Saturday 16 January 2021

तो हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद मुफ्त में नहीं मिलेगी वैक्सीन। विदेश में वैक्सीन की कीमत पांच हजार रुपए है।दूसरे डोज के 15 दिन बाद असर शुरू होगा कोरोना वायरस पर। कोरोना काल को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।16 जनवरी को भी बना रहा प्रधानमंत्री की बढ़ी हुई दाढ़ी का रहस्य।

16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में कोरोना वायरस के टीका करण अभियान की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि देशभर के स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को केन्द्र सरकार की ओर से कोरोना का टीका मुफ्त लगाया जाएगा। इन तीन करोड़ कार्मिकों के बाद 30 करोड़ लोगों के लिए टीका करण अभियान की शुरुआत होगी। पीएम ने अपने संबोधन में तीन करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने की बात तो कहीं, लेकिन 30 करोड़ लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा। पीएम ने इतना जरूर बताया कि विदेश में कोरोना की वैक्सीन 5 हजार रुपए में मिल रही है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने तीन करोड़ टीके 220 रुपए प्रति टीके के हिसाब से खरीदे हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं कि वैक्सीन निर्माण करने वाली दोनों स्वदेशी कंपनियां आम व्यक्ति को 220 रुपए में टीका उपलब्ध करवाए। पीएम ने संबोधन के बाद माना जा रहा है कि देश के 30 करोड़ लोगों को बाजार से खरीद कर ही वैक्सीन लानी पड़ेगी। यह बात अलग है कि कुछ राज्य सरकारें स्वयं वैक्सीन खरीद कर अपने नागरिकों को मुफ्त में लगवाएं। 16 जनवरी को पीएम मोदी ने एक ओर महत्वपूर्ण जानकारी देशवासियों को दी। मोदी ने कहा कि दूसरे डोज के 15 दिन बाद कोरोना वैक्सीन का असर वायरस पर होने लगेगा। इसलिए यह जरूरी है कि कोरोना के दोनों डोज लगवाए जाएं। एक डोज लगवाने से कोई फायदा नहीं होगा। पहले और दूसरे डोज में कम से कम एक माह का अंतर जरूरी है। पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जिसने कोरोना की वैक्सीन तैयार की है और अब इतिहास का सबसे बड़ा टीका करण अभियान शुरू करने जा रहा है। दुनिया में 100 देश ऐसे हैं, जिनकी आबादी तीन करोड़ से भी कम है, जबकि भारत में पहले चरण में तीन करोड़ व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है। अगले चरण में 30 करोड़ व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा। दुनिया में भारत के साथ साथ चीन और अमरीका ही ऐसे देश हैं जिनकी आबादी 30 करोड़ से ज्यादा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कितने बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों को लेकर किसी भी अफवाह से बचना चाहिए। कोरोनाकाल में घटने वाली घटनाओं को याद कर पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह ऐसी महामारी थी, जिसमें अपनों को अपनों से अलग कर दिया। कोई संक्रमित मां अपने छोटे बच्चे को गोद में नहीं ले पा रही थी तो अस्पताल में भर्ती पिता की सेवा पुत्र नहीं कर पा रहे थे। ऐसे माहौल में घर परिवार के अनेक सदस्यों को खोना पड़ा। लेकिन अब देश उन परिस्थितियों से बाहर आया है। मोदी ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को सामने आया था, तब देश में कोरोना की एक मात्र टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज देशभर में 2 हजार 300 लैब हैं। आज हम मास्क से लेकर पीपीई किट तक निर्यात कर रहे हैं। अब हम आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
बना रहा दाढ़ी का रहस्य:
16 जनवरी को प्रधानमंत्री ने कोरोना के टीके की शुरुआत की। देश के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि। यह माना जा रहा था कि कोरोना के टीका करण अभियान के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के दाढ़ी बढ़ाने का संकल्प भी पूरा हो जाएगा, लेकिन देशवासियों ने देखा कि मोदी ने बढ़ी हुई दाढ़ी और बाल में ही अपना संबोधन किया। यानि अभी मोदी का कोई संकल्प पूरा नहीं हुआ है। भारत की सनातन संस्कृति में संकल्प का बहुत बड़ा महत्व है। हमारे संत महात्मा लोगों की भलाई के लिए ऐसे ही संकल्प लेते हैं। कोई दाढ़ी के बाल नहीं कटवाता तो कोई उपवास रखता है। कई लोग जीवन में कुछ चीजे त्यागने का संकल्प लेते हैं। चूंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले छह सात माह से दाढ़ी नहीं कटवा रहे हैं, इसलिए माना जा रहा है कि मोदी ने कोई संकल्प ले रखा है। हो सकता है कि मोदी ने एक से अधिक संकल्प ले रखे हों। उनमें से कोरोना वैक्सीन एक हो। सब जानते हैं कि मोदी भारत की सनातन संस्कृति में बहुत भरोसा रखते हैं। मोदी अक्सर तीर्थ स्थलों एवं मंदिरों के दर्शन के लिए जाते हैं। किसी वस्तु को त्यागने और संकल्प लेने से मनुष्य को आत्मबल की प्राप्ति होती है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (16-01-2021)
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