Monday 12 December 2022

अशोक गहलोत अब पायलट के साथ हवाई सफर भी कर रहे हैं तथा समय के साथ सब कुछ ठीक होने की बात भी कह रहे हैं।तो क्या भारत जोड़ो यात्रा के बाद राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में कोई बदलाव होगा?गुजरात की हार पर गहलोत और रघु शर्मा की राय अलग अलग।

इसे राजनीतिक मजबूरी ही कहा जाएगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब अपने प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के साथ हवाई सफर भी करना पड़ रहा है। 11 नवंबर को दोनों को हिमाचल के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना था, इसके लिए दोनों नेता बूंदी से एक ही हेलीकॉप्टर में दिल्ली तक गए। गहलोत और पायलट एक ही हेलीकॉप्टर में बैठे, इसके निर्देश खुद राहुल गांधी ने दिए। 20 दिन पहले जिस एनडीटीवी पर गहलोत ने पायलट को भाजपा से 190 करोड़ रुपए लेने वाला गद्दार नेता कहा उसी एनडीटीवी पर 11 दिसंबर को सचिन पायलट के संदर्भ में गहलोत को कहना पड़ा कि राजनीति में ऐसी घटनाएं दुर्घटनाएं होती रहती है। लेकिन समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है। इस बार एनडीटीवी पर गहलोत ने पायलट के लिए एक शब्द भी प्रतिकूल नहीं कहा। इतना ही नहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा में गहलोत पायलट के साथ पैदल भी चल रहे हैं।
 
क्या यात्रा के बाद बदलाव होगा?:
सचिन पायलट के प्रति अशोक गहलोत के बदले हुए रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि 18 दिसंबर को जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजर जाएगी, तब कांग्रेस की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा। पायलट के समर्थक पहले ही कह चुके हैं कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए 2023 में कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। कांग्रेस हाईकमान और गांधी परिवार की ओर से अभी इस बात के संकेत नहीं दिए हैं कि गहलोत को सीएम पद से हटाया जाएगा, लेकिन पायलट के समर्थक राजनीतिक बदलाव को लेकर बेहद उत्साहित हैं। समर्थकों का कहना है कि 190 करोड़ रुपए लेने और गद्दार जैसे शब्दों के इस्तेमाल के बाद भी पायलट ने गहलोत को जवाब नहीं दिया। इससे गांधी परिवार खास कर राहुल गांधी, पायलट को लेकर गंभीर हैं। अशोक गहलोत, पायलट के बारे में कुछ भी सोचे, लेकिन कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट कांग्रेस के असेट हैं। गहलोत की वजह से पायलट की अनदेखी नहीं की जा सकती है। पिछले ढाई वर्ष से अशोक गहलोत, पायलट को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी पायलट की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। राजस्थान में पायलट की कितनी लोकप्रियता है, इसका अहसास भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी भी कर रहे हैं। पायलट यात्रा में लगातार राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं।
 
हार पर अलग अलग राय:
रघु शर्मा ने गुजरात में कांग्रेस की हार पर कोई बहाने बाजी किए बगैर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। हार के बाद रघु ने अभी तक भी किसी भी प्रकार के मीडिया को इंटरव्यू नहीं दिया है। रघु शर्मा भारत जोड़ो यात्रा में भी नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं गांधी परिवार के भरोसेमंद और भारत जोड़ो यात्रा के मुखिया जयराम रमेश ने गुजरात में कांग्रेस की हार के लिए कमजोर संगठन को जिम्मेदार माना है, लेकिन वहीं जयराम रमेश और रघु शर्मा से अलग राय रखते हुए गहलोत का कहना है कि गुजरात में कांग्रेस की हार के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है। आप के उम्मीदवारों ने जितने वोट प्राप्त किए, वही कांग्रेस के उम्मीदवारों की हार का कारण बने। गहलोत ने रघु शर्मा की तरह हार की जिम्मेदारी स्वयं ने नहीं ली। जबकि गहलोत गुजरात में कांग्रेस के सीनियर ऑब्जर्वर थे। गहलोत की सिफारिश पर ही रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया गया था। पूरे चुनाव की रणनीति गहलोत और रघु शर्मा ने मिल कर बनाई थी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-12-2022)
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