और सालाना उर्स के मद्देनजर अजमेर का जिला प्रशासन सभी पक्षों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन का प्रयास है कि उर्स के दौरान कोई विवाद न हो। जिला कलेक्टर लोकबंधु ओर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने अपने अधिकारियों के साथ दरगाह क्षेत्र का दौरा भी किया है। इस बार शांतिपूर्ण उर्स प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

बांग्लादेश में पुजारी चिन्मय दास को अपने बचाव के लिए वकील नहीं मिला, जबकि भारत में आतंकी कसाब के लिए पैरवी करने वालों की होड़ मची हुई थी।धर्मनिरपेक्षता के इस असली चेहरे का समझने की जरूरत है।जयपुर में साधु संतों के प्रदर्शन।

अगस्त माह में पड़ोसी देश बांग्लादेश में जब शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ, तब से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्णदास ने आवाज उठाई। बांग्लादेश की पुलिस ने चिन्मय दास को ही देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अब अपने बचाव के लिए चिन्मय दास को बांग्लादेश में कोई वकील नहीं मिल रहा है। कट्टरपंथियों ने चिन्मय के एक वकील की हत्या कर दी, जबकि दूसरे को गंभीर रूप से जख्मी किया। कट्टरपंथियों के खौफ की वजह से कोई वकील चिन्मदास की पैरवी करने को तैयार नहीं है। 3 दिसंबर को कोई वकील नहीं होने के कारण चटगांव की अदालत ने 2 जनवरी तक के लिए चिन्मदास को जेल भेज दिया। यानी निर्दोष चिन्मय दास की जमानत तक नहीं हो पा रही है। एक और बांग्लादेश में पुजारी चिन्मय दास को वकील नहीं मिल रहा है, तो वहीं भारत में 26/11 के मुंबई हमले के आतंकी मोहम्मद कसाब की पैरवी करने के लिए वकीलों में होड़ मच गई थी। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में आतंकी कसाब के बचाव के लिए जो कुछ भी प्रावधान थे, उन सबका उपयोग किया गया, जबकि यह जग जाहिर था कि मोहम्मद कसाब भी अपने अन्य साथियों के साथ पाकिस्तान से हमला करने के लिए मुंबई आया था। लोकतंत्र में धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वालों को अब धर्मनिरपेक्षता के असली चेहरे को समझना चाहिए। सवाल उठता है कि आखिर बांग्लादेश में चिन्मय दास को वकील क्यों नहीं मिल रहा है। यह वही बांग्लादेश है जिसे भारत की सेना ने पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराया था। क्या चिन्मय दास हिंदू है, इसलिए बांग्लादेश में वकील उपलब्ध नहीं हो रहा?

जयपुर में प्रदर्शन:
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में चार दिसंबर को राजस्थान के जयपुर में साधु संतों के साथ हिंदू समुदाय ने बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना रहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुके तो भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। लोगों ने सरकार से भी मांग की कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

आतंकी विचारधारा किसी को भी नहीं बखशेगी। संभल और स्वर्ण मंदिर के गोली कांड में पाकिस्तान कनेक्शन।राहुल गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को सच्चाई समझनी चाहिए।

4 दिसंबर को पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में जो गोली कांड हुआ, उसमें पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गए। बादल पर यह हमला तब हुआ, जब वे सिख समुदाय की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के निर्देशों के अनुरूप स्वर्ण मंदिर में धार्मिक सजा भुगत रहे थे। सब जानते हैं कि बादल की राजनीतिक पार्टी अकाली दल का भाजपा से कोई गठबंधन नहीं है और न ही बादल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के हैं। बादल की पार्टी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन भी नहीं कर रही है। लेकिन इसके बाद भी सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई गई। यह घटना बताती है कि आतंकी सोच किसी को भी नहीं बख्शेग। हमलावर के तौर पर नारायण सिंह चौरा को गिरफ्तार किया गया है। चौड़ा पूर्व में खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा रहा और उसके संबंध पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठनों से हैं। पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का उद्देश्य भारत में अशांति करना है। नेता किस दल का है उससे आतंकियों का कोई मतलब नहीं है। सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर परिसर में सजा भुगत रहे थे, इसलिए उन पर हमला करना आसान था। हमलावर चौरा के जो कनेक्शन पाकिस्तान से सामने आए है, वैसे ही कनेक्शन उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद विवाद में हुए गोलीकांड में भी सामने आए हैं। संभल में गोली कांड के बाद जो कारतूस बरामद किए गए है वे पाकिस्तान के हैं। इससे जाहिर होता है कि घटना वाले दिन उग्र भीड़ में आतंकी भी शामिल थे। यह पहला अवसर नहीं है, जब संभल की घटनाओं में पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है। इससे पहले संभल के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से कई पाकिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। संभल में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, संभल और स्वर्ण मंदिर के गोली कांड पर कुछ भी कहे, लेकिन इन नेताओं को सच्चाई को समझना चाहिए। लोकसभा में अखिलेश यादव ने संभल प्रकरण में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की आलोचना की है। इसी प्रकार राहुल गांधी ने भी चार दिसंबर को संभल जाने की जिद की। ये नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों के खातिर कुछ भी करे, लेकिन आतंकियों को जब भी मौका मिलेगा तो वे किसी को भी नहीं बख्शेंगे। आतंकी सोच रखने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सुखविंदर सिंह एक पवित्र स्थल पर धार्मिक सजा भुगत रहे है। चूंकि स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले किसी भी तलाशी नहीं ली जा सकती इसलिए हमलावर बड़ी आसानी से अपनी पेंट की जेब में रिवाल्वर रखकर ले गया। यदि सुरक्षाकर्मी जसबीर सिंह सतर्क नहीं दिखाता तो बादल का बचना मुश्किल था। राहुल गांधी चार दिसंबर को जब गाजीपुर की भीड़ में खड़े थे, तब उन्हें अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए था। राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता है, इसलिए उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को मिलने वाले जेड प्लस की सुरक्षा सुविधा है। लेकिन राहुल गांधी इस सुरक्षा सुविधा के नियमों का ही उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी को भी सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमलों से सबक लेना चाहिए। सवाल यह भी है कि जब दस दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के संभल जाने पर रोक लगी हुई है तो फिर राहुल गांधी संभल क्यों जो रहे थे?

S.P.MITTAL BLOGGER (05-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

अजमेर के सौहार्द को बनाए रखने के लिए सभी धर्मों के लोगों को आगे आना चाहिए।1991 का कानून और संभल पर सुप्रीम कोर्ट के मद्देनजर अजमेर की दरगाह में मंदिर होने के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश करने पर विचार।

राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष रहे और अजमेर में कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय धर्मेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि अजमेर का माहौल सौहार्द पूर्ण बना रहे इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को आगे आना चाहिए। राठौड़ ने कहा कि आज जो लोग ख्वाजा साहब की दरगाह में मंदिर होने का दावा कर रहे हैं उन्हें ख्वाजा साहब के इतिहास को समझने की जरूरत है। ख्वाजा साहब का इंतकाल अजमेर में 1236 ई० में हुआ और तभी से ख्वाजा साहब की मजार बनी हुई है। देश में मस्जिदों को लेकर जो विवाद चल रहे है उनसे अजमेर की दरगाह का मामला बिल्कुल अलग है। पिछले 850 सालों में अजमेर के किसी व्यक्ति ने दरगाह में मंदिर होने की बात नहीं की। जिस विष्णु गुप्ता ने अजमेर की अदालत में मंदिर होने वाला जो वाद दायर किया है, वह विष्णु गुप्ता दिल्ली का रहने वाला है। उस पर कई आपराधिक मामले हैं। अजमेर के लोगों को बाहरी व्यक्ति के दावे पर भरोसा करने के बजाए सौहार्दपूर्ण माहौल का ख्याल रखना चाहिए। देश में भले ही कैसा भी माहौल हो, लेकिन अजमेर में हमेशा अमन चैन कायम रहा है। इसके पीछे यहां ख्वाजा साहब की दरगाह का होना भी है। दरगाह के साम्प्रदायिक सौहार्द का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नरेंद्र मोदी भी प्रधानमंत्री की हैसियत से पिछले 11 सालों से उर्स में चादर पेश कर रहे है। पीएम मोदी भी मानते हैं कि ख्वाजा साहब की दरगाह दुनिया भर में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती है। राठौड़ ने कहा कि अब जब कुछ लोग सौहार्द बिगाड़ने चाहते हैं तब अजमेर के सभी धर्मों के लोगों को आगे आना चाहिए। मेरा प्रयास होगा कि मैं सभी धर्मों के लोगों को एकजुट करने और अजमेर के अच्छे माहौल को बनाए रखूं। मेरे इस अभियान में जो लोग जुड़ना चाहते हैं, वे मोबाइल नंबर 9571684444 पर मुझ से संपर्क कर सकते हैं।

हाईकोर्ट में याचिका पर विचार:
राठौड़ ने बताया कि वे दरगाह में मंदिर होने के प्रकरण में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने पर वरिष्ठ वकीलों से राय ले रहे हैं। प्राथमिक जानकारी में आया है कि कोई सिविल अदालत किसी धार्मिक स्थल में सर्वे या भौगोलिक स्थिति में बदलाव के निर्देश नहीं दे सकती है। इसका ताजा मामला संभल मस्जिद प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विगत दिनों संभल कोर्ट की कार्यवाही पर तो रोक लगाई ही है, साथ ही पूरे प्रकरण को हाईकोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए है। वैसे भी 1991 के द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट के अंतर्गत 1947 के बाद सभी धार्मिक स्थलों में यथा स्थिति बनी रहेगी। राठौड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देश और 1991 के कानून के मद्देनजर ही अजमेर के लोगों की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।

S.P.MITTAL BLOGGER (05-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

Monday, 2 December 2024

अजमेर के श्रीनगर गांव के अर्पित काबरा अब चार्टेड अकाउंटेंट की सेंट्रल कौंसिल के लिए उम्मीदवार बने। यह राजस्थान के लिए भी सम्मान की बात है।

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सेंट्रल कौंसिल के सदस्यों के लिए देशभर में 6 और 7 दिसंबर को चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में पश्चिमी भारत के क्षेत्रीय परिषद से अर्पित काबरा भी उम्मीदवार हैं। अर्पित काबरा अजमेर के श्रीनगर गांव के निवासी जगदीश काबरा के पुत्र हैं। जगदीश काबरा श्रीनगर से निकलकर मुंबई महानगर पहुंचे और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद स्वयं को चार्टेड अकाउंटेंट के क्षेत्र में स्थापित किया। अर्पित काबरा का सेंट्रल कौंसिल के लिए चुनाव लड़ना अजमेर ही नहीं बल्कि राजस्थान के लिए सम्मान की बात है। जगदीश काबरा ने बताया कि महाराष्ट्र के साथ साथ गुजरात और गोवा के डेढ़ लाख से भी ज्यादा चार्टेड अकाउंटेंट मतदान में भाग लेंगे। इससे पहले अर्पित काबरा रीजनल कौंसिल के अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए अर्पित ने फॉरेंसिंक ऑडिटिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। काबरा ने विदेशों में भी फॉरेंसिंक ऑडिटिंग पर लेक्चर दिए। नई तकनीक से चार्टेड अकाउंटेंट का काम कैसे सरल और प्रभावी हो सकता है। इसके बारे में भी अर्पित काबरा ने जगह जगह सेमिनार की। अर्पित काबरा की उपलब्धियों के कारण ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सम्मानित किया है। काबरा की कार्यकुशलता से युवा चार्टेड अकाउंटेंटों को बहुत लाभ पहुंचा है। जगदीश काबरा ने बताया कि अजमेर और राजस्थान के चार्टेड अकाउंटेंट महाराष्ट्र और गुजरात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में सेंट्रल कौंसिल का चुनाव लडऩा राजस्थान से जुड़े चार्टेड अकाउंटेंटों के लिए भी सम्मान की बात है। अजमेर के श्रीनगर गांव का होने के कारण अर्पित काबरा को व्यापक समर्थन भी मिल रहा है। सेंट्रल काउंसिल के चुनाव और अर्पित काबरा के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9322337842 पर जगदीश काबरा से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511

1991 के कानून के प्रभावी रहते अब किसी दरगाह और मस्जिद की स्थिति में बदलाव नहीं हो सकता, लेकिन कम से कम हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन तो न हो।संभल की मस्जिद की सीढिय़ों में भगवान की प्रतिमाएं तथा 27 मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया दिल्ली का कुतुब मीनार परिसर-आज तक न्यूज चैनल।द साबरमती फिल्म देखकर पीएम मोदी ने फिर दिया आंख खोलने वाला संदेश। वही बद्रिका जोशी पीठ के स्वयंभू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा का एजेंट बताया।

देश की कोई भी अदालत किसी दरगाह या मस्जिद में मंदिर होने को लेकर भले ही सर्वे करवाने के आदेश जारी कर दें, लेकिन द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के प्रभावी रहते अब किसी भी दरगाह और मस्जिद की स्थिति में बदलाव नहीं हो सकता है। अयोध्या में राम जन्म भूमि के मामले को छोड़कर अभी तक भी किसी दरगाह मस्जिद की भौगोलिक स्थिति में बदलाव नहीं हो सका है। संभल की जिला अदालत के सर्वे वाले आदेश पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। यह सही है कि अब दरगाह मस्जिद में बदलाव नहीं होगा, लेकिन देश में ऐसा कोई काम भी नहीं होना चाहिए जो हिंदुओं को अपमानित करने वाला हो। हिंदुओं की भावनाओं के सम्मान की जिम्मेदारी देश के मुसलमानों की है। इतिहास गवाह है कि मुगल आक्रमणकारियों ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण करवाया ताकि हिंदुओं को अपमानित किया जा सके। 1947 में देश के विभाजन के बाद शेभ भारत में हिंदुओं को अपमानित करने वाला कोई कृत्य नहीं होना चाहिए था, लेकिन तबके इतिहासकारों ने सच्चाई उजागर करने के बजाए सच्चाई पर पर्दा डालने का काम किया।

संभल की मस्जिद और कुतुब मीनार की सच्चाई उजागर:
न्यूज चैनल आज तक पर रात 9 बजे प्रसारित होने वाले ब्लैक एंड व्हाइट कार्यक्रम में 2 दिसंबर को एंकर सुधीर चौधरी ने उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद और दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर की सच्चाई बताई। सुधीर चौधरी ने बताया कि अंग्रेजों के शासन के समय 1875 में तत्कालीन पुरातत्व विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में बताया गया कि मस्जिद निर्माण किसी हिदंू मंदिर की सामग्री से हुआ है। मस्जिद की सीढिय़ों में मंदिर की मूर्तियों की कृति नजर आ रही है। 150 वर्ष पहले जब यह रिपोर्ट अंग्रेज अफसर ने तैयार की तब न तो कांग्रेस न भाजपा और न ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन हुआ था। कायदे से देश के विभाजन के बाद पुरातत्व विभाग की यह रिपोर्ट उजागर हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भले ही संभल की जामा मस्जिद भारतीय पुरातत्व विभाग की धरोहर हो, लेकिन इस विभाग के अधिकारी मस्जिद परिसर में घुस नहीं सकते है। सुधीर चौधरी ने 1871 की एक और रिपोर्ट अपने चैनल के दर्शकों को दिखाई। यह रिपोर्ट भी पुरातत्व विभाग के तत्कालीन अंग्रेज अफसरों ने तैयार की। इस रिपोर्ट में भी लिखा गया कि विभिन्न हिंदू मंदिरों को तोड़कर सामग्री को यहां लाया गया और फिर कुतुबमीनार और उसका परिसर तैयार किया गया। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि कुतुब मीनार परिसर में आज भी जो शिलालेख सूचना पट्ट प्रदर्शित है उसमें स्पष्ट लिखा है कि 27 मंदिरों को तोड़ कर इस स्थान का निर्माण किया गया। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि आजादी के 75 साल बाद भी हिंदू मंदिरों को तोड़ने वाला शिलालेख हटाया नहीं जा सका है। इतना ही नहीं कुतुब मीनार परिसर में पर्यटकों के बैठने के लिए जो बड़े पत्थर खे हुए है उनमें भी भगवानों की कृतियां दिख रही है। लोग इन पत्थरों पर ही जूते आदि रखते हैं। जो लोग दरगाह और मस्जिद की भौगोलिक स्थिति में बदलाव नहीं चाहते वे कम से कम हिंदुओं को अपमानित करने वाला प्रदर्शन तो न करें। क्या संभल की मस्जिद और दिल्ली की कुतुब मीनार वाले स्थानों से हिंदुओं को अपमानित करने वाले चिह्न नहीं हटने चाहिए? सनातन धर्म की इससे ज्यादा सहिष्णुता उदारता और क्या हो सकती है कि पाकिस्तान बन जाने के बाद भी भारत में सार्वजनिक स्थानों पर सनातन संस्कृति का अपमान हो रहा है। जो लोग देश में वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन भी नहीं चाहते, उन्हें आज तक पर प्रसारित सुधीर चौधरी वाला यह कार्यक्रम जरूरी देखना चाहिए। कोई पौन घंटे का यह कार्यक्रम यूट्यूब तकनीक से देखा जा सकता है।

आंखें खोलने वाला संदेश:
2 दिसंबर को संसद भवन के बालयोगी सभागार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट के साथ द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखी। यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा के पास साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगने से संबंधित है। अचानक लगी गई आग से 60 हिंदू जलकर मर गए। यह सभी अयोध्या से कार सेवा कर लौट रहे थे। फिल्म में बताया गया कि किन परिस्थितियों में ट्रेन के डिब्बे में आग लगी। इस फिल्म को देखने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा है कि लोगों को सच्चाई की जानकारी होगी। मालूम हो कि उस समय नरेंद्र मोदी ही गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मोदी समय समय पर देशवासियों की आंख खोलने और सच्चाई जानने के काम करते है। साबरमती फिल्म देखकर भी मोदी ने आंख खोलने वाला काम किया है। मोदी ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि देश किस नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश के जो लोग आज भी हालातों को समझना नहीं चाहते उनको साबरमती फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

धीरेंद्र शास्त्री भाजपा के एजेंट:
सब जानते हैं कि बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों जात पात के खिलाफ धार्मिक यात्राएं निकाल रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री का प्रयास है कि हिंदू समुदाय में जात पात की व्यवस्था को समाप्त किया जाए। यही वजह है कि अपने धार्मिक आयोजनों में धीरेंद्र शास्त्री मंच पर वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधियों को बैठाते हैं। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि मौजूदा चुनौतियों का मुकाबला तभी किया जा सकता है जब हिंदू समाज एकजुट होगा, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री के इस काम पर बद्रिका जोशी पीठ के स्वयंभू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ऐतराज है। उनका कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री भाजपा के एजेंट की भूमिका निभा रहे है। हिंदुओं को एकजुट करने का मकसद चुनाव में भाजपा को वोट दिलवाना है। सनातन धर्म को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने जो बातें कही उन्हें ब्लॉग में नहीं लिखा जा सकता है। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अविमुक्तेश्वरानंद जैसे लोग स्वयं को धर्मगुरु मानते हैं। यहां यह उल्लेखनीय हे कि अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य होने पर भी विवाद है। यह विवाद अदालत में भी चल रहा है। इस पीठ के दिवंगत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में कई बार कहा कि उन्होंने किसी भी शिष्य को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है। लेकिन इसके बाद भी स्वामी स्वरूपानंद के निधन के तुरंत बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वयं को इस पीठ का शंकराचार्य घोषित कर दिया। अविमुक्तेश्वरानंद पर वित्तीय अनियमितताओं के भी गंभीर आरोप है। धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाकर अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी सनातन विरोधी मानसिकता को ही प्रदर्शित किया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511