6 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में भले ही भारतीय महिला हॉकी टीम ब्रिटेन से एक गोल से हार गई हो, लेकिन भारत के सर्वोच्च खेलरत्न अवार्ड का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का निर्णय कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के खेल प्रेमियों खासकर हॉकी के खेल प्रेमियों को खुश कर दिया है। अब खिलाडिय़ों को खेलरत्न का अवार्ड राजीव गांधी के नाम के बजाए मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा। मेजर ध्यानचंद के पुत्र और भारत हॉकी टीम के कप्तान रहे अशोक ध्यानचंद ने खेलरत्न अवार्ड का नाम उनके पिता के नाम पर रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। अशोक ध्यानचंद ने कहा कि जब खिलाडिय़ों को मेजर ध्यानचंद के नाम से अवार्ड मिलेगा तो खेलों के प्रति उन्हें और ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। मेरे पिता के प्रति यह सच्ची श्रद्धांजलि भी है। उन्होंने कहा कि खेल अवार्ड किसी महान खिलाड़ी के नाम से ही दिए जाने चाहिए। सब जानते हैं कि हॉकी के खेल में उनके पिता का कितना योगदान रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि देश को गर्वित करने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का यह आग्रह भी सामने आया कि खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से दिया जाना वाला खेलरत्न अवार्ड खिलाड़ी के वर्ष भर की प्रदर्शन को देखकर दिया जाता है। इसमें ओलंपिक खेलों के साथ साथ अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के प्रदर्शन की भी समीक्षा की जाती है। चूंकि इस बार ओलंपिक खेलों में भारत को अनेक पदक प्राप्त हो रहे हैं, इसलिए खेलरत्न हासिल करने वाले खिलाडिय़ों की भी संख्या बढ़ी। हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार देने का निर्णय तब लिया गया है, 5 अगस्त को ही टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। 6 अगस्त को पीएम मोदी ने दोपहर साढ़े बारह बजे खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलने का ट्वीट तब किया, जब कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बस में सवार होकर जंतर मंतर पर किसानों से मिलने जा रहे थे। जंतर मंतर पर पहुंचने पर ही राहुल गांधी को पता चला कि जो खेल अवार्ड उनके पिता के नाम पर दिए जाते थे, वे अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाएंगे। कांग्रेस के अनेक नेताओं ने खेल अवार्ड का नाम बदलने पर नाराजगी व्यक्त की है। लेकिन वहीं राजनीति के जानकार इसे गांधी परिवार पर एक और राजनीतिक हमला मान रहे हैं। गांधी परिवार के प्रभाव को कम करने वाला यह निर्णय तब लिया गया है, जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद को चलने नहीं दे रहे हैं। किसानों और पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने गत 19 जुलाई से संसद को ठप कर रखा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-08-2021)
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