Thursday 17 October 2024

शिक्षकों को नसीहत देने वाले शिक्षा मंत्री दिलावर के बयान पर बवाल क्यों?क्या बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को मर्यादा में नहीं रहना चाहिए?

16 अक्टूबर को राजस्थान के नीम का थाना में एक स्कूल के समारोह में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षक शिक्षिकाओं को नसीहत देने वाली कुछ बातें कही। दिलावर ने कहा कि शिक्षिकाओं को ऐसा परिधान पहनना चाहिए जिससे पूरा शरीर ढका रहे। दिलावर ने कहा कि जो शिक्षक तंबाकू का गुटखा खाकर स्कूल आते हैं, उससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है। शिक्षक झूमते हुए आते हैं, ऐसे शिक्षक तो बच्चों के दुश्मन है। दिलावर के इस बयान पर अब बवाल हो रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तो दिलावर का इस्तीफा ही मांग लिया है। सवाल उठता है कि आखिर दिलावर ने ऐसा क्या कह दिया, जिसकी वजह से कुछ शिक्षक संगठनों के नेता नाराज है। देखा जाए तो दिलावर ने शिक्षक शिक्षिकाओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है। यदि शिक्षिकाएं शरीर ढकने वाले कपड़े पहनकर आएंगी तो इसका असर स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं पर भी पड़ेगा। कोई छात्रा मर्यादा में रहे इस पर ऐतराज की क्या बात है। जब कांग्रेस पार्टी मुस्लिम बालिकाओं के लिए हिजाब के पक्ष में है तो फिर हिंदू बालिकाओं और शिक्षिकाओं के शरीर ढकने वाले परिधान पहनने की बात का विरोध क्यों किया जा रहा है? डोटासरा का बयान कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर करता है। कोई भी व्यक्ति तंबाकू वाला गुटखा न खाएं इसके लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जाते है। जब शिक्षा मंत्री शिक्षकों को गुटखा न खाने की सलाह दे रहे हैं तो फिर ऐतराज की क्या बात है। मदन दिलावर के बयान को सकारात्मक नजरिए से लेना चाहिए। कोई भी अभिभावक यह नहीं चाहेगा कि उनका बच्चा स्कूल में गुटखा खाने की शिक्षा ग्रहण करें। इसी प्रकार कोई भी अभिभावक अपनी बच्ची को अमर्यादित व्यवहार की उम्मीद नहीं करेगा। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि अच्छा नागरिक बने सके।

S.P.MITTAL BLOGGER (17-10-2024)
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