Wednesday 6 January 2021

अजमेर में निकाय चुनाव को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सहित पांच विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर।31 जनवरी को पार्षदों के चुनाव के बाद 7 फरवरी को होगा निकाय प्रमुख का चुनाव। यानि पूरे एक सप्ताह रहेगी खरीद फरोख्त।

अजमेर जिले में अजमेर नगर निगम, किशनगढ़ नगर परिषद तथा केकड़ी, सरवाड़ और बिजयनगर नगर पालिका के चुनाव होने हैं। मौजूदा समय में सिर्फ बिजयनगर को छोड़कर शेष चारों निकायों में भाजपा का कब्जा रहा है। निकाय चुनाव में क्षेत्रीय विधायक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यही वजह है कि केकड़ी व सरवाड़ में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ किशनगढ़ में निर्दलीय विधायक सुरेश टाक तथा बिजयनगर में कांग्रेस के विधायक राकेश पारीक की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं अजमेर नगर निगम में उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी तथा दक्षिण क्षेत्र की श्रीमती अनिता भदेल की प्रतिष्ठा दांव पर है। रघु शर्मा के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र की तीन पंचायत समितियों के हाल ही के चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा। तीन में से दो पंचायत समितियों में कांग्रेस की हार हुई। ग्रामीण क्षेत्र के इन चुनावों को जीतने के लिए रघु शर्मा ने लगातार पांच दिनों तक गांव ढाणी तक में सभाएं की। इन सभाओं के बाद रघु शर्मा कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो गए, लेकिन फिर भी कांग्रेस को जीत नहीं दिलवा सके। अब तो केकड़ी और सरवाड़ में शहरी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, ऐसे में रघु के सामने बड़ी राजनीतिक चुनौती है। मौजूदा समय में दोनों ही निकायों में भाजपा का कब्जा रहा है। रघु को अपने पुत्र की कार्यशैली की वजह से भी केकड़ी में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। रघु के मंत्री बनने के बाद उनक समर्थकों ने जो बदले की कार्यवाही की उसका नुकसान भी निकाय चुनावों में उठाना पड़ेगा। इसी प्रकार अजमेर शहर में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल की प्रतिष्ठा दांव पर है। नगर निगम के 80 वार्ड देवनानी के उत्तर और भदेल के दक्षिण क्षेत्र में विभाजित हैं। देवनानी और भदेल दोनों ही चौथी बार विधायक बने हैं, इसलिए दोनों की पकड़ अपने अपने क्षेत्र में मजबूत है। वार्ड उम्मीदवारों के चयन में भी दोनों विधायकों की राय को प्राथमिकता दी जा रही है। दोनों के लिए उम्मीदवारों का चयन भी चुनौतीपूर्ण है। चूंकि गत बार महेन्द्र सिंह रलावता ने उत्तर तथा हेमंत भाटी ने दक्षिण क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवर के तौर पर चुनाव लड़ा था, इसलिए कांग्रेस के उम्मीदवार इन दोनों नेताओं की राय से ही तय होंगे। किशनगढ़ नगर परिषद के चुनाव भी रौचक होंगे। भाजपा के सांसद भागीरथ चौधरी गत चुनावों में किशनगढ़ के भाजपा विधायक थे, लेकिन इस बार निर्दलीय विधायक सुरेश टाक किशनगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालंकि टाक की राजनीतिक पृष्ठभूमि भाजपा की रही है, लेकिन मौजूदा समय में टाक प्रदेश की कांग्रेस सरकार  को समर्थन दे रहे हैं। किशनगढ़ शहर में कांग्रेस की राजनीति खिचड़ी बनी हुई है। इस खिचड़ी में टाक भी अपना वजूद बनाए रखना चाहते हैं। बिजयनगर पालिक मसूदा विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। मसूदा का नेतृत्व कांग्रेस के विधायक राकेश पारीक कर रहे हैं। पारीक के लिए यह सुखद स्थिति है कि निवर्तमान समय में भी पालिका पर कांग्रेस का ही कब्जा है। लेकिन बिजयनगर में दोबारा से कांग्रेस का बोर्ड बनवाना पारीक के लिए चुनौतीपूर्ण है। असल में जिले में कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर है। पारीक को अकेले ही मेहनत करनी होगी। भाजपा के लिए भी उम्मीदवारों का चयन करना आसान नहीं होगा। 
S.P.MITTAL BLOGGER (06-01-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- spmittalblogger
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9509707595
To Contact- 9829071511 

No comments:

Post a Comment