संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था। 4 अगस्त को 15 दिन गुजर जाने के बाद भी संसद के दोनों सदनों में विधायी कार्य नहीं हो सका है। दोनों सदनों पर प्रतिदिन 14 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। यानी करोड़ों रुपया व्यर्थ जा रहा है। 4 अगस्त को तो विपक्षी दलों के सांसद प्ले कार्ड लेकर सदन में आ गए। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते सांसदों ने सदन में नारेबाजी के साथ प्ले कार्ड लहराना शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कहना रहा कि यह लोकतंत्र और सदन का अपमान है। सवाल उठता है कि जब लोकतंत्र का अपमान हो रहा है तो फिर अपमान करने वाले सदस्यों पर कार्यवाही क्यों नहीं होती? क्यों जनता के पैसे को व्यर्थ में खर्च किया जा रहा है। गंभीर बात तो यह है कि हंगामा करने वाले सांसद भी रोजाना वेतन और भत्ते की राशि प्राप्त कर रहे हैं। यह जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। सांसदों को हंगामा करने के बजाए ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से बहस करनी चाहिए। सांसदों को यदि लगता है कि पेगासस जासूसी मामले में सरकार की भूमिका है तो इस पर भी बहस होनी चाहिए। सरकार जब हर मुद्दे पर बहस करवाने को तैयार है तो विपक्ष के सांसद हंगामा क्यों कर रहे हैं। दोनों सदनों की कार्यवाही का लाइव प्रसारण भी होता है। जब युवा पीढ़ी संसद में हंगामे को देखेगी तो उस पर क्या असर पड़ेगा। प्रतिदिन दोनों सदन की कार्यवाही शुरू होती और कुछ सांसद हंगामा करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अध्यक्ष और सभापति को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ती है। दोनों सदनों में जिस तरह हंगामा हो रहा है। इससे प्रतीत होता है कि कुछ राजनीतिक दल व्यक्तिगत कारणों से भी नरेन्द्र मोदी की सरकार का विरोध कर रहे हैं। ऐसे राजनीतिक दलों को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनवाने, तीन तलाक पर कानून बनाने जैसे कार्य पसंद नहीं आ रहे हैं। देश में जो समस्याएं वर्षों से चली आ रही थी, उनका यदि समाधान हुआ है तो यह देशहित में ही है। लेकिन कुछ दलों को देश हित भी पसंद नहीं है। देश में राजनीतिक माहौल तब खराब किया जा रहा है, जब पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिरता हो रही है। भारत के विपक्षी दलों के नेता माने या नहीं, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान जैसे चरमपंथी संगठन का कब्जा होने से भारत पर भी असर पड़ेगा। विपक्षी दलों को इस खतरे की गंभीरता को समझना होगा। माना कि भारत में लोकतंत्र हैं, लेकिन लोकतंत्र की आड़ में देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। विपक्षी दल जिस उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वह देश के लिए खतरनाक होगा। विपक्षी दलों को यह भी समझना चाहिए कि जिस पाकिस्तान का जन्म धर्म के आधार पर हुआ, उसकी आज क्या हालत है। भारत की यही खूबसूरती है कि सभी धर्मों के लोग बिना भेदभाव के रह रहे हैं।
6 सांसद निलंबित:
राज्यसभा में प्ले कार्ड लहराने और हंगामा करने के कारण सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के 6 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया है। लेकिन यह कार्यवाही नाकाफी है, क्योंकि इससे अभी भी हंगामा नहीं रुका है। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति नायडू को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिसमें दोनों सदन सुचारू ढंग से चल सके।
6 सांसद निलंबित:
राज्यसभा में प्ले कार्ड लहराने और हंगामा करने के कारण सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के 6 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया है। लेकिन यह कार्यवाही नाकाफी है, क्योंकि इससे अभी भी हंगामा नहीं रुका है। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति नायडू को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिसमें दोनों सदन सुचारू ढंग से चल सके।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-08-2021)
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