सिंधी संस्कृति पर बनी फिल्म वरदान-टू 9 दिसंबर को देशभर में रिलीज होगी। लेकिन इस फिल्म को अजमेर के मृदंग सिनेमाघर में नि:शुल्क दिखाया जाएगा। फिल्म के निर्देशक नरेश उधानी ने बताया कि अजमेर में इस फिल्म का खास महत्व है, क्योंकि देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से सबसे ज्यादा सिंधी अजमेर में ही आए थे। तब सिंधी समुदाय के लोक शरणार्थी थे, लेकिन अपने पुरुषार्थ से समाज के लोग अजमेर में मजबूती के साथ खड़े हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि सिंधी समाज बहुत तरक्की की है, लेकिन युवा पीढ़ी अपनी सामाजिक संस्कृति को भूल रही है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने के कारण घरों में सिंधी भाषा में संवाद भी कम हो गया है। मौजूदा सामाजिक हालातों को देखते हुए ही वरदान फिल्म बनाई गई है। यह फिल्म सिंधी संस्कृति पर आधारित है। फिल्म को रोचक भी बनाया गया है। अजमेर में फिल्म के प्रमोटर और जनसेवा समिति के प्रमुख हरीश गिद्वानी ने बताया कि यह फिल्म श्रीनगर रोड स्थित मृदंग सिनेमा में 9 से 22 दिसंबर तक प्रातः 10 से 1 बजे तक नि:शुल्क दिखाई जाएगी। उनका मकसद इस फिल्म को सिंधी समुदाय के लोगों को अधिक से अधिक दिखाना है। दर्शकों को सिनेमा हाल में सिंधी संस्कृति के पकवान भी दिखाए जाएंगे। फिल्म के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9783936973 पर हरीश गिद्वानी से ली जा सकती है।
प्ले स्कूल के बच्चे:
अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आमतौर पर बड़े स्कूल कॉलेजों के वार्षिक समारोह होते हैं, लेकिन 4 दिसंबर को अजमेर के पुष्कर रोड स्थित दाहरसेन स्मारक के निकट चलने वाले रॉयल एकेडमी प्ले स्कूल का वार्षिक समारोह भी जवाहर रंगमंच पर हुआ। स्कूल के 15 वें वार्षिक समारोह में बच्चों के माता-पिता, दादा दादी, नाना नानी ने अभिभावक के तौर पर भाग लिया। अभिभावकों की संख्या से प्रतीत हो रहा था कि बदलते माहौल में बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। समारोह में रॉयल एकेडमी की निदेशक रेखा शर्मा ने कहा कि प्ले स्कूल के बच्चे कुम्हार की मिट्टी की तरह कच्चे होते हैं। चूंकि बच्चों की उम्र 4 वर्ष तक की होती है, इसलिए इस उम्र में दिमाग में जो डाला जाएगा, वही आगे तक चलेगा। जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी को गीली कर अपने चाक पर बर्तन बनाता है, उसी प्रकार प्ले स्कूल के कच्चे बच्चों को भी तैयार किया जाता है। स्कूल में बच्चों का कोई क्लास रूम नहीं होता, बल्कि हंसते खेलते ही उन्हें ऐसी शिक्षा दी जाती है, जिससे वे बड़े बड़े सवालों के उत्तर निर्भीक होकर दे सके। यही वजह है कि रॉय एकेडमी प्ले स्कूल से तैयार हुए बच्चों का एडमिशन अजमेर की प्रतिष्ठित मयूर, एमपीएस, सेंट मेरी कान्वेंट, सेंट एंसलम, सोफिया, सेंट स्टीवंस आदि स्कूलों में आसानी से हो जाता है। 4 दिसंबर को हुए 15वें वार्षिक समारोह में नन्हे नन्हे बच्चों ने कत्थक नृत्य से लेकर वेस्टर्न डांस तक किया। उन्होंने कहा कि हमारे प्ले स्कूल का उद्देश्य बच्चों को सुयोग्य नागरिक बनाना है। समारोह में स्कूल के पूर्व छात्रों ने भी भाग लिया, जो अब शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इस प्ले स्कूल के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413039656 पर निदेशक रेखा शर्मा से ली जा सकती है।
सिंधी लोक अदालत के सदस्य बने:
अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट रहे सेवानिवृत्त आरएएस सुरेश सिंधी को स्थाई लोक अदालत का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस अदालत के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदनलाल भाटी हैं। सिंधी अजमेर में अनेक प्रशासनिक पदों पर नियुक्त रहे हैं। मौजूदा समय में भी सिंधी सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। लोक अदालत में आपसी सहमति से मुकदमों का निस्तारण होता है। ऐसे में मुकदमों को निपटाने में सिंधी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रशासनिक कार्य काल में भी सिंधी अजमेर में लोकप्रिय रहे हैं। मोबाइल नंबर 9928040567 पर सुरेश सिंधी को बधाई दी जा सकती है।
प्ले स्कूल के बच्चे:
अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आमतौर पर बड़े स्कूल कॉलेजों के वार्षिक समारोह होते हैं, लेकिन 4 दिसंबर को अजमेर के पुष्कर रोड स्थित दाहरसेन स्मारक के निकट चलने वाले रॉयल एकेडमी प्ले स्कूल का वार्षिक समारोह भी जवाहर रंगमंच पर हुआ। स्कूल के 15 वें वार्षिक समारोह में बच्चों के माता-पिता, दादा दादी, नाना नानी ने अभिभावक के तौर पर भाग लिया। अभिभावकों की संख्या से प्रतीत हो रहा था कि बदलते माहौल में बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। समारोह में रॉयल एकेडमी की निदेशक रेखा शर्मा ने कहा कि प्ले स्कूल के बच्चे कुम्हार की मिट्टी की तरह कच्चे होते हैं। चूंकि बच्चों की उम्र 4 वर्ष तक की होती है, इसलिए इस उम्र में दिमाग में जो डाला जाएगा, वही आगे तक चलेगा। जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी को गीली कर अपने चाक पर बर्तन बनाता है, उसी प्रकार प्ले स्कूल के कच्चे बच्चों को भी तैयार किया जाता है। स्कूल में बच्चों का कोई क्लास रूम नहीं होता, बल्कि हंसते खेलते ही उन्हें ऐसी शिक्षा दी जाती है, जिससे वे बड़े बड़े सवालों के उत्तर निर्भीक होकर दे सके। यही वजह है कि रॉय एकेडमी प्ले स्कूल से तैयार हुए बच्चों का एडमिशन अजमेर की प्रतिष्ठित मयूर, एमपीएस, सेंट मेरी कान्वेंट, सेंट एंसलम, सोफिया, सेंट स्टीवंस आदि स्कूलों में आसानी से हो जाता है। 4 दिसंबर को हुए 15वें वार्षिक समारोह में नन्हे नन्हे बच्चों ने कत्थक नृत्य से लेकर वेस्टर्न डांस तक किया। उन्होंने कहा कि हमारे प्ले स्कूल का उद्देश्य बच्चों को सुयोग्य नागरिक बनाना है। समारोह में स्कूल के पूर्व छात्रों ने भी भाग लिया, जो अब शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इस प्ले स्कूल के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413039656 पर निदेशक रेखा शर्मा से ली जा सकती है।
सिंधी लोक अदालत के सदस्य बने:
अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट रहे सेवानिवृत्त आरएएस सुरेश सिंधी को स्थाई लोक अदालत का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस अदालत के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदनलाल भाटी हैं। सिंधी अजमेर में अनेक प्रशासनिक पदों पर नियुक्त रहे हैं। मौजूदा समय में भी सिंधी सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। लोक अदालत में आपसी सहमति से मुकदमों का निस्तारण होता है। ऐसे में मुकदमों को निपटाने में सिंधी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रशासनिक कार्य काल में भी सिंधी अजमेर में लोकप्रिय रहे हैं। मोबाइल नंबर 9928040567 पर सुरेश सिंधी को बधाई दी जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-12-2022)
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