Saturday 2 October 2021

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मिजाजपुर्सी करने में सीनियर आईएएस कुंजीलाल मीणा ने कोई कसर नहीं छोड़ी।प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के शुभारंभ पर मीणा की तुकबंदी।वन भूमि और डूब क्षेत्र में नहीं मिलेंगे पट्टे।


2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर राजस्थान में प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का राज्य स्तरीय समारोह जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास में हुआ। चूंकि नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा हैं, इसलिए मीणा को अभियान के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का अवसर मिला। समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तमाम मंत्री एवं अधिकारी उपस्थित रहे। मीणा ने अभियान की जानकारी देने के साथ साथ सीएम गहलोत की मिजाजपुर्सी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गहलोत को भागीरथ बताते हुए मीणा ने कहा कि वर्ष 2013 में जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, तब ऐसा अभियान चलाया गया था। इसके बाद अब 2021 में यह अभियान चलाया गया है। पट्टे वितरण और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए सरकार का यह अभियान जनहित में है। इस अवसर पर मीणा ने सीएम गहलोत, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और आईएएस अधिकारियों को लेकर तुकबंदी वाली कविता भी सुनाई। मीणा ने कहा, गांधी जयंती पर निकल रही है पट्टों की आंधी। पट्टा नहीं मिलने पर लगता है शॉक (ह्यद्धशष्द्म), अब उसे दूर करेंगे श्रीअशोक। मीणा ने शांति धारीवाल के सहयोग को लेकर भी तुकबंदी की और विभाग के रिटायर सलाहकार गुरदयाल सिंह संधु तथा निदेशालय के निदेशक दीपक नंदी के नामों का भी उल्लेख किया। स्वयं की आत्म प्रशंसा करते हुए मीणा ने कहा कि कुंजी से खुलेंगे पट्टों के ताले। मीणा ने जिस अंदाज से सीएम गहलोत और सरकार की प्रशंसा की उससे प्रतीत हो रहा था कि वे एक सीनियर आईएएस के बजाए राजनेता की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले भी सार्वजनिक समारोह में मीणा सीएम गहलोत की इसी तरह मिजाजपुर्सी करते रहे हैं। माना जा रहा है कि  सेवानिवृत्त के बाद कुंजीलाल मीणा को भी सरकार में लाभ का पद मिल जाएगा। आमतौर पर आईएएस सरकार की मिजाजपुर्सी करने से बचते हैं। लेकिन जो आईएएस सेवानिवृत्ति के बाद लाभ का पद चाहते हैं, वे मुख्यमंत्री की मिजाजपुर्सी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। अभियान के बारे में जानकारी देते हुए मीणा ने कहा कि इस अभियान में वन और डूब क्षेत्र वाली भूमि पर बने मकानों के पट्टे नहीं दिए जाएंगे। हाईकोर्ट ने ऐसे स्थानों पर पट्टे जारी करने पर रोक लगा दी है। मीणा ने बताया कि आगामी 31 मार्च 2022 तक चलने वाले इस अभियान में 10 लाख परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे। अभियान के दौरान ही शहरी क्षेत्र के लोगों को फ्री होल्ड पट्टे दे दिए जाएंगे। जो कृषि भूमि शहरी क्षेत्र से लगी हुई है, उस कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे भी जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पट्टों का पंजीकरण भी अभियान में ही किया जाएगा। पूर्व में जो पट्टे जारी हुए हैं, उनका भी पंजीकरण किया जा रहा है। पट्टों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। मीणा ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण के दायरे में 700 गांव आ गए हैं। इन गांवों में कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे दिए जाएंगे। पूर्व में ग्राम पंचायत में जो पट्टे जारी किए हैं उनका नवीनीकरण किया जाएगा। पूर्व में राजा महाराजाओं ने जो जमीन आवंटित थी और उन पर जो कॉलोनियां बन गई है,उनके मकानों के पट्टे भी दिए जा रहे हैं। मकानों के पट्टे मात्र 501 रुपए में दिए जाएंगे। विकास प्राधिकरण और नगर निगम में अब 200 वर्ग गज तक भूमिका आवंटन खांचा भूमि के तौर पर किया जा सकेगा। शेष स्थानीय निकाय 150 वर्ग गज भूमि खांचा भूमि के रूप में दे सकेंगे। अब तक खांचा भूमि की सीमा 100 वर्गगज ही थी। इस अभियान में लगने वाले शिविरों में पचास हजार रुपए का ऋण भी स्वीकृत किया जाएगा। बिना गारंटी व बिना ब्याज का यह ऋण प्रदेश के पांच लाख लोगों को दिया जा रहा है। मीणा ने बताया कि जिन शहरी क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछ गई है, वहां घरों के कनेक्शन भी दिए जाएंगे, जो व्यक्ति अभी भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित है उसे भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा। मीणा ने कहा कि सरकार का यह अभियान आम लोगों के लिए बेहद लाभदायक है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (02-10-2021)
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