Tuesday 12 January 2021

अजमेर में बंदरों के उत्पात और लोगों की परेशानी की शिकायत कलेक्टर प्रकाश पुरोहित तक पहुंची।बंदरों ने अब सीधे कलेक्ट्रेट को चुनौती दी है। शायद अब बंदरों के खिलाफ कार्यवाही हो।

11 जनवरी को राजस्थान पत्रिका के अजमेर संस्करण में पृष्ठ चार पर बंदरों से संबंधित एक फोटो प्रकाशित हुआ है। यह फोटो अजमेर के कलेक्ट्रेट परिसर का है। इस फोटो में दिखाया गया है कि बंदर कलेक्ट्रेट परिसर में उत्पात मचा रहे हैं। परिसर में खड़े निजी वाहनों के साथ साथ पुलिस के वाहनों पर भी बंदर उछल कूद कर रहे हैं। बंदरों के उत्पात की वजह से डर और भय का माहौल है। फोटो को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अजमेर कलेक्ट्रेट पर बंदरों का कब्जा हो गया है। अखबार के फोटो ग्राफर ने बंदरों का यह फोटो 10 जनवरी को खींचा है। बंदरों का उत्पात शहर भर में है। शहर के बाहरी क्षेत्र पंचशील हो या घनी आबादी वाले आगरा गेट, खाईलैंड, नया बाजार, दरगाह बाजार, मदारगेट, नला बाजार हो। शहर सटे आनासागर लिंक रोड हो या फिर वैशाली नगर। सभी जगह पर बंदरों का आतंक है। एक साथ 15-20 छोटे बड़े बंदरों की टोली एक छत से दूसरे छत पर हंगामा करती रहती है। आए दिन घरों में घुसकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर हमला किया जाता है। हालत इतने खराब हैं कि सर्दी के मौसम में बच्चे और बुजुर्ग धूप में अकेले नहीं बैठ सकते हैं। परेशान शहर वासियों ने बंदरों को पकडऩे के लिए कई बार नगर निगम के अधिकारियों के यहां लिखित शिकायत की है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब पूरे शहर में बंदरों की टोलियां उत्पात कर रही है। कई स्थानों पर तो बंदरों का जमघट दिनभर लगा रहता है। अधिकांश मकानों में दिन में एक बार बंदरों की टोलियां जरूर आती है। लोग अपने छोटे बच्चों को घर के बाहर खेलने से भी डरते हैं। लेकिन इस बार बंदरों ने सीधे कलेक्ट्रेट को चुनौती दी है। कलेक्टे्रट परिसर में ही जिला कलेक्टर प्रकाश पुरोहित बैठते हैं। अब चूंकि पत्रिका जैसे बड़े अखबार में कलेक्ट्रेट में मौजूद बंदरो का फोटो छप गया है, तो कलेक्टर पुरोहित को भी बंदरों के उत्पात की जानकारी हो गई होगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन अब बंदरों को पकड़वाने की कार्यवाही करवाएगा। हालांकि यह का नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम में इन दिनों 80 वार्डों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए जिला प्रशासन को ही अपनी ओर से कार्यवाही करनी पड़ेगी। कोई तीन वर्ष पहले उत्पाति बंदरों को पकड़ कर जंगलों में छोड़ा गया था, इस बार भी प्रशासन को ऐसी कार्यवाही करनी चाहिए। बंदरों के उत्पात की वजह से लोगों का अपने ही घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (11-01-2021)
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