Monday 23 August 2021

तनिष्क (टाटा), मालाबार, कल्याणजी, पीसी, कुंदन, डीपी जैसे बड़े ज्वैलर्स को पनपाने के लिए यूनिक आईडी नंबर अंकित करने का कानून लाया गया है।इस कानून की वजह से छोटे ज्वैलर्स का कारोबार ठप हो जाएगा। कानून के विरोध में 23 अगस्त को देशभर में सर्राफा बाजार बंद रहे।अजमेर में भी सर्राफा कारोबारियों ने धरना प्रदर्शन किया।

23 अगस्त को देशभर में सर्राफा बाजार बंद रहे। इससे करोड़ों रुपए का लेनदेन नहीं हो सका। सर्राफा कारोबार से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि केन्द्र सरकार टाटा के तनिष्क, मालाबार, कल्याणजी, पीसी, कुंदन, डीपी जैसे बड़े ज्वैलर्स को पनपाना  चाहती है, इसलिए जेवरातों पर हॉलमार्किंग के साथ साथ यूनिक आईडी नंबर भी अंकित करने का कानून लाई है। सोने के जेवरात की शुद्धता के लिए हॉलमार्किंग पर किसी को भी एतराज नहीं है, लेकिन हॉलमार्किंग के साथ साथ जेवरात पर संबंधित सर्राफा का यूनिक आईडी नंबर अंकित करना व्यावहारिक नहीं है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने निर्देश दिए हैं कि दो ग्राम से ज्यादा के वजन के जेवरात पर संबंधित सर्राफा का चार अंकों वाला यूनिक आईडी नंबर भी अंकित किया जाए। सर्राफा व्यापारी को हॉलमार्क की मार्केटिंग और यूनिक आईडी नंबर बीआईएस द्वारा निर्धारित लाइसेंसशुदा सेंटर से ही करवानी होगी। तीन चार ग्राम के वजन वाले जेवरात पर हॉलमार्क का चिन्ह और आईडी नंबर अंकित होना मुश्किल हैं। प्रतिनिधियों का कहना है कि छोटे सर्राफा के लिए यह व्यवहारिक भी नहीं है। ग्राहक अपनी पसंद का जेवरात खरीदता है। कई बार 20 ग्राम की सोने की चेन को 15 ग्राम वजन में भी देनी पड़ती है, ऐसे में यदि पूर्व में चेन पर आईडी नंबर अंकित कर रखा जाए तो हटाई गई पांच ग्राम वाले हिस्से पर आईडी नंबर जा सकता है। ऐसे में बीआईएस वाले तो सर्राफ दुकानदार को ही दोषी मानेंगे। आईडी नंबर जेवरात पर ही अंकित नहीं करना है, बल्कि बिल आदि सभी दस्तावेजों पर अंकित करना अनिवार्य किया गया है। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी ओर आईडी नंबर के कानून की वजह से सर्राफा कारोबार में इंस्पेक्टर राज कायम किया जा रहा है। इस कानून की आड़ में बीआईएस के कर्मचारी किसी भी सर्राफा की दुकान की तलाशी ले सकेंगे तथा स्टॉक की जांच कर सकेंगी। माल की जब्ती के साथ दुकान का लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार भी बीआईएस को दिया गया है। प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार की मंशा तनिष्क, पीसी, मालाबार, कल्याणजी, डीपी, कुंदन जैसे बड़े ज्वैलर्स को पनपाने की है। चूंकि ऐसे बड़े ज्वैलर्स के देशभर में शोरूम है, इसलिए इन बड़े ज्वैलर्स ने स्वयं की हॉलमार्किंग करने और आईडी नंबर अंकित करने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, जबकि छोटे दुकानदार की तो बीआईएस द्वारा निर्धारित सेंटर पर ही जेवरात भेज कर हॉलमार्क का चिन्ह और आईडी नंबर अंकित करवाना होगा। जिस ग्राहक को फटाफट सुपुर्दगी चाहिए उसके जेवरात पर हाथों हाथ हॉलमार्किंग और आईडी नंबर अंकित करवाना मुश्किल है। सरकार को 2 ग्राम से अधिक जेवरात पर आईडी नंबर अंकित करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। सरकार को व्यवहारिक परेशानियों का भी ख्याल रखना चाहिए। देश के अधिकांश जिलों में हॉलमार्किंग और आईडी नंबर अंकित करने के लिए दो तीन सेंटर ही खोल रखे हैं। यह सेंटर भी अपर्याप्त है। सरकार को छोटे सर्राफा कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। देश भर में करोड़ों लोग छोटे सर्राफा कारोबार से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
अजमेर में धरना प्रदर्शन:
23 अगस्त को देशव्यापी विरोध के अंतर्गत अजमेर में भी सर्राफा कारोबारियों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान अजमेर के जिला कलेक्टर के माध्यम से एक ज्ञापन केंद्रीय वाणिज्यिक और औद्योगिक मंत्री पीयूष गोयल को भेजा गया। इस ज्ञापन में कहा गया कि यूनिक आईडी नंबर अंकित करने के नियम से सर्राफा कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा, चूंकि बिल में ग्राहक की व्यक्तिगत जानकारी भी होती है, ऐसे में यूनिक आईडी नंबर से ग्राहक व्यक्तिगत जानकारी भी आउट हो सकती है। ज्ञापन में मांग की गई कि इस कानून को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। अजमेर सर्राफा संघ के अध्यक्ष अशोक बिंदल, महामंत्री सुशील वर्मा, प्रवक्ता दिनेश गर्ग आदि ने बताया कि हॉलमार्किंग का पंजीकरण अब तक 80 हजार ज्वैलर्स करवा लिया है, यानी ज्वैलर्स को हॉल मार्किंग पर कोई एतराज नहीं है,वैसे भी सर्राफा व्यापारी और ग्राहक के बीच भरोसे का संबंध होता है। एक परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही दुकान से सोने चांदी के जेवरात खरीदते हैं। छोटा व्यापारी इस भरोसे को कभी भी समाप्त नहीं होने देगा। आज भी हॉल मार्किंग से ज्यादा ग्राहक अपने सर्राफा दुकानदार पर भरोसा करता है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (23-08-2021)
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