Wednesday 16 October 2024

गाजा और लेबनान के 25 लाख लोग बेघर, लेकिन फिर भी इजरायल पर हमले जारी।इसे भारत के संदर्भ में समझने की जरूरत।

चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला ने 14 अक्टूबर को एक बार फिर इजरायल पर हमला किया है। एक सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में इजरायल के चार सैनिक मारे गए। जानकार सूत्रों के अनुसार ईरान ने विगत दिनों जो दो सौ मिसाइल दागी उस से भी बड़ा हिजबुल्ला का हमला था। सैन्य ठिकाने पर हमला बताता है कि हिजबुल्ला जैसे चरमपंथी संगठनों के पास इजरायल की कितनी महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी है। इजरायल ने ईरान की मिसाइलों को तो हवा में ही नष्ट कर दिया, लेकिन हिजबुल्ला के हमले की जानकारी इजरायल को नहीं हो सकी। इजरायल पर लगातार हमले तब हो रहे है, जब गाजा के 20 लाख और लेबनान के पांच लाख लोग बेघर हो गए है। इन 25 लाख लोगों में महिलाएं और छोटे बच्चे भी हैं। यह लोग इजरायल की मिसाइलों और बमों से बचने के लिए घरों से बाहर निकल गए है। इजरायली हमलों में अब तक चालीस हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जो चरमपंथी संगठन इजरायल के साथ युद्ध कर रहे हैं, उन्हें 25 लाख लोगों के बेघर होने की चिंता नहीं है। सवाल उठता है कि इन 25 लाख लोगों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है? झगड़ा किसी भी कारण से हो, लेकिन निर्दोष लोगों को कभी भी सजा नहीं मिलनी चाहिए। 25 लाख लोगों की हो रही दुर्दशा पर संयुक्त राष्ट्र संघ भी कोई प्रभावी भूमिका नहीं निभा पा रहा है। इजरायल ने पहले गाजा को खंडहर में तब्दील किया और अब लेबनान पर बम बरसाए जा रहे है। इजरायल ने गाजा में हमास की कमर तोड़ी तो हिजबुल्ला जैसा चरमपंथी संगठन खड़ा हो गया। हमास, हिजबुल्ला, हूती जैसे मुस्लिम चरमपंथी संगठनों के पीछे ईरान जैसे मुस्लिम देश खड़े हैं। कहा जा सकता है कि इजरायल का युद्ध किसी मुस्लिम चरमपंथी संगठन से नहीं बल्कि ईरान जैसे शक्तिशाली मुस्लिम देश के साथ हो रहा है। हिजबुल्ला के चीफ हसन नसरल्लाह की मौत जब हुई तो भारत में मुस्लिम आबादी में उसकी प्रतिक्रिया देखी गई। चूंकि भारत में भी 20 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम आबादी है और इनमें हमास, हिजबुल्ला, हूती, तालिबान जैसे चरमपंथी संगठनों के समर्थक भी है, इसलिए इजरायल और चरमपंथी संगठनों के बीच चल रहे युद्ध को भारत के संदर्भ में भी समझने की जरूरत है। सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर घाटी में अमन चैन कायम हुआ है, पर्यटन बढ़ने से आम कश्मीरियों के घरों में खुशहाली आई है, लेकिन हाल ही में जब विधानसभा चुनाव हुए तो कश्मीरियों ने अनुच्छेद 370 की पुनःबहाली के समर्थन में अपना वोट दिया। कश्मीरियों के समर्थन के कारण ही नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे राजनीतिक दल को बहुमत मिल गया, अब विधानसभा में सरकार की ओर से पहला प्रस्ताव 370 की बहाली का रखा जाएगा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (15-10-2024)
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