Thursday, 16 January 2025

सीएम भजनलाल ने बाबा गुरिंदर सिंह से अध्यात्म पर चर्चा की।

15 जनवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लो से मुलाकात की। ढिल्लो इन दिनों जयपुर के निकट बीलवा स्थित अपने आश्रम में है। सीएम शर्मा ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो से आशीर्वाद लिया और आध्यात्म तथा सामाजिक मूल्यों पर चर्चा की। दोनों के बीच समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने पर भी चर्चा हुई। ढिल्लो ने कहा कि इंसान किसी भी पद पर रहे, लेकिन उसे नेक बना रहना चाहिए। चर्चा के दौरान सीएम शर्मा ने ढिल्लों से अध्यात्म क्षेत्र के बारे में सवाल भी पूछे। उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी सत्संग देश भर में समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। नशा मुक्ति के क्षेत्र में सत्संग का विशेष योगदान है। राधा स्वामी आश्रम में आने वाले जो व्यक्ति गुरु दीक्षा लेते हैं वे किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते हैं। देश भर में राधा स्वामी के करोड़ों अनुयायी है। देश के प्रमुख शहरों में राधा स्वामी सत्संग के बड़े आश्रम बने हुए हैं। इन आश्रमों में बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित होकर सेवा का कार्य करते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (16-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

यदि इंडिया स्टेट इस्लामिक स्टेट की तरह होता तो राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी नहीं बन पाते। आखिर सनातन संस्कृति से इतनी ईर्ष्या क्यों रखते हैं राहुल गांधी। एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया।

भारत के पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक स्टेट है। पूरी दुनिया इन तीनों इस्लामिक स्टेटों में हो रही गृह युद्ध की स्थिति को देख रहे है। अफगानिस्तान में तो कट्टरपंथी संगठन तालिबान का कब्जा ही है। वहीं बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार गिरने के बाद हालात बद से बदतर हो गए है। वहीं पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से गृह युद्ध के दौर से गुजर रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से पहले ही हिंदुओं को भगा दिया गया और अब बांग्लादेश से भी हिंदुओं को मजबूरन भागना पड़ रहा है। लेकिन अब राहुल गांधी को लगता है कि भारत इंडिया स्टेट बन गया है। 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि हम भाजपा और संघ के साथ नहीं बल्कि इंडियन स्टेट के साथ लड़ रहे है। राहुल गांधी ने इंडियन स्टेट शब्द का उपयोग जिस नजरिए से किया है, उसे देश के नागरिक अच्छी तरह समझते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में सनातन संस्कृति का महत्व बड़ा है। 15 जनवरी को जब दिल्ली में राहुल गांधी अपने देश की तुलना इंडियन स्टेट से कर रहे थे, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन कर रहे थे। एक ही दिन में हुई इन दोनों घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सा नेता देश को किस दिशा में ले जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत को जिस तरह का देश बनाया उसी में राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बने। यदि इंडियन स्टेट पड़ोसी मुल्कों की तरह इस्लामिक स्टेट होता तो राहुल गांधी कभी भी प्रतिपक्ष के नेता नहीं बन पाते। यही सही है कि कांग्रेस और राहुल गांधी की लाख कोशिश के बाद भी वर्ष 2024 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद से नहीं हटाया जा सका। यही वजह है कि राहुल गांधी अपने ही देश को गलत इरादे से इंडियन स्टेट कह रहे हैं। सब जानते हैं कि राहुल गांधी के इशारे पर हुए हंगामे के कारण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चल सका। सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी भारत की सनातन संस्कृति से इतनी ईर्ष्या क्यों रखते हैं? नरेंद्र मोदी ने उस जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जिस में लाख सनातनियों को प्रताडि़ कर भगा दिया गया। इसके साथ ही अयोध्या में जन्म स्थान पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनवा कर सनातनियों को गर्व की अनुभूति करवाई। इतना ही नहीं इन दिनों प्रयागराज में महाकुंभ का शानदार आयोजन भी किया जा रहा है। राहुल गांधी भले ही अपने नजरिए से भारत को इंडियन स्टेट कहे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में अब तक सनातन संस्कृति के महत्व को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी पर यह सनातन संस्कृति का प्रभाव ही है कि वह अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में प्रतिवर्ष सूफी परंपरा के अनुरूप चादर भी पेश कर रहे हैं। यदि इस्लामिक स्टेट की तरह इंडियन स्टेट होता तो फिर किसी दूसरे धर्म के सम्मान की गुंजाइश नहीं होती। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि उनके ऐसे बयानों से उन ताकतों को मदद मिलती है जो भारत को कमजोर देखना चाहते हैं। राहुल गांधी को इस्लामिक स्टेट वाले देशों के हालात भी देखने चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (16-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 15 January 2025

तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत का संरक्षण नहीं होता तो अमीन पठान की क्रिकेट एकेडमी 18 साल पहले ही ध्वस्त हो जाती। तब आईएएस डॉक्टर समित शर्मा को 90 दिन एपीओ भी रहना पड़ा। लेकिन अब भजन लाल शर्मा की सरकार में पठान को कोई संरक्षण नहीं मिला। कब्जा मुक्त हुई भूमि पर वन विभाग पीपल के पेड़ लगाएगा।

अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी और राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष रहे अमीन पठान की कोटा स्थित क्रिकेट एकेडमी को ध्वस्त किए जाने की चर्चा अब राजनीति के साथ साथ उच्च प्रशासनिक क्षेत्रों में भी हो रही है। कोटा के वन अधिकारियों ने पुलिस की मदद से 13 जनवरी को अमीन पठान की अवैध क्रिकेट एकेडमी पर बुलडोजर चलाया। कब्जा मुक्त हुई भूमि पर वन विभाग अब पचास से भी ज्यादा पीपल के पेड़ लगाएगा। जानकार सूत्रों के अनुसार अमीन पठान की क्रिकेट एकेडमी पर जो कार्यवाही 13 जनवरी 2025 को हुई वह 18 वर्ष पहले भी हो सकती थी। कोटा के तत्कालीन कलेक्टर आलोक के निर्देश पर सरकारी भूमियों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। तब कोटा नगर निगम के सीईओ और नगर सुधार न्यास के सचिव पद पर आईएएस डॉक्टर समित शर्मा थे। डॉ. शर्मा की टीम जब क्रिकेट एकेडमी पर जेसीबी लेकर पहुंची तो अमीन पठान ने हंगामा खड़ा कर दिया। जेसीबी के सामने खड़ा हुआ तो पुलिस ने लाठियां चलाई। इससे पठान की दोनों हाथों की हड्डियां टूट गई। तब पठान को कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संरक्षण था, इसलिए डॉ. समित शर्मा को एपीओ कर दिया गया। इसे तब अमीन पठान का राजनीतिक दबदबा ही कहा जाएगा कि डॉ. शर्मा को 90 दिनों तक पद की प्रतिक्षा में ही रहना पड़ा, जबकि डॉ. शर्मा ने 54 दिन कोटा में ड्यूटी दी। अब भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में पठान को कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है, इसलिए 13 जनवरी को क्रिकेट एकेडमी भी ध्वस्त कर दी गई। इससे पहले गत वर्ष मार्च माह में पुलिस ने बड़ी कार्यवाही कर अमीन पठान के अवैध फार्म हाउस पर भी बुलडोजर चला दिया था। तब यह कार्यवाही पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता के निर्देशन में एएसपी दिली सैनी, सीओ मनीष शर्मा और सीआई भूपेंद्र सिंह ने की। मार्च माह में पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया उसमें यह भी बताया गया कि अमीन पठान पर हत्या, हत्या का प्रयास, अवैध वसूली, रास्ता रोकने, राज काज में बाधा उत्पन्न करने जैसे अपराधों के 18 मुकदमे दर्ज है। इतना आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी अमीन पठान अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी का अध्यक्ष बनने में सफल रहा। इतना ही नहीं अमीन पठान हज कमेटी के अध्यक्ष भी बने। जानकारों के अनुसार अमीन पठान को राजनीति में आगे बढ़ाने में वसुंधरा राजे की भूमिका रही। यह बात अलग है कि कांग्रेस का शासन आने पर अमीन पठान भाजपा को धोखा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। अमीन पठान जब दरगाह कमेटी के अध्यक्ष थे, तब उन पर नाजिम अशफाक हुसैन ने भी वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि दरगाह जैसे धार्मिक स्थल पर भी अमीन पठान अपनी हरकतों से बात नहीं आए। यही वजह है कि अब अमीन पठान और उसके परिवार को परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। अब इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जिस व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो वह दरगाह ख्वाजा साहब और हज कमेटी का अध्यक्ष कैसे बन गया। S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को भाजपा विधायक अनिता भदेल ने जन्मदिन की बधाई दी। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल। नर्बदा इन्दौरिया डीआईपीआर की अतिरिक्त निदेशक बनी। विनय कुमार शर्मा, संतोष प्रजापत भी पदोन्नत हुए।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का जन्मदिन गत 11 जनवरी को उनके निर्वाचन क्षेत्र अजमेर उत्तर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भाजपा के सभी नेता उपस्थित रहे। लेकिन दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की गैर मौजूदगी चर्चा में रही। लेकिन अब सोशल मीडिया पर श्रीमती भदेल द्वारा देवनानी को जन्मदिन की बधाई देने वाला फोटो वायरल हो रहा है। देवनानी के अधिकांश समर्थक फेसबुक पर इस फोटो को पोस्ट कर रहे हैं। इस फोटो के संबंध में श्रीमती भदेल का कहना रहा कि यह कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं है। चूंकि मैं 11 जनवरी को संगठन के कार्य से झालावाड़ में थी, इसलिए देवनानी को जन्मदिन की बधाई अजमेर में नहीं दे सकी। मैंने 13 जनवरी को जयपुर में देवनानी को जन्मदिन की बधाई दी है। देवनानी विधानसभा के अध्यक्ष है इस नाते भी मेरा फर्ज बनता है कि मैं उन्हें बधाई दूं। इंदौरिया अतिरिक्त निदेशक: सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय राजस्थान की संयुक्त निदेशक नर्बदा इन्दौरिया की पदोन्नति अतिरिक्त निदेशक के पद पर हुई है। इंदौरिया वर्ष 2005 में जनसंपर्क अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुई थी। इंदौरिया ने अपनी कार्यकुशलता और मेहनत के साथ अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति प्राप्त की है। इंदौरिया की पृष्ठभूमि पत्रकारिता रही है। सरकारी सेवा में आने से पहले इंदौरिया राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में काम कर चुकी है। दूरदर्शन और ईटीवी पर स्वतंत्र रूप से कार्य किया है। इंदौरिया को राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों में भी काम करने का अवसर मिला है। निदेशालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका राजस्थान सुजस का चार वर्ष तक संपादन कार्य भी किया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में नर्बदा को माणक अलंकरण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2001 में तत्कालीन राज्यपाल अंशुमान सिंह ने नारी शक्ति अवार्ड से भी नवाजा। शहीद सैनिकों के परिवारों की रिपोर्टिंग उल्लेखनीय रही। पत्रकारिता और जनसंपर्क सेवा के क्षेत्र में नर्बदा इन्दौरिया का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। निदेशालय में रह कर इंदौरिया ने प्रदेश भर के पत्रकारों की समस्याओं के निदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पत्रकारों के अधिस्वीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने में इंदौरिया का विशेष योगदान है। जरुरतमंद पत्रकारों को 15 हजार रुपए की सम्मान निधि दिलवाने में भी इंदौरिया की विशेष भूमिका रही है। पदोन्नति और उपलब्धियों के लिए मोबाइल नंबर 9414077927 पर नर्बदा इन्दौरिया को बधाई दी जा सकती है। शर्मा और प्रजापत भी पदोन्नत: जनसंपर्क निदेशालय के आयुक्त सुनील शर्मा द्वारा जारी आदेश में अजमेर के जनसंपर्क अधिकारी संतोष प्रजापत को सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई है। इसी प्रकार प्रतापगढ़ के जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा को उपभोक्ता मामले विभाग में उपायुक्त के पद पर पदोन्नति मिली है। मोबाइल नंबर 9461698959 पर संतोष प्रजापत तथा 9414534957 पर विनय कुमार शर्मा को बधाई दी जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जैन संत विद्यासागर जी का पैनोरमा बनने से अजमेर का धार्मिक महत्व और बढ़ेगा। हिंदी, संस्कृत के साथ साथ कन्नड़, बांग्ला, अंग्रेजी और प्राकृत भाषा के ज्ञाता थे विद्यासागर। 19 जनवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पैनोरमा का शिलान्यास करेंगे।

पुष्कर तीर्थ होने के कारण देश दुनिया में धार्मिक दृष्टि से अजमेर का विशेष महत्व है। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की निर्वाण स्थली भी अजमेर में ही है। ऐसे धार्मिक और कर्मयोगी अजमेर का महत्व अब और बढ़ने जा रहा है। जैन समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त संत विद्यासागर जी महाराज का पैनोरमा नारेली स्थित ज्ञानोदय तीर्थ के सामने बनने जा रहा है। इस पैनोरमा में विद्यासागर जी के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। पैनोरमा के लिए राज्य की भाजपा सरकार ने 12 हजार मीटर भूमि नि:शुल्क दी है। पैनोरमा बनाने का काम राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया कि जैन संत विद्यासागर जी के जीवन से जुड़ी सभी घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण जैन समाज के विद्वानों से संपर्क कर रहा है। जैन समाज के प्रतिनिधि और भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य पुखराज पहाडिय़ा ने बताया कि पैनोरमा का शिलान्यास 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे। शिलान्यास समारोह में देश भर के जैन समाज के लोग भाग लेंगे। इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता: जैन संत विद्यासागर महाराज के परम शिष्य अजय दनगसिया ने बताया कि अजमेर में पैनोरमा बनना इसलिए भी महत्व रखता है कि विद्यासागर जी ने 30 जून 1968 को अजमेर में ही मुनि दीक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही घर परिवार त्याग कर अहिंसा का व्रत ले लिया था। इसे मुनिश्री की विद्वता ही कहा जाएगा कि देश के दस राज्यों के 120 दिगंबर मुनि, 172 साध्वियां, 64 क्षुल्लक साधक, 56 एलक साधक ने दीक्षा प्राप्त की और अब समर्पण भाव से धर्म की गंगा बहा रहे हैं। देश दुनिया के साहित्य के लिए यह बड़ी बात है कि प्राचीन जैनाचार्यों के चौबीस संस्कृत ग्रंथों का हिंदी में अनुवाद किया और अब देश दुनिया के पाठक सरलता के साथ पढ़ रहे हैं। अपने महाकाव्य मूक-माटी का सृजन कर जैन मुनि ने साहित्य के क्षेत्र में चमत्कार किया है। नीति-धर्म-दर्शन, आध्यात्मिक विषयों पर संस्कृत भाषा में अनेक पुस्तकें प्रकाशित की। जैन मुनि के प्रवचनों के पचास संग्रह ग्रंथ आज पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। जैन मुनि ने अपने जीवन काल में भारतीय शिक्षा पद्धति लागू हो, छात्र-छात्राओं की शिक्षा पृथक पृथक हो, भारत को इंडियन की जगह भारत देश ही कहा जाए, नौकरी नहीं व्यवसाय करो, चिकित्सा को व्यवसाय नहीं सेवा मानो, बैंकों के भ्रम जाल से बचो, खेती सर्वश्रेष्ठ, हाथ करघा, महिलाएं साड़ी पहने, मांस का निर्यात बंद हो, शत प्रतिशत मतदान हो विषयों पर भी मुनिश्री ने जोर दिया। आज मुनिश्री की प्रेरणा से देशभर में 72 गौशालाएं संचालित हो रही है। मध्य प्रदेश के सागर में भाग्योदय तीर्थ धर्मार्थ चिकित्सालय की स्थापना भी मुनिश्री की प्रेरणा से हुई है। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जैन मुनि से आशीर्वाद प्राप्त किया है। दनगसिया और पहाडिय़ा ने कहा कि जैन संत विद्यासागर महाराज का अजमेर में पैनोरमा बनना अपने आप में बड़ी बात है। यहां उल्लेखनीय है कि विद्यासागर जी ने अजमेर में जिस पाश्र्वनाथ कॉलोनी में दीक्षा ग्रहण की थी, उस स्थान पर आज उनका कीर्ति स्तंभ बन गया है। यह कीर्ति स्तंभ आरके मार्बल के सहयोग से बना है। 19 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9928072711 पर पुखराज पहाडिय़ा और 9414002911 पर अजय दनगसिया से प्राप्त की जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 14 January 2025

कांग्रेस नेता अमीन पठान की क्रिकेट एकेडमी पर बुलडोजर चला। पहले फार्म हाउस धाराशायी हुआ था। दरगाह ख्वाजा साहब की इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी पठान पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे।

जीवन में कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि जब आप बुरे कर्म करते हैं तो आरोप लगने के बाद भी कुछ नहीं बिगड़ता, लेकिन समय के साथ बुरे कर्मों की सजा मिल जाती है। राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष रहे अमीन पठान अब अजमेर स्थित दरगाह ख्वाजा साहब की इंतजामिया कमेटी के तीन वर्ष तक अध्यक्ष रहे, तब उन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। ऐसे आरोप दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने ही लगाए। आरोपों को लेकर तब नाजिम ने एक पत्र केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को भी लिखा, लेकिन तब अमीन पठान के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। अमीन पठान बड़े सम्मान के साथ ख्वाजा साहब की दरगाह से विदा हो गए, लेकिन अब जब अमीन पठान गृह नगर कोटा में ऐशोआराम की जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, तब 13 जनवरी को उनकी क्रिकेट एकेडमी पर बुलडोजर चला। अमीन पठान ने अपने राजनीतिक प्रभाव के चलते वन विभाग की भूमि पर क्रिकेट एकेडमी बना ली। बुलडोजर ने 13 जनवरी को मैदान पर बने तीन पिचों को उखाड़ दिया और पक्के निर्माण को ध्वस्त कर दिया। वन विभाग ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। इससे पहले अमीन पठान के फार्म हाउस को भी धाराशायी कर दिया गया। यह फार्म हाउस भी वन विभाग की भूमि पर बना था। यहां यह उल्लेखनीय है कि अमीन पठान पहले भाजपा में थे, लेकिन वर्ष 2022 में कांग्रेस में शामिल हो गए। उस समय अशोक गहलोत कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे। माना जाता है कि गहलोत के पुत्र वैभव को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाने में अमीन पठान की सक्रिय भूमिका थी। राजनीतिक दल बदलने के बाद भी अमीन पठान अपनी कब्जाशुदा जमीनों को जायज नहीं करवा सके। यही वजह है कि अब सरकारी जमीनों को अमीन पठान के कब्जे से मुक्त करवाया जा रहा है। धर्म कोई सा भी हो, लेकिन परिणाम तो कर्मों के अनुरूप ही मिलते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (14-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

उपचुनाव में 7 में से 4 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त कराने के बाद भी गोविंद सिंह डोटासरा, भजनलाल शर्मा को अनुभवहीन मुख्यमंत्री बता रहे हैं। तीन संभाग और 9 जिले निरस्त करना भी भजन सरकार के बोल्ड फैसले हैं।

13 जनवरी को राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अनुभवहीन बताया। डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की अनुभवहीनता के कारण प्रदेश का नुकसान हो रहा है। लोकतंत्र में विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार है। इसलिए डोटासरा एक निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री को अनुभवहीन कह सकते हैं, लेकिन डोटासरा को यह समझना चाहिए कि हाल ही के 7 विधानसभा के उपचुनावों में चार पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जो रणनीति बनाई उसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस को 7 में से 6 पर हार का सामना करना पड़ा और चार सीटों पर जमानत भी जब्त हो गई। अच्छा हो कि भजनलाल शर्मा को अनुभवहीन मुख्यमंत्री बताने से पहले डोटासरा कांग्रेस में स्वयं के नेतृत्व पर विचार करें। डोटासरा पिछले पांच वर्ष से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। जहां तक सीएम शर्मा के फैसलों का सवाल है तो तीन संभाग और 9 जिले निरस्त कर बोल्ड निर्णय लिया गया है। कांग्रेस चाहे तो इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जन आंदोलन कर सकती है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच वर्ष के कार्यकाल में अंतिम वर्ष में देशी विदेशी निवेश के लिए सम्मेलन करवाया, लेकिन भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान सम्मेलन करवा कर 35 लाख करोड़ के एमओयू साइन किए है। यदि इनमें से आधे एमओयू सफल हो जाते हैं तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। इतना ही नहीं सरकार ने 87 हजार भर्तियों के लिए परीक्षा तिथि की घोषणा कर दी है। कांग्रेस इन परीक्षा तिथियों पर नजर रख सकती है। मुख्यमंत्री को अनुभवहीन कहने के बजाए डोटासरा को जनहित में आंदोलन करना चाहिए। 31 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। कांग्रेस इस सत्र में सरकार के फैसलों की आलोचना कर सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (14-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 12 January 2025

800 वर्ष की गुलामी और 60 वर्ष के अंधेरे के बाद भारत में अब सनातनियों के लिए सुनहरे दिन। जब अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का जश्न तो प्रयागराज में महाकुंभ की धूम। सरकारी न्यूज़ चैनल पर भी माथे पर चंदन और गले में गमछा डालकर संवाददाता भगवान राम की स्तुति कर रहे हैं।

पहले 800 वर्षों की गुलामी फिर आजादी के 60 वर्षों में किसी भी सनातनी ने यह कल्पना नहीं की थी कि एक दिन ऐसा आएगा। जब देश के सरकारी न्यूज़ चैनल पर अयोध्या से राम दरबार के धार्मिक अनुष्ठान का लाइव प्रसारण होगा। माथे पर चंदन का लेप और गले में गमछा डालकर संवाददाता भगवान राम के श्रृंगार का विवरण देशवासियों को सुनाएंगे। सब जानते हैं कि अयोध्या में गत वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इस वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी 11 जनवरी को थी, इसलिए अयोध्या में तीन दिवसीय उत्सव मनाया जा रहा है। प्रतिदिन होने वाले भगवान राम के श्रृंगार और आरती का लाइव प्रसारण सरकार के न्यूज़ चैनलों पर हो रहा है। मंदिर में खड़े होकर चैनल के संवाददाता देश भर के लोगों को लाइव जानकारी दे रहे है। एक और देश में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की धूम मची हुई है। इस बार मकर संक्रांति पर 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी। महाकुंभ की तैयारियां भी सरकारी चैनल पर विस्तार के साथ दिखाई जा रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सनातन संस्कृति में आस्था रखने वालों के लिए यह सुनहरे दिन है। 600 वर्षों के मुगल काल में जहां सनातन संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई, वहीं 200 वर्षों के अंग्रेजों के शासन में सनातन संस्कृति को पीछे धकेला गया। 1947 में देश की आजादी के बाद से ऐसी सरकारें रही जिन्होंने सनातन धर्म को धर्म निरपेक्षता के चश्मे से देखा और सनातनी विचारधारा को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन देश में पिछले दस वर्षों में देखा जा रहा है कि लोगों का सनातन संस्कृति के प्रति जन जागरण हुआ है। इस जनजागरण के कारण ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन सका और अब एक वर्ष पूरा होने पर अयोध्या में जश्न का माहौल है। इधर प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ की धूम 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगी। यानी अगले पचास दिनों तक देश में सनातन धर्म को लेकर उत्साह और उमंग रहेगा। माना जा रहा है कि महाकुंभ में 45 करोड़ से भी ज्यादा सनातनी गंगा स्नान करेंगे। चूंकि देश में सनातन संस्कृति में अटूट आस्था रखने वाली सरकार है, इसलिए महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं रखी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से जो इंतजाम किए गए हैं, उसमें प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे एक दिन में चार करोड़ तक श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। इस बार महाकुंभ में ऐसी व्यवस्था की गई है कि जिसमें लोगों को अपने वाहन की पार्किंग से तीन किलोमीटर से ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा। करोड़ों श्रद्धालु बहुत आसानी से गंगा के घाटों पर डुबकी लगा सकेंगे। आजादी के बाद ऐसे महाकुंभ हुए, लेकिन कभी भी इतनी सुंदर व्यवस्था नहीं की गई। यह पहला अवसर है कि अब सरकार की ओर से महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है। सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले भारत के नागरिक बताएं कि क्या ऐसे सुनहरे दिन वर्ष 2014 से पहले कभी देखे गए? आज हम अयोध्या और प्रयागराज में ही सुनहरे दिन नहीं देख रहे, बल्कि धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी सुनहरे दिन देख रहे है। धरती के इस स्वर्ग में अब आम लोग आसानी से घूम रहे है। जो लोग सनातन संस्कृति में भरोसा नहीं रखते उन्होंने ने भी कभी ऐसी कल्पना नहीं की थी कि एक दिन कश्मीर में भी सुनहरे दिन देखने को मिलेंगे। दुनिया में सनातन संस्कृति ही एक मात्र संस्कृति है जिसमें सभी धर्मों का सम्मान होता है। मुगलों के 600 वर्षों के शासन में भले ही सनातन संस्कृति के मंदिरों और धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया हो, लेकिन भारत में वर्ष 2014 के बाद मुस्लिम संस्कृति के धार्मिक स्थलों का भी संरक्षण किया गया है। सनातन संस्कृति के सुनहरे दिनों में भी भारत में सभी धर्मों के लोग सुरक्षित है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए अजमेर में 19 जनवरी को संघ का विशाल पथ संचालन। हर घर से निकलेगा एक स्वयं सेवक। पथ संचलन मार्ग पर स्वागत व पुष्प वर्षा। हजारों स्वयं सेवकों का कदमताल और अनुशासन देखने को मिलेगा।

राष्ट्रीय स्वाभिमान के जन जागरण के उद्देश्य से अजमेर शहर में 19 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन होगा। अजयमेरु महानगर के संघ चालक खाजू लाल चौहान ने बताया कि 19 जनवरी को प्रात: 9:30 बजे स्वयंसेवक संघ की गणवेश में तोपदड़ा स्थित स्कूल के मैदान पर एकत्रित होंगे। यही से घोष की मधुर धुन के साथ स्वयंसेवकों का पथ संचलन शुरू होगा। यह पथ संचलन तोपदड़ा के रेलवे फाटक से निकल कर सूचना केंद्र चौराहा, आगरा गेट नया बाजार चौपड़, कड़क्का चौक, धानमंडी, दरगाह बाजार, नला बाजार, मदार गेट, क्लॉक टावर, पुलिस स्टेशन, स्टेशन रोड, गांधी भवन, कचहरी रोड होते हुए पुन: तोपदड़ा स्कूल मैदान पर संपन्न होगा। इस पथ संचलन में शहर के हर घर से एक युवा को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। देश के स्वाभिमान के खातिर युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। इस बार के पथ संचलन का महत्व इसलिए भी है कि यह संघ का शताब्दी वर्ष है। संघ के शताब्दी वर्ष में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। तोपदड़ा के खेल मैदान पर संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का मार्ग दर्शन भी मिलेगा। पथ संचलन मार्ग पर समाज के लोगों द्वारा स्वागत द्वार व पुष्प वर्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि संघ का यह बड़ा पथ संचलन वर्ष में एक बार होता है। हालांकि नगर की शाखाओं के पथ संचलन समय समय पर होते रहते हैं। पथ संचलन की तैयारियां संघ के स्वयंसेवक कर रहे है। पथ संचलन के संबंध में जिला प्रशासन को भी सूचित कर दिया गया है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 9 January 2025

राहुल गांधी विदेश में, इधर देश में इंडिया गठबंधन खत्म। आखिर राहुल गांधी विदेश से कब लौटेंगे?

नरेन्द्र मोदी तीसरी बार भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री न बने इसके लिए गत वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन बनाया गया। यह गठबंधन कांग्रेस की अगुवाई में बना। विपक्षी दलों की लाख कोशिश के बाद भी मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोका जा सका। हालांकि लोकसभा चुनाव के सम्पन्न हो जाने के बाद से ही इंडिया गठबंधन के बिखरने की शुरुआत हो गई थी, लेकिन वर्ष 2025 के शुरुआती सप्ताह में तो इंडिया गठबंधन खत्म हो गया। यह तब हुआ जब कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी नववर्ष का स्वागत करने के लिए विदेश में है। राहुल गांधी 21 दिसम्बर को विदेश गए थे और अभी तक भी वापस नहीं आए है। 8 जनवरी को इंडिया गठबंधन के प्रमुख सदस्य आरजेडी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि अब विपक्ष का यह गठबंधन खत्म हो गया है, क्योंकि इस गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था। यह बात कहकर तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा। फरवरी में दिल्ली के चुनाव हो जाने के तुरन्त बाद बिहार में भी चुनाव होने है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया है। इंडिया गठबंधन में शामिल रहे दल टीएमसी, सपा, शिवसेना (उद्धव) आदि ने भी दिल्ली में कांग्रेस के बजाए आप को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस अब दिल्ली में अकेले ही दम पर चुनाव लड़ रही है। गत दो बार से दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं बन सका है। वर्ष 2020 में तो कांग्रेस को दिल्ली में मात्र 4 प्रतिशत ही वोट मिले। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस में राहुल गांधी के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता। चूंकि राहुल गांधी इन दिनों विदेश में है इसलिए कांग्रेस की ओर से इंडिया गठबंधन को बचाने की कोई पहल भी नहीं हो रहीं। राहुल गांधी के बगैर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के भी कोई निर्णय नहीं ले सकते है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि यदि राहुल गांधी देश में होते तो इंडिया गठबंधन इस तरह खत्म नहीं होता। वहीं विपक्षी दलों के नेताओं का मानना है कि इंडिया गठबंधन बनाकर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अपने सांसदों की संख्या 50 से बढ़ कर सौ कर ली। लेकिन किसी भी क्षेत्रीय दल को कांग्रेस के वोट प्राप्त नहीं हुए। S.P.MITTAL BLOGGER (09-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राज धर्म निभाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो 11 वर्षों से ख्वाजा साहब के उर्स में चादर पेश कर रहे हैं, तो क्या अब राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, स्टालिन, उमर अब्दुल्ला, असदुद्दीन ओवैसी जैसे राजनेता प्रयागराज के महाकुंभ में गंगा स्नान करेंगे?

अजमेर स्थित दरगाह में ख्वाजा साहब के 813 वें सालाना उर्स में इस बार भी 4 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू ने सूफी परम्परा के अनुरूप मजार शरीफ पर चादर पेश की। देश का प्रधानमंत्री होने के नाते नरेन्द्र मोदी इस परम्परा को 11 वर्षों से निभा रहे हैं। यानी पीएम मोदी राजधर्म का पालन कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, पंजाब और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम चीफ गंगा स्नान करेंगे? भारत की सनातन संस्कृति में गंगा स्नान का खास धार्मिक महत्व है। यह 100 करोड़ से भी ज्यादा सनातनियों की आस्था से जुड़ा हुआ महापर्व है। इसे सनातन संस्कृति का विशाल हृदय ही कहा जाएगा कि महाकुंभ कोई तीन चार दिन नहीं बल्कि पूरे 45 दिन का है। कुंभ में पहला स्नान मकर संक्रांति के पर्व पर 13 जनवरी को होगा, जबकि अंतिम स्नान 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन होगा। श्रद्धालु लोग इन 45 दिनों की अवधि में अपनी सुविधा से स्नान कर सकते हैं। यानी ममता बनर्जी से लेकर उमर अब्दुल्ला तक यह नहीं कह सकते कि 45 दिनों में उन्हें गंगा स्नान का समय ही नहीं मिला? भारत जब पंथनिरपेक्ष देश है, तब यहां के राजनेताओं के सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। भारत में संघीय व्यवस्था है इसलिए राज्यों के मुख्यमंत्री सर्वे सर्वा होते है। मुख्यमंत्रियों और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की यह जिम्मेदारी होती है कि लोगों की भावनाओं का ख्याल रखें। सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था सनातन धर्म है और वे समय समय पर मंदिरों और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाकर सनातन धर्म के अनुरूप पूजा पाठ और अनुष्ठा भी करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए राजधर्म निभाने के कारण दरगाह में सूफी संतों की मजार पर चादर भी पेश करते हैं। इस बार पीएम मोदी की चादर विशेष परिस्थितियों में पेश की गई । देश के मीडिया में जब अजमेर की दरगाह में शिव मंदिर होने की चर्चा जोरों पर है तब भी पीएम मोदी ने राजधर्म निभाया। सभी आशंकाओं को पीछे धकेलते हुए मोदी की ओर से 4 जनवरी को चादर पेश की गई । इतना ही नहीं मोदी ने अपने संदेश में ख्वाजा साहब को शांति और भाईचारे का प्रतीक भी बताया। अब देखना होगा कि सौ करोड़ से भी ज्यादा सनातनियों की आस्था के अनुरूप देश के कितने राजनेता महाकुंभ में गंगा स्नान करते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (09-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

खड़गे की चादर के साथ न गहलोत आए न पायलट। सोनिया गांधी की चादर के साथ दोनों नेता आते रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की चादर की रस्म के समय भाजपा का एक भी विधायक उपस्थित नहीं रहा, जबकि अजमेर में ही 7 विधायक है।

Wednesday, 8 January 2025

अशोक गहलोत के दिल्ली पहुंचते ही टीएमसी और सपा ने कांग्रेस को झटका दिया। दिल्ली में अब मुसलमानों के एकमुश्त वोट केजरीवाल को मिलेंगे। गत दो बार से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 10 जनवरी से नामांकन शुरू हो जाएगा। 5 फरवरी को मतदान तथा 8 फरवरी को मतगणना होगी। देश की राजधानी वाले इस प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए इस बार कांग्रेस ने भी पूरी ताकत लगा दी है। जिन वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है, उनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हैं। गहलोत 7 जनवरी को दिल्ली पहुंचे तो टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया। टीएमसी की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा दिल्ली की सीमा से ले समाजवादी पार्टी के प्रभाव वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। सपा और टीएमसी भले ही इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ हो, लेकिन इन दोनों पार्टियां का मानना है कि दिल्ली के चुनाव में भाजपा का मुकाबला अरविंद केजरीवाल की पार्टी ही कर सकती है। इस बार आप ने भी कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं किया है। केजरीवाल को पहले ही मुस्लिम परस्त माना जाता है और अब टीएमसी और सपा के समर्थन के बाद कहा जा रहा है कि चुनाव में दिल्ली के मुसलमानों के एकमुश्त वोट केजरीवाल को ही मिलेंगे। गत दो चुनावों में 70 में से कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली। वर्ष 2020 के चुनावों में केजरीवाल को 62 और भाजपा को 8 सीटें मिली, लेकिन भाजपा ने 38.7 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। जबकि कांग्रेस को मात्र चार प्रतिशत वोट मिले। केजरीवाल की पार्टी की जीत में मुस्लिम वोटों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मुसलमानों की तरह दिल्ली के मुसलमानों को भी पता है कि कांग्रेस अब भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी और उत्तर प्रदेश में सपा की जीत में बड़ा योगदान मुस्लिम मतदाताओं का है। उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में भी लोकसभा की 80 में से 37 सीटें सपा के पास है। इसी प्रकार 125 विधायक सपा के हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को लगता है कि अशोक गहलोत जैसे नेताओं की बदौलत दिल्ली में कुछ सफलता हासिल कर ली जाएगी। देखना होगा कि दिल्ली में गहलोत की वजह से कांग्रेस को कितना फायदा होता है। वैसे गहलोत ने महाराष्ट्र और गुजरात में भी प्रचार किया था, जहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। S.P.MITTAL BLOGGER (08-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अंदर और सीमा दोनों पर पीट रही है पाकिस्तान की सेना। भारत में पाकिस्तान के हिमायती पड़ोसी मुल्क के हालात देख लें।

6 जनवरी को भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक आत्मघाती हमले में 47 सुरक्षाकर्मी मारे गए और इतने ही बुरी तरह जख्मी हुए। पाकिस्तान में आए दिन इस तरह के आत्मघाती बम विस्फोट हो रहे हैं। इन हमलों को निशाना पाकिस्तान के सुरक्षा बल ही है। पाकिस्तान की सेना को एक और देश के अंदर ही आतंकवाद से मुकाबला करना पड़ रहा है तो देश की सीमा पर अफगानिस्तान से आए तालिबान के लड़ाकों से युद्ध करना पड़ रहा है। गंभीर बात यह है कि दोनों ही स्थानों पर पाकिस्तान की सेना को मात खानी पड़ रही है। यानी पाकिस्तान की सेना देश के अंदर और देश की सीमा पर पीट रही है। पाकिस्तान के हाल ही में अफगानिस्तान पर जो हवाई हमला किया उससे तालिबान के लड़ाके बुरी तरह गुस्से में है। अब जब तालिबानी पाकिस्तान की सीमा में घुस गए हैं तो सेना मुकाबला करने में विफल है। तालिबान के सशस्त्र लड़ाकों ने पाकिस्तान की कई चौकियों पर कब्जा भी कर लिया है। दो तरफा हमलों से पाकिस्तान की सेना पस्त हो गई है। भारत में जो लोग पाकिस्तान के हिमायती है उन्हें अब पड़ोसी मुल्क के हालात देख लेने चाहिए। पाकिस्तान भी 1947 में भारत के साथ आजाद हुआ था। तब मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया और भारत पंथनिरपेक्ष राष्ट्र बना। मुस्लिम राष्ट्र होने के बावजूद पाकिस्तान में लगातार आपसी संघर्ष हो रहा है। आज पाकिस्तान के शासक कटोरा लेकर दुनिया भर में कर्ज की भीख मांग रहे है, जबकि भारत आर्थिक दृष्टि से दुनिया की पांचवीं महाशक्ति है। भारत में सरकार की ओर से 81 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा है। जबकि पाकिस्तान में गरीब व्यक्ति को भी 80 रुपए किलो अनाज खरीदना पड़ रहा है। भारत में हर सरकारी सुविधा 25 करोड़ मुसलमानों को भी आसानी से उपलब्ध है। दुनिया के मुस्लिम राष्ट्र भी मानते हैं कि भारत में मुसलमान सम्मान और समृद्धि के साथ रह रहा है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि राजनीतिक स्वार्थ की खातिर भारत के कुछ नेता मुसलमानों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते हैं। ऐसे नेताओं को पाकिस्तान में मुसलमानों के हालात देखने चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (08-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 6 January 2025

तीन संभाग और 9 जिले समाप्त कर भजन सरकार ने अपने काकाजी का राज और ताकत (औकात) दिखा दी है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष डोटासरा अब और क्या देखना चाहते हैं?

6 जनवरी को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बांसवाड़ा में एक सभा को संबोधित किया। यह सभा बांसवाड़ा को संभाग का दर्जा खत्म करने के विरोध में आयोजित की गई थी। डोटासरा ने अपने अंदाज में कहा कि क्या काकजी का राज है, जो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बांसवाड़ा के संभाग के दर्जा को खत्म कर दिया। इससे पहले डोटासरा ने सीकर में आयोजित एक ऐसी ही सभा में कहा कि भजन सरकार की औकात नहीं कि वह संभाग और जिलों को समाप्त कर दें। समझ में नहीं आता कि डोटासरा किस संदर्भ में काकाजी का राज और औकात वाली बात कह रहे हैं। भजन सरकार ने तो सीकर, बांसवाड़ा और पाली तीनों नए संभागों के साथ साथ 9 नए जिले भी समाप्त कर दिए। इन सभी का गठन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में किया गया था। सरकार ने जब तीन संभाग और 9 जिले समाप्त के आदेश ही जारी कर दिए है, तब डोटासरा कौन सा काकाजी का राज और औकात देखना चाहते हैं? भजन सरकार ने अपने आदेश के साथ ही समाप्त किए गए संभागों से कमिश्नर व आईजी तथा जिलों से कलेक्टर व एसपी भी हटा दिए हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि अब समाप्त किए गए संभागों और जिलों पर अब पुनर्विचार नहीं होगा। यानी भजन सरकार अपने फैसले पर कायम रहेगी। इतनी स्पष्टता के बाद भी डोटासरा सरकार की औकात को चुनौती दे रहे हैं। असल में डोटासरा को लगता है कि विरोध करने से संभाग और जिले बहाल हो सकते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कांग्रेस के विरोध को जनसमर्थन नहीं मिल रहा है। यहां तक की कांग्रेस के कार्यकर्ता भी एकजुट नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि 80 प्रतिशत लोगों का काम कलेक्टर, एसपी से नहीं पड़ता। इन 80 प्रतिशत लोगों का काम ग्राम पंचायत और शहर में स्थानीय निकाय से ही होता है। बहुत से लोगों का तो इन दोनों संस्था के पास काम नहीं पड़ता। यह बात जरूर है कि जिन भू-कारोबारियों ने नए जिलों के गठन के समय जमीन खरीद ली उन्हें अब जिला समाप्त होने पर नुकसान हुआ है। हो सकता है कि ऐसे लोग कांग्रेस के विरोध में शामिल हो। जहां तक प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति का सवाल है तो हाल ही के 7 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में कांग्रेस की चार क्षेत्रों में जमानत जब्त हो गई है। कांग्रेस को अपनी इस स्थिति पर विचार करना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (07-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

तमिलनाडु विधानसभा में संविधान और राष्ट्रगान का खुलेआम अपमान हुआ, फिर भी कांग्रेस चुप है। राज्यपाल रवि ने इसे संविधान का निर्लज्ज अनादर बताया। सीएम स्टालिन के पुत्र व मंत्री उदय ने भी पहले ही सनातन धर्म को खत्म करने की बात कह चुके हैं।

6 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा के शुभारंभ पर ही संविधान और राष्ट्रगान का खुलेआम अपमान किया गया। राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री एनके स्टालिन से आग्रह किया कि राज्य गीत तमिल थाई वाज़्थु के साथ साथ देश के राष्ट्रगान को भी बजाया जाए, लेकिन सीएम स्टालिन ने साफ कहा कि सिर्फ राज्यगीत को ही बताया जाएगा। राष्ट्रगान न बजाए जाने पर राज्यपाल ने अभिभाषण नहीं पढ़ा और सदन का बहिष्कार कर राजभवन लौट गए। राज्यपाल ने कहा कि यह संविधान और राष्ट्रगान का निर्लज्ज अनादर है। संविधान में यह नियम है कि विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाए, लेकिन तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके और उनके मुख्यमंत्री ने संविधान के इस नियम की पालना नहीं की। राज्यपाल का यह भी कहना रहा कि उन्होंने राज्य गीत तमिल थाई वाज़्थु के बजाने पर कोई ऐतराज नहीं किया, लेकिन उनका आग्रह था कि राज्य गीत के साथ देश का राष्ट्रगान भी बजाया जाए। यदि देश की किसी विधानसभा में राष्ट्रगान से ईर्ष्या की जाए तो उसे राज्य सरकार की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस चुप: दिल्ली में संसद भवन परिसर में संविधान की पॉकेट बुक लेकर कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र में प्रतिदिन प्रदर्शन किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में जब सांसद पद की शपथ ली तब भी उनके हाथ में संविधान की पॉकेट बुक थी। कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते देश के संविधान को खतरा है। जो कांग्रेस दिल्ली में संविधान को खतरा बता रही है, वह तमिलनाडु विधानसभा में संविधा और राष्ट्रगान के निर्लज्ज अपमान पर चुप है। क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तमिलनाडु की घटना संविधान के लिए खतरा नहीं लगती? यदि किसी राज्य की विधानसभा में सिर्फ राज्य गीत ही बजाया जा रहा है तो इससे बड़ा संविधान का अपमान नहीं हो सकता। कांग्रेस की चुप्पी दर्शाती है कि वह अपने सहयोगी डीएमके की विचारधारा का समर्थन करती है। सनातन को नष्ट करने की भी धमकी: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के पुत्र और सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन पूर्व में कह चुके हैं कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। सनातन धर्म के प्रति इतनी दुर्भावना और अब देश के संविधान के अपमान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु में कौनसी विचारधारा शासन कर रही है। कांग्रेस माने या नहीं, लेकिन यह विचारधारा देश को तोड़ने वाली है। S.P.MITTAL BLOGGER (07-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी का विरोध करने वाला कोई नहीं। ख्वाजा उर्स में चादर की रस्म के समय पायलट गुट ने ताकत दिखाई। गहलोत डोटासरा गुट का एक भी नेता नहीं आया।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 5 जनवरी को अपने निर्वाचन क्षेत्र अजमेर उत्तर में नए पुलिस स्टेशन हरिभाऊ उपाध्याय नगर का उद्घाटन किया। यह नया पुलिस स्टेशन क्रिश्चियनगंज पुलिस स्टेशन को तोड़कर बनाया गया है। इस नए स्टेशन की मांग गत 45 वर्षों से हो रही थी, लेकिन लाख कोशिश के बाद भी मांग पूरी नहीं हो सकी। अब जब देवनानी विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए तो सरकार को अजमेर उत्तर क्षेत्र में नया पुलिस स्टेशन खोलना ही पड़ा। इसे देवनानी के पद का प्रभाव ही कहा जाएगा कि सरकार ने अस्थायी भवन में ही पुलिस स्टेशन शुरू कर दिया। अभी पुष्कर रोड स्थित पुरानी विश्राम स्थली में अजमेर विकास प्राधिकरण के कुछ कमरों में थाने को शुरू किया गया है। थाने का नया भवन बाद में बनेगा। पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने महावीर प्रसाद शर्मा को पुलिस इंस्पेक्टर भी नियुक्त कर दिया है। यानी 5 जनवरी से ही नया पुलिस स्टेशन वजूद में आ गया है। सरकार के नए बजट में अजमेर उत्तर क्षेत्र में 15 सौ करोड़ रुपए के विकास कार्य भी मंजूर हुए हैं। कहा जा सकता है कि निर्वाचन क्षेत्र के विकास में देवनानी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। चूंकि देवनानी विधानसभा अध्यक्ष जैसे प्रभावशाली पद पर आसीन है, इसलिए किसी के विरोध करने की हिम्मत भी नहीं है। देवनानी की भाजपा में कुछ नेता नाराज है, लेकिन वे भी खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे। एक दो भाजपाई सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित है। यानी देवनानी के नेतृत्व को भाजपा में चुनौती देने वाला कोई नहीं है। जहां तक प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का सवाल है तो कांग्रेस के नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत-गोविंद सिंह डोटासरा के गुटों में बंटे हुए हैं। कांग्रेस में आपस में ही जूतम पैजार हो रही है। राजनीति और प्रशासनिक दृष्टि से इतनी मजबूत स्थिति के बाद भी देवनानी ने पांच जनवरी को पुलिस स्टेशन के उद्घाटन समारोह में कहा कि कुछ लोगों को उनका विकास अच्छा नहीं लग रहा है। विरोधी चाहे कितना भी दुष्प्रचार करे, लेकिन मैं अनवरत विकास करता रहंू। जबकि हकीकत यह है कि देवनानी ने गत एक वर्ष में जो विकास किए हैं उनकी प्रशंसा सर्वत्र हो रही है। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो देवनानी का विरोध है ही नहीं। चादर की रस्म में शक्ति प्रदर्शन: 5 जनवरी को ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट की ओर से भी मजार शरीफ पर चादर पेश की गई। इस अवसर पर पायलट के समर्थक कांग्रेसी नेता उपस्थित रहे। इनमें कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आबिद कागजी, के साथ साथ जिला अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, महेंद्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी, पारस पंच, नाथूराम सिनोदिया, शिव प्रकाश गुर्जर, कमल बाकोलिया, हरिसिंह गुर्जर, प्रताप यादव, गिरधर तेजवानी, शिव कुमार बंसल, आरिफ हुसैन, नरेश सत्यावना, सुकेश कांकरिया, बिपिन बेंसिल, रश्मि हिंगोरानी, अंकुर त्यागी, एसएम अकबर आदि मौजूद रहे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व सीएम अशोक गहलोत गुट का एक भी नेता नजर नहीं आया। गहलोत और डोटासरा गुट का नेतृत्व इन दिनों अजमेर में डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी और आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ कर रहे हैं। पायलट की ओर से भेजी गई चादर के समय राठौड़ और चौधरी के समर्थक भी नजर नहीं आए। S.P.MITTAL BLOGGER (06-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जो ब्लॉग में लिखा वही दिल्ली की चुनावी सभा में पीएम मोदी ने कहा। राजस्थान की जीत वाला फार्मूला भाजपा ने दिल्ली में लागू किया।

3 जनवरी को मैंने ब्लॉग संख्या 11 हजार 272 में लिखा कि भाजपा दिल्ली के विधानसभा चुनाव में राजस्थान की जीत वाला फार्मूला लागू कर सकती है। इसी ब्लॉग में लिखा कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार की मुफ्त की योजनाओं की लोकप्रियता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर ऐसी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी को यह बात इसलिए कहनी पड़ी, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार बार कह रहे थे कि भाजपा की सरकार बनने पर हमारी योजनाओं को बंद कर दिया जएगा। 3 जनवरी के ब्लॉग में लिखा गया कि राजस्थान की तरह दिल्ली में भी पीएम मोदी आम आदमी पार्टी की सरकार की योजनाओं को जारी रखने की घोषणा कर सकते हैं। 5 जनवरी को पीएम मोदी ने दिल्ली के जापानी पार्क में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो मौजूदा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। यानी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त की जो योजनाएं लागू कर रखी है उनका लाभ भाजपा के शासन में भी मिलता रहेगा। अशोक गहलोत की तरह केजरीवाल भी प्रचार के दौरान बार बार कह रहे है कि भाजपा की सरकार बनने पर मुफ्त की योजनाएं बंद हो जाएंगी। लेकिन 5 जनवरी को पीएम मोदी ने केजरीवाल के इस प्रचार पर विराम लगा दिया है। मुफ्त की बिजली, पानी आदि की सुविधा लेने वाले दिल्ली वासियों को अब यह भरोसा हो गया है कि भाजपा के शासन में भी मुफ्त का माल मिलता रहेगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा के इस फार्मूले का लाभ राजस्थान में मिला। राजस्थान की जीत को देखते हुए ही पीएम मोदी ने दिल्ली में भी इसी फार्मूले को लागू कर दिया है। हो सकता है कि कि भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को भी प्रतिमाह 18 हजार रुपए का वेतन मिल जाए। मालूम हो कि दिल्ली में अगले माह फरवरी में विधानसभा के चुनाव होने है। इस बार जीत के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (06-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

बिहार पुलिस ने चार दिन में ही प्रशांत किशोर का अनशन खत्म करवा दिया, जबकि पंजाब में किसान नेता डल्लेवाल 42 दिन से आमरण अनशन पर है। सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुन रही पंजाब पुलिस।

बिहार में बीपीएससी की परीक्षा रद्द करवाने की मांग को लेकर स्वराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने पटना में 2 जनवरी को गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया था। अनशन के दौरान प्रशांत किशोर के समर्थक बड़ी संख्या में गांधी मैदान पर उपस्थित रहे। गांधी मैदान पर अनशन के लिए प्रशांत किशोर ने पुलिस और प्रशासन से अनुमति नहीं ली, इसलिए पांच जनवरी की रात को पटना पुलिस ने समर्थकों को तितर-बितर कर प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया। इलाज के लिए किशोर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने प्रशांत किशोर के गिरते स्वास्थ्य पर भी चिंता जताई। एक और बिहार में पुलिस ने चार दिनों में ही प्रशांत किशोर का अनशन खत्म करवा दिया तो वहीं पंजाब में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का 6 जनवरी को 42 वें दिन भी अनशन को समाप्त करवाने में पुलिस को सफलता नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार पंजाब सरकार को फटकार भी लगाई है। कोर्ट का यहां तक कहना रहा कि डल्लेवाल को आत्महत्या के लिए पंजाब सरकार प्रेरित कर रही है। असल में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि डल्लेवाल पंजाब हरियाणा की सीमा पर अपने समर्थकों के साथ अनशन कर रहे है। समर्थक भी पुलिस को डल्लेवाल तक पहुंचने नहीं दे रहे। पुलिस ऐसी स्थिति में नहीं है कि डल्लेवाल को अनशन स्थल से जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दे। पुलिस ने अपनी लाचारी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रख दी है। पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी किसान नेता डल्लेवाल के आमरण अनशन पर चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि डल्लेवाल के अनशन को पंजाब सरकार और अरविंद केजरीवाल का समर्थन है। सवाल उठता है कि यदि अनशन के दौरान कोई अप्रिय घटना हो जाएगी तो कौन जिम्मेदार होगा? S.P.MITTAL BLOGGER (06-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

हरिद्वार के कुंभ में हिंदुओं का नरसंहार करने वाले तैमूर लंग के नाम पर सैफ-करीना ने अपने पुत्र का नाम रखा। इस पर अब सनातनी कवि कुमार विश्वास ने गुस्सा जताया है। आखिर दुष्कर्मी, बदतमीज, लफंगे वाला नाम रखकर सैफ- करीना समाज को क्या सीख देना चाहते हैं? ऐसे नाम वाले को हम हीरो तो क्या फिल्मों के खलनायक भी नहीं बनने देंगे।

इतिहास गवाह है कि सन् 1398 में जब हरिद्वार में गंगा नदी पर अर्ध कुंभ चल रहा था, तब समरकंद से आए मुस्लिम आक्रमणकारी शुजा उद दीन तैमूर लंग ने हमला किया और जमकर नरसंहार किया। इसी अवधि में तैमूर लंग ने दिल्ली पर भी आक्रमण कर लूट पाट और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। अब जब वर्ष 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ भर रहा है, तब सनातनी कवि कुमार विश्वास ने तैमूर लंग के नरसंहार के मुद्दे को ताजा कर दिया है। कुमार विश्वास ने तैमूर लंग को बदतमीज, लफंगा, आक्रमणकारी बताया है। यूपी के एक समारोह में कुमार विश्वास ने कहा कि सिनेमा का टिकट खरीदकर हम हीरो हीरोइन बनाते है। यदि हम सिनेमा न देखे तो ऐसे लोगों को गली मोहल्लों में कोई नहीं पहचानेगा। लेकिन हमारे पैसों से हीरो हीरोइन बनने वाले अपने पुत्र का नाम एक दुष्कर्मी और लंफगे तैमूर के नाम पर रखेंगे तो फिर गुस्सा आना स्वाभाविक है। कुमार विश्वास ने अभिनेता सैफ अली खान और अभिनेत्री करीना कपूर का नाम तो नहीं लिया, लेकिन सब जानते हैं कि इस दम्पत्ति ने ही अपने पहले पुत्र का नाम तैमूर रखा है। कुमार विश्वास ने जिस अंदाज में तैमूर के नाम को लेकर गुस्सा जताया उससे एक बार फिर देश में मुस्लिम आक्रमणकारियों और उनके प्रति हमदर्दी जताने वालों को लेकर बहस शुरू करवा दी है। सवाल उठना लाजमी है कि दुष्कर्म और नरसंहार करने वाले के नाम पर ही अपने बच्चों का नाम क्यों रखा गया? आमतौर पर सभ्य परिवार के माता पिता अपने बच्चे का नाम साधु महात्मा, सूफी संत आदि के नाम पर रखते हैं। सनातन संस्कृति में तो अधिकांश बच्चों के नाम देवी देवताओं पर ही रखे जाते हैं। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग कभी भी अपने बच्चे का नाम अधर्मी रावण, कंस, हिरण्यकश्यप आदि नहीं रखते। कुमार विश्वास का कहना है कि तैमूर नाम के व्यक्ति को हम हीरो तो क्या फिल्मों का खलनायक भी नहीं बनने देंगे। यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में कुमार विश्वास ने फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा द्वारा जहीर खान से विवाह किए जाने पर भी कटाक्ष किया था। कुमार विश्वास का कहना रहा कि हम अपने घर का नाम रामायण तो रख लेते हैं, लेकिन अपने घर की श्री लक्ष्मी की रक्षा नहीं कर पाते। मालूम हो कि सोनाक्षी सिन्हा के पिता और टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के मुंबई स्थित आवास का नाम रामायण है। https://www.facebook.com/share/r/1B66D5nn7L/ S.P.MITTAL BLOGGER (06-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 5 January 2025

पीएम मोदी की ओर से भेजी गई चादर पर ख्वाजा साहब की दरगाह के प्रतिनिधियों ने अकीदत दिखाई। जियारत के लिए आने वाले जायरीन की तकलीफों को मोदी सरकार दूर करेगी। मोदी सरकार की नजर में अब दरगाह में मंदिर होने का कोई मुद्दा नहीं।

4 जनवरी को जब अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की गई तो चादर से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी चादर के प्रति पूरी अकीदत दिखाई। दरगाह में इन दिनों ख्वाजा साहब के 813 वें सालाना उर्स की छह दिवसीय रस्में हो रही है। देश के प्रधानमंत्री की ओर से उर्स में चादर भेजने की परंपरा है। परंपरा को निभाने के लिए ही केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू पीएम की चादर को लेकर अजमेर आए। यहां दरगाह की परंपरा के अनुरूप मंत्री रिजिजू और पीएम की चादर का इस्तकबाल हुआ। दरगाह की धार्मिक रस्मों पर एकाधिकार रखने वाले खादिमों की प्रतिनिधि संस्था सैयद जादगान के अध्यक्ष गुलाम किबरिया और सचिव सरवर चिश्ती ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। चिश्ती ने मंत्री को अंजुमन की गतिविधियों से अवगत भी कराया। रिजिजू ने अंजुमन के अतिथि रजिस्टर में अपनी भावनाओं को भी लिखा। रिजिजू ने दरगाह को साम्प्रदायिक सौहार्द का स्थल बताया। दरगाह के दीवान के प्रतिनिधि और ऑल इंडिया सज्जादानशीन कौंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने भी चादर का इस्तकबाल किया। यहां उल्लेखनीय है कि सज्जादानशीन कौंसिल ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन का समर्थन किया है। सरकार ने जब संसद में संशोधन प्रस्ताव को रखा तब चिश्ती के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने किरण रिजिजू से मुलाकात भी की। दरगाह को केंद्र मानकर सूफिज्म को बढ़ावा देने वाले दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने भी पीएम की चादर के साथ रहे। खादिम अफशान चिश्ती ने दरगाह की सभी परंपराओं को निभाते हुए रिजिजू को जियारत करवाई। चूंकि दरगाह कमेटी अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन आती है, इसलिए कमेटी के तमाम अधिकारी भी पीएम की चादर के समय दरगाह में उपस्थित रहे। दरगाह के खादिम परिवारों से जुड़े कई युवा यूट्यूब पर चैनल चलाते हैं। इन चैनलों पर भी पीएम मोदी की चादर का लाइव प्रसारण किया गया। दरगाह से जुड़े सभी प्रतिनिधियों ने पीएम की चादर और मंत्री रिजिजू के प्रति अकीदत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़। रिजिजू को दरगाह परिसर में जो सम्मान मिला उस से वे उत्साहित भी नजर आए। दरगाह परिसर में खड़े होकर ही रिजिजू ने पीएम मोदी का संदेश भी पढ़कर सुनाया। पीएम ने अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा साहब ने समाज में प्रेम एवं सौहार्द को बढ़ाने के लिए जो काम किया उसका प्रभावी हमारी पीढिय़ों पर निरंतर रहेगा। जायरीन की तकलीफों को दूर करेंगे: केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने माना कि मौजूदा समय में दरगाह में आने वाले जायरीन को अनेक तकलीफें होती है, खासकर महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। रिजिजू ने यह बात दरगाह क्षेत्र में सुलभ शौचालय नहीं होने के संदर्भ में कही। दरगाह क्षेत्र में सुलभ शौचालय की मांग कई बार उठ चुकी है। लेकिन इसका समाधान आज तक भी नहीं हुआ है। जबकि छह दिवसीय उर्स में लाखों जायरीन आते हैं। प्रतिदिन भी औसतन पचास हजार जायरीन आते हैं। इसके अलावा जायरीन को दरगाह के अंदर भी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिजिजू के बयान से प्रतीत होता है कि वे जायरीन को होने वाली तकलीफों का पहले ही अध्ययन करके आए थे। मंदिर का कोई मुद्दा नहीं: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू ने 4 जनवरी को जिस तरह पीएम मोदी की चादर को ख्वाजा साहब की मजार पर पेश किया उसके बाद दरगाह में मंदिर का कोई मुद्दा नहीं रहा है। उल्लेखनीय है कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका पर अजमेर की सिविल अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय, पुरातत्व विभाग और दरगाह कमेटी को नोटिस जारी किए हैं। जब अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने ख्वाजा साहब और उनकी दरगाह के प्रति इतनी आस्था दिखा दी है, तब मोदी सरकार का भी रुख स्पष्ट हो गया है। कहा जा सकता है कि मोदी सरकार की नजर में अब दरगाह में मंदिर होने का कोई मुद्दा नहीं रहा। दरगाह कमेटी ने अपने प्राथमिक जवाब में पहले ही विष्णु गुप्ता के वाद को खारिज करने की मांग कर रखी है। कमेटी का कहना है कि दरगाह का संचालन दरगाह एक्ट 1955 के अंतर्गत होता है, इसलिए दरगाह का सर्वे नहीं करवाया जा सकता। S.P.MITTAL BLOGGER (05-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

पाकिस्तानी जायरीन के ठहराव के कारण सरकारी स्कूल की 14 सौ छात्राओं की पढ़ाई बंद। भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष भारती श्रीवास्तव ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।

अजमेर में चल रहे ख्वाजा साहब के उर्स में भाग लेने के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से 105 सदस्य जायरीन दल 6 जनवरी को अजमेर पहुंचेगा। पाकिस्तानी जायरीन को पुरानी मंडी स्थित राजकीय सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहराया जाएगा। पाकिस्तानी जायरीन की मौजूदगी को देखते हुए स्कूल में शिक्षण कार्य बंद कर दिया गया है। स्कूल की प्राचार्य कविता अजवानी ने बताया कि शीतकालीन अवकाश के बाद 8 जनवरी से स्कूल खुलना था लेकिन पाकिस्तानी जायरीन के ठहराव के कारण जिला प्रशासन ने स्कूल भवन का अधिग्रहण कर लिया है। अधिग्रहण के कारण ही छात्राओं के शिक्षण कार्य को 11 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस संबंध में सभी छात्राओं और अभिभावकों को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में स्कूल की शिक्षिकाएं और मंत्रालयिक कर्मचारियों को बुलाया गया है। सेंट्रल गर्ल्स स्कूल भवन में देहली गेट राजकीय विद्यालय भी संचालित होता है। दोनों स्कूलों की करीब 14 सौ छात्राएं स्कूल भवन में अध्ययनरत हैं। यानी पाकिस्तानी जायरीन के ठहराव के कारण इन छात्राओं की पढ़ाई बंद रहेगी। मालूम हो कि ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट होने के कारण प्रतिवर्ष उर्स में पाकिस्तानी जायरीन को इसी स्कूल भवन में ठहराया जाता है। जायरीन के आने से पहले ही जिला प्रशासन स्कूल भवन का अधिग्रहण कर लेता है। पाकिस्तानी जायरीन की सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम होते हैं। प्रत्येक जायरीन पर नजर रखी जाती है। अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 105 सदस्यीय पाकिस्तानी दल 6 जनवरी को सुबह स्पेशल ट्रेन से अजमेर पहुंचेगा। दल के सभी सदस्यों को बस के माध्यम से रेलवे स्टेशन से सेंट्रल गर्ल्स स्कूल तक लाया जाएगा। इसी स्कूल में दल के सभी सदस्यों के आवास की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई है। महिला मोर्चे द्वारा स्वागत: 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू पीएम मोदी की चादर को लेकर अजमेर आए सभी अन्य भाजपा नेताओं के साथ महिला मोर्चे की जिला अध्यक्ष भारती श्रीवास्तव ने भी रिजिजू का सर्किट हाउस में गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीवास्तव ने उन्हें मोर्चे की गतिविधियों की जानकारी भी दी। सर्किट हाउस में केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत, भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी आदि भी उपस्थित रहे। S.P.MITTAL BLOGGER (05-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बंद होंगे, इस भ्रम को जल्द से जल्द दूर किया जाए। जिन मंत्रियों को समीक्षा समिति का सदस्य बनाया, उनके निर्वाचन क्षेत्र में भी ऐसी स्कूल चल रही है। डिप्टी सीएम बैरवा पहले ही अपने क्षेत्र दूदू का जिले का दर्जा समाप्त करवा चुके हैं।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो 17 नए जिले बनाए थे, उनमें से 9 जिलों को वर्तमान भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया। यही वजह है कि अब राजस्थान के तीन हजार 736 अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों को बंद करने का भ्रम हो गया है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन 3 जनवरी को किया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने हिंदी माध्यम वाले स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लगाया था। किसी भी स्कूल को इंग्लिश मीडियम के अनुरूप तैयार नहीं किया। यही वजह है कि अब इंग्लिश मीडियम वाले स्कूलों के विद्यार्थी भाग रहे हैं। सरकार और शिक्षा मंत्री का अपना तर्क है, लेकिन इंग्लिश मीडियम स्कूलों के प्रति अभिभावकों का आकर्षण रहा है। यही वजह है कि कई सरकारी स्कूलों में तो लॉटरी से एडमिशन हो रहे है। असल में आज हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़े। यही वजह रही कि कांग्रेस सरकार में जब हिंदी मीडियम को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में बदला गया तो 7 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिया। 3 हजार 736 इंग्लिश मीडियम स्कूलों में 45 हजार शिक्षकों को नियुक्ति करनी पड़ी। इंग्लिश मीडियम स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता कैसी भी हो, लेकिन अभिभावकों और विद्यार्थियों का आकर्षण देखा गया है। यही वजह है कि अब जब इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति बनाई गई है तो प्रदेश भर के अभिभावकों को स्कूल बंद होने की चिंता सता रही है। अभिभावकों का कहना है कि यदि इन स्कूलों को बंद किया गया तो उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा? भजन सरकार को इस भ्रम की स्थिति को जल्द से जल्द साफ करना चाहिए। यह सही है कि अनेक स्कूल इंग्लिश मीडियम के मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, लेकिन ऐसे स्कूलों को बंद करने के बजाए इन स्कूलों को इंग्लिश मीडियम के मापदंड के अनुरूप तैयार करना चाहिए। सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम बनाने का निर्णय भले ही पिछली कांग्रेस सरकार का हो, लेकिन यह निर्णय अभिभावकों को खुश करने वाला है। समीक्षा के लिए जिन मंत्रियों को कमेटी में शामिल किया गया है, उन सभी चारों मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र में भी इंग्लिश मीडियम के स्कूल हैं। कमेटी का अध्यक्ष डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है। बैरवा के दूदू निर्वाचन क्षेत्र में 59 सरकारी स्कूल इंग्लिश मीडियम के है। इसी प्रकार गजेंद्र सिंह खींवसर के लोहावट में 33, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के क्षेत्र में 8 तथा सुमित गोदारा के क्षेत्र में 45 स्कूले हैं। डिप्टी सीएम बैरवा के सामने तो दूदू को जिला खत्म करने की चुनौती भी दी है। सरकार ने जिला 9 जिलों को समाप्त किया उसमें दूदू भी शामिल है और अब दूदू के 59 इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर तलवार लटक गई है। S.P.MITTAL BLOGGER (05-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Saturday, 4 January 2025

अहिल्या बाई ने अपने व्यक्तिगत कोष से मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया। यह सबसे बड़ी देश भक्ति थी-डॉ. कृष्ण गोपाल। पुष्कर तीर्थ में हुई विशाल सभा। दिल्ली के कॉलेज का नाम वीर सावरकर रखने पर कांग्रेस को ऐतराज क्यों?

3 जनवरी को तीर्थ नगरी पुष्कर में अहिल्या बाई होलकर के त्रिशताब्दी जन्म समारोह के अवसर पर एक विशाल धर्म सभा हुई। इस सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि अहिल्या बाई इंदौर की रानी थी। वे चाहती तो सरकारी कोष से भी मंदिरों का जीर्णोद्धार कर सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने 16 करोड़ रुपए के व्यक्तिगत कोष से देशभर के क्षतिग्रस्त मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। यह राशि अहिल्या बाई को तब उनके ससुराल पक्ष से प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि एक कट्टरपंथी विचारधारा ने भारत के मंदिरों को तोड़ा। ऐसे टूटे मंदिरों के जीर्णोद्धार और संरक्षण का काम तीन सौ वर्ष पहले रानी अहिल्या बाई होलकर ने किया। विपरीत परिस्थितियों में भी रानी होलकर ने तब देश के सामने एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत की। यही वजह है कि आज रानी होलकर को लोकमाता के रूप में पूजा जा रहा है। उन्होंने भारत की आस्था और संस्कृति के प्रतीकों को ढूंढ ढूंढ कर जीर्णोद्धार करवाया। उन्होंने रानी होलकर को न्याय की व्यवस्था करने वाली कुशल प्रशासक बताया। वे शिव की आाा मानकर धर्म की मर्यादा के अनुरूप शासन करने की पक्षधर थी। अनगिनत कष्टों के बाद भी अपने कर्तव्य मार्ग से तनिक भी विचलित नहीं हुई। आज की युवा पीढ़ी खासकर महिलाओं को रानी होलकर के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। धर्म सभा को मान पुरा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद और रानी होलकर के वंशज उदयराज होलकर ने भी संबोधित किया। सभा से पहले पुष्कर तीर्थ में शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में 300 बालिकाओं ने रानी होलकर का परिधान पहनकर प्रस्तुत दी। समारोह में समिति के संरक्षक रामनिवास वशिष्ट तथा अध्यक्ष दशरथ सिंह तंवर ने अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया। कांग्रेस को ऐतराज क्यों: 3 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक कॉलेज के भवन का शिलान्यास भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से जुड़े इस कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर रखा गया है, लेकिन कांग्रेस ने सरकारी कॉलेज का नाम वीर सावरकर रखने पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि कॉलेज का नाम हाल ही में दिवंगत पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए। कांग्रेस ने सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी मानने से इंकार किया। इससे पहले भी कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी सावरकर के बारे में अशोभनीय टिप्पणी कर चुके हैं। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस को कॉलेज का नाम वीर सावरकर रखने पर ऐतराज क्यों है? इतिहास गवाह है कि सावरकर को खतरनाक स्वतंत्रता सेनानी मानते हुए अंग्रेजों ने अंडमान निकोबार में कालापानी की सजा दी थी। सावरकर 13 साल से भी ज्यादा काला पानी वाली इस जेल में रहे। जहां तक माफी वाले पत्र का सवाल है तो यह स्वतंत्रता आंदोलन की एक योजना थी ताकि सावरकर जैसे क्रांतिकारी बाहर आकर अंग्रेज शासन के खिलाफ फिर से सक्रिय हो। वीर सावरकर के योगदान की प्रशंसा पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी की। प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर पर डाक टिकट भी जारी किया। S.P.MITTAL BLOGGER (04-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जब मैं पीएम मोदी की चादर लेकर ख्वाजा साहब की दरगाह में आ गया हूं तो दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वालों को जवाब मिल गया है-केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू। दरगाह में आने वाले जायरीन की सुविधाओं को पहली प्राथमिकता

4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू ने अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में सालाना उर्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मजार शरीफ पर चादर पेश की। इस अवसर पर रिजिजू ने पीएम मोदी का संदेश भी पढ़कर सुनाया। मोदी ने ख्वाजा साहब की शिक्षाओं को सौहार्दपूर्ण बताते हुए देश में अमन चैन की कामना की। इस अवसर पर रिजिजू ने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह में मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू, सिख ईसाई बौद्ध आदि सभी धर्मों के लोग आते हैं, इसलिए दरगाह को साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल माना जाता है। दरगाह परिसर में मंदिर होने के दावे के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री की चादर लेकर दरगाह में आ गया हूं तो फिर ऐसा दावा करने वालों को अपने आप जवाब मिल गया है। उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह को लेकर विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। चूंकि दरगाह में आंतरिक इंतजाम करने वाली दरगाह कमेटी मेरे मंत्रालय के अधीन आती है, इसलिए हमारा प्रयास है कि दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन को अधिक से अधिक सुविधा मिले। उन्होंने माना कि मौजूदा समय में आने वाले जायरीन को अनेक कठिनाइयां होती है। जायरीन की परेशानियों को देखते हुए एक कार्य योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि देश में माहौल अच्छा रहे इसका प्रयास पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार हो रहा है। अंजुमन द्वारा स्वागत: केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के दरगाह पहुंचने पर खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती और शेखजादगान के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इस अवसर पर दरगाह कमेटी के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। सूफी संवाद अभियान के राष्ट्रीय सह प्रभारी और दरगाह के खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने भी मंत्री रिजिजू का स्वागत किया। रिजिजू ने सूफी परंपरा के अनुरूप मजार शरीफ पर पीएम मोदी की चादर पेश की। दरगाह पहुंचने पर दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी रिजिजू को इस्तकबाल किया। बाद में दरगाह के प्रतिनिधियों ने रिजिजू की दस्तारबंदी की। जियारत की रस्म खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने कराई। अदालत में वाद: ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने को लेकर अजमेर की सिविल अदालत में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वाद दायर कर रखा है। इस वाद पर अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी कर रखे हैं। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी से भी आग्रह किया था कि वे इस बार दरगाह में चादर न भेजे। इसके साथ ही गुप्ता ने सिविल अदालत में एक प्रार्थना पत्र पेश कर पीएम की चादर पर रोक लगाने की भी मांग की थी। गुप्ता का कहना रहा कि जब मामला अदालत में विचाराधीन है तब देश के प्रधानमंत्री को उर्स के दौरान चादर नहीं भेजनी चाहिए। गुप्ता ने कहा कि यदि इस बार भी प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजी जाती है तो इसका असर अदालत में चल रहे मुकदमे पर पड़ेगा। S.P.MITTAL BLOGGER (04-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 2 January 2025

पीएम मोदी की ओर से 4 जनवरी को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चादर पेश करेंगे। दरगाह में शिव मंदिर होने का मुद्दा धरा रह गया।

अंग्रेजी तारीख 1 जनवरी को आसमान में चांद दिखने के साथ ही इस्लामिक कैलेंडर रजब माह की शुरुआत भी हो गई। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में रजब माह की पहली तारीख से लेकर छठी तारीख तक ख्वाजा साहब का सालाना उर्स मनाया जाता है। यही वजह है रही कि दरगाह में इस्लामिक परंपराओं के अनुरूप ख्वाजा उर्स की रस्में शुरू हो गई। 813 साल के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर होगा जब वेब पोर्टल और ऐप के माध्यम से दरगाह की रस्मों को लाइव दिखाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस वेब पोर्टल और ऐप की लांचिंग 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री किरण रिजिजू अजमेर में करेंगे। यानी अब जिस तरह हिंदुओं के धार्मिक स्थलों की आरती और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण होता है, उसी प्रकार दरगाह की रस्मों का भी होगा। पार्क इतना ही है कि हिंदुओं के धार्मिक स्थलों की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से की जाती है जबकि ख्वाजा साहब की दरगाह के वेब पोर्टल और ऐप का जिम्मा केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी का होगा। चूंकि दरगाह कमेटी अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है, इसलिए केंद्रीय मंत्री रिजिजू के अजमेर आने को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रिजिजू न केवल वेब पोर्टल और ऐप की लॉन्चिंग करेंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उर्स में भेजी गई चादर को ख्वाजा साहब की मजार पर सूफी परंपरा के अनुरूप पेश करेंगे। देश के प्रधानमंत्री की ओर से प्रतिवर्ष उर्स में चादर भेजने की परंपरा है, जिसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गत 11 वर्षों से निभा रहे हैं। रिजिजू को वेबपोर्टल और ऐप लॉन्च करेंगे उसके माध्यम से ख्वाजा साहब के जीवन और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं की जानकारी भी ली जा सकेगी। दरगाह कमेटी ने दरगाह से जुड़े मुस्लिम विद्वानों से जानकारी एकत्रित कर वेब पोर्टल को तैयार किया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में खादिम समुदाय और दरगाह के दीवान की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। छह दिवसीय उर्स के दौरान होने वाली धार्मिक महफिल की सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ही करते हैं। दरगाह दीवान के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दरगाह में आने वाले चढ़ावे के आधे हिस्से के तौर पर दो करोड़ रुपए की राशि प्रतिवर्ष दीवान आबेदीन को दी जाती है। यह राशि खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद और शेखजादगान की ओर से दी जा रही है। दरगाह कमेटी ने ख्वाजा साहब और उनकी शिक्षाओं की जानकारी वेब पोर्टल पर दर्ज करने से पहले दरगाह से जुड़े सभी पक्षों से विमर्श भी किया। ताकि लॉन्चिंग के बाद कोई विवाद न हो। दरगाह के अंदर जायरीन को सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी भी कमेटी की है। ऐप लॉन्चिंग के बाद दरगाह में तैयार होने वाली देग और कमेटी के गेस्ट हाउस के कमरों की बुकिंग भी ऑनलाइन हो सकेगी। मंदिर का मुद्दा धरा रह गया: हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सिविल अदालत में दावा प्रस्तुत कर दरगाह परिसर के सर्वे कराने की मांग की है। अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, पुरातत्व विभाग और दरगाह कमेटी को नोटिस भी जारी किए है। दरगाह कमेटी ने अपने प्राथमिक जवाब में कहा है कि दरगाह के लिए केंद्र सरकार ने 1955 में एक्ट बना दिया था और इस एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति दी। इसलिए अब दरगाह परिसर का सर्वे नहीं करवाया जा सकता। हालांकि दरगाह कमेटी के माध्यम से केंद्र सरकार ने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया लेकिन अब उर्स के दौरान जिस प्रकार केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर आ रहे है, उससे यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार ख्वाजा साहब की दरगाह के मुद्दे पर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहती है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और अजमेर में बनी धर्म रक्षा समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त डीजे अजय शर्मा ने पीएम मोदी से आग्रह किया था कि इस बार ख्वाजा उर्स में चादर न भेजी जाए। दोनों का मानना रहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजे जाने का असर सिविल अदालत की कार्यवाही पर पड़ेगा। लेकिन इस मांग को दरकिनार करते हुए न केवल चादर को भेजा जा रहा है बल्कि केंद्रीय मंत्री दरगाह के वेबपोर्टल और ऐप को लॉन्च कर रहे हैं। जाहिर है कि केंद्र सरकार की नजर में मंदिर होने का मुद्दा खारिज हो गया है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 1 January 2025

भजन सरकार को कम से कम राजस्थान लोक सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर तो नियुक्ति करनी ही चाहिए। अनेक नेताओं के पास दो दो पद है। 70 निगम-बोर्डों में से मात्र 7 पर नियुक्ति हुई है।

राजस्थान में भाजपा के कार्यकर्ता लंबे अर्से से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। विधानसभा के उपचुनाव के बाद तो बेसब्री से इंतजार हो रहा है। लेकिन अब प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल ने अपने अंदाज में कहा कि प्रकृति का नियम है पेड़ से पुराने पत्ते गिर जाते हैं और फिर नए पत्ते आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं की टीम बनाने पर कार्य हो रहा है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक पद कब मिले यह संगठन का आंतरिक मामला है, लेकिन जो पद प्रदेश के आम लोगों से जुड़े हैं, कम से कम उन पर तो नियुक्ति होनी ही चाहिए। प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी देने वाले राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले चार माह से रिक्त है। एक सदस्य के निधन के कारण सदस्य का पद भी खाली है। यानी अध्यक्ष और सदस्य का पद रिक्त है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल माने या नहीं, लेकिन अध्यक्ष का पद रिक्त होने से आयोग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आयोग की कार्य प्रणाली को भी मुद्दा बनाया था। भाजपा ने आयोग में बड़े बदलाव और कामकाज में पारदर्शिता लाने का वादा किया था, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि भाजपा के शासन में भी आयोग के अध्यक्ष का पद चार माह से रिक्त पड़ा है। इसी प्रकार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर तो भाजपा सरकार में नियुक्ति ही नहीं हुई है। कांग्रेस के शासन में डीपी जारौली की बर्खास्तगी के बाद से नियुक्ति नहीं हुई। यानी शिक्षा बोर्ड का जो हाल कांग्रेस के शासन में था, वही भाजपा के शासन में है। मौजूदा समय में अजमेर के संभागीय आयुक्त को बोर्ड के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है। शिक्षा बोर्ड प्रतिवर्ष दसवीं और बारहवीं के 25 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित करता है। बोर्ड ही रीट की परीक्षा भी ले रहा है। स्थायी अध्यक्ष नहीं होने से बोर्ड का भी कामकाज प्रभावित हो रहा है। सीआर चौधरी, ओम प्रकाश भडाना, भागीरथ चौधरी जैसे कई भाजपा नेता है, जिनके पास सरकार और संगठन दोनों में पद है। पिछले कांग्रेस के शासन में 70 निगम-बोर्डों में अध्यक्षों की नियुक्ति की गई, लेकिन एक वर्ष के भाजपा शासन में मात्र 7 बोर्डों में अध्यक्षों की नियुक्ति की हुई है। संभाग स्तर वाले विकास प्राधिकरण के अध्यक्षों के पद पर भी नियुक्तियां नहीं हुई है। मंत्रिमंडल में भी अभी 6 पद खाली है। देखना होगा कि प्रदेश में राजनीतिक नियुक्ति कब तक होती है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511