Thursday 28 October 2021

तो फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की माताजी के निधन पर संवेदना प्रकट करने क्यों नहीं गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत?चुनावी सभा से पहले भाजपा के दिवंगत विधायक गौतम मीणा के निवास पर जाने से राजनीति गर्मायी।

26 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरियावद के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नगराज मीणा के समर्थन में लसाडिया गांव में एक सभा को संबोधित किया। चुनावी सभा को संबोधित करने से पहले सीएम गहलोत भाजपा के दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के निवास पर भी संवेदना प्रकट करने गए। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के दिवंगत विधायक के निवास पर जाने पर भाजपा के नेताओं ने इसे सीएम गहलोत की राजनीति बताया। इस पर गहलोत ने कहा कि वे कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। शिष्टाचार के नाते वे दिवंगत विधायक के निवास पर गए थे। ऐसा उनका स्वभाव है और वे संवेदना मामलों में कभी भी राजनीति नहीं करते हैं। हो सकता है कि महात्मा गांधी के अनुयायी अशोक गहलोत सही बोल रहे हों, लेकिन सवाल उठता है कि सीएम गहलोत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की माताजी के निधन पर उनके जोधपुर स्थित निवास पर संवेदना प्रकट करने क्यों नहीं गए? यदि गहलोत वाकई में संवेदनशील मामलों में राजनीति नहीं करते हैं तो उन्हें शेखावत के निवास पर भी जाना चाहिए था। शेखावत न केवल केंद्रीय मंत्री है, बल्कि सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर के निवासी और सांसद भी हैं। ऐसा नहीं कि शेखावत की माताजी के निधन के बाद गहलोत का जोधपुर जाना नहीं हुआ। गहलोत 23 अक्टूबर को दिनभर जोधुपर में ही थे। गहलोत ने 23 अक्टूबर को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे महिपाल मदेरणा के निधन पर भी संवेदना प्रकट की। इसके लिए गहलोत जोधपुर के ओसियां गांव भी गए। यहां पर उन्होंने दिवंगत मदेरणा की पत्नी जोधपुर की जिला प्रमुख लीला मदेरणा और उनकी विधायक बेटी दिव्या मदेरणा को सांत्वना दी। 23 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी जोधपुर में ही थे। इसी दिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी शेखावत के निवास पर जाकर संवेदना प्रकट की थी। भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा का निधन तो 19 मई 2021 को हुआ था। यानी सीएम गहलोत साढ़े पांच माह बाद संवेदना प्रकट करने गए, जबकि शेखावत की माताजी के निधन के अभी 12 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं। माताजी के निधन पर शोक जताने के लिए शेखावत के जोधपुर स्थित आवास पर नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। गहलोत के मंत्रिमंडल के सदस्य भी शेखावत के निवास पर गए हैं। इनमें परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास प्रमुख हैं। अपने गृह जिले के सांसद की माताजी के निधन पर भी संवेदना प्रकट करने नहीं जाने से सीएम गहलोत के राजनीतिक नजरिए का अंदाजा लगाया जा सकता है। जोधपुर जिले में गजेंद्र सिंह शेखावत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत लोकसभा चुनाव में शेखावत ने ही गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को चार लाख मतों से हराया था। ऐस हार तब मिली जब गहलोत मुख्यमंत्री के पद पर ही थे।
S.P.MITTAL BLOGGER (27-10-2021)
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