कांग्रेस पार्टी को महात्मा गांधी का अनुयायी माना जाता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने वाला गांधी परिवार उनमें से नहीं है वो एक थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल भी आगे कर दें। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो हमले हुए उनका गांधी परिवार ने जवाब दिया है। खेल रत्न अवार्ड का नाम राजीव गांधी से बदल कर मेजर ध्यानचंद किए जाने पर गांधी परिवार चुप बैठने वाला नहीं है। सब जानते हैं कि राजीव गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के पति और कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के पिता थे। खेल रत्न अवार्ड से राजीव गांधी का नाम हटाने की हिम्मत तब की गई, जब राहुल गांधी के नेतृत्व में गत 19 जुलाई से संसद के दोनों सदनों को विपक्ष ने ठप कर रखा है। खेल रत्न से राजीव गांधी का नाम हटाने से मोदी सरकार ने गांधी परिवार का प्रभाव कम ही किया है। यह पहला अवसर नहीं है, जब मोदी सरकार ने गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला है। इससे पहले भी गांधी परिवार के सदस्यों से एसपीजी सुरक्षा हटाने और प्रियंका गांधी वाड्रा से दिल्ली में आलीशान सरकारी बंगला खाली कराने का निर्णय भी लिया गया। यह बात अलग है कि जो एसपीजी सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए गठित की गई थी उसे गांधी परिवार को भी स्थायी तौर पर दे दी गई थी। यह निर्णय गांधी परिवार के इशारे पर चलने वाली डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने लिया था। एसपीजी की सुविधा के कारण ही मनमोहन सिंह की सरकार ने सोनिया गांधी की पुत्री और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी को दिल्ली के वीआईपी इलाके में मुफ्त में आलीशान सरकारी बंगला आवंटित कर दिया। अब जब ऐसी मुफ्त की सुविधाएं वापस ली जाएंगी तो गांधी परिवार को गुस्सा आएगा ही। किसी समय जो गांधी परिवार देश का सबसे शक्तिशाली परिवार था, उसे नरेन्द्र मोदी सीधी चुनौती दे रहे हैं। इससे पहले अदालत के निर्देश पर नेशनल हेराल्ड के प्रकरण में गांधी परिवार के सदस्यों को मुल्जिम बनाया जा चुका है। राजस्थान, हरियाणा में जमीन घोटालों और कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में प्रियंका गांधी के पति और राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा भी अनेक अदालतों से जमानत पर हैं। ऐसे में गांधी परिवार का मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा राजनीतिक दृष्टि से जायज है। इस गुस्से के चलते ही इस बार संसद के मॉनसून सत्र की कमान खुद राहुल गांधी ने संभाल रखी है। यही वजह है कि सरकार की लाख कोशिश के बाद भी संसद के दोनों सदन ठप पड़े हुए हैं। राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रोजाना संसद की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित करनी पड़ती है। संसद की जब कार्यवाही स्थगित हो जाती है तो राहुल गांधी बाहर आकर मीडिया से कहते हैं कि मोदी सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। जबकि सरकार का बार बार कहना है कि किसान आंदोलन से लेकर पेगासस जासूसी प्रकरण तक पर संसद में बहस के लिए तैयार है। सवाल उठता है कि जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है तो फिर राहुल गांधी और विपक्षी सांसद संसद में इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाते? इसमें कोई दो राय नहीं कि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है। लोकतंत्र में संसद ऐसा मंच है, जहां सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है। लेकिन यहां तो विपक्ष ही संसद को नहीं चलने दे रहा है। अक्सर सरकार संसद से भागती है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है।
राहुल गांधी ने बदली राजनीति:
राहुल गांधी भले ही कांग्रेस का अध्यक्ष पद नहीं स्वीकार कर रहे हों, लेकिन इस बार मानसून सत्र में विपक्ष के सांसदों की कमान राहुल गांधी ने संभाल रखी है। छोटे बड़े 14 राजनीतिक दलों के सांसदों को लेकर राहुल गांधी अपने नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित कर रहे हैं। सांसदों को कभी नाश्ता कराकर साइकिल चलवाई जाती है तो कभी बस में भरकर जंतर मंतर पर किसान पंचायत में ले जाया जाता है। लोकसभा के 545 सदस्यों में से सर्वाधिक 52 सदस्य कांग्रेस के ही हैं। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस ही सबसे बड़ा दल है। 545 में से 52 सदस्य रख कर कांग्रेस सबसे बड़ा दल है, इससे विपक्ष की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 350 के पार है।
राहुल गांधी ने बदली राजनीति:
राहुल गांधी भले ही कांग्रेस का अध्यक्ष पद नहीं स्वीकार कर रहे हों, लेकिन इस बार मानसून सत्र में विपक्ष के सांसदों की कमान राहुल गांधी ने संभाल रखी है। छोटे बड़े 14 राजनीतिक दलों के सांसदों को लेकर राहुल गांधी अपने नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित कर रहे हैं। सांसदों को कभी नाश्ता कराकर साइकिल चलवाई जाती है तो कभी बस में भरकर जंतर मंतर पर किसान पंचायत में ले जाया जाता है। लोकसभा के 545 सदस्यों में से सर्वाधिक 52 सदस्य कांग्रेस के ही हैं। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस ही सबसे बड़ा दल है। 545 में से 52 सदस्य रख कर कांग्रेस सबसे बड़ा दल है, इससे विपक्ष की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 350 के पार है।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-08-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment