Tuesday 26 December 2023

कांग्रेस शासित कर्नाटक में मारवाड़ी दुकानदारों को भी साइन बोर्ड पर 60 प्रतिशत लिखावट कन्नड़ भाषा में करना अनिवार्य। नहीं तो दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा।

कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव की रणनीति बना रही है। मौजूदा समय में लोकसभा में कांग्रेस के 52 सांसद हैं, लेकिन कांग्रेस अपने सांसदों की संख्या बढ़ाना चाहती है, इसलिए भाजपा उम्मीदवार के सामने विपक्ष का एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति बनाई जा रही है। कांग्रेस चाहती है कि उसके प्रभाव वाले राज्यों में अन्य विपक्षी दल समर्थन दें, ताकि भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा न हो। यानी कांग्रेस को हिन्दी भाषी राज्य यूपी, एमपी, दिल्ली, राजस्थान आदि में हिन्दी भाषी मतदाताओं के एकमुश्त वोट मिल सके, लेकिन वहीं कांग्रेस शासित कर्नाटक में मारवाड़ी दुकानदारों के साइन बोर्ड पर साठ प्रतिशत लिखावट कन्नड़ भाषा में होना अनिवार्य किया जा रहा है। कर्नाटक के कई संगठन तो दुकानदारों को धमकियां भी दे रहे हैं। यह धमकी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अपील के बाद शुरू हुई है। सिद्धारमैया ने हिंदी भाषी खासकर मारवाड़ी दुकानदारों से अपील की थी कि वे अपनी दुकान के साइन बोर्ड कन्नड़ भाषा में बनवाए। सीएम सिद्धरमैया ने तो अपील की, लेकिन कुछ संगठन खुले आम लाउड स्पीकर से धमकी दे रहे है। इससे कर्नाटक के मारवाडिय़ों में दशत का माहौल है। कर्नाटक के बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में राजस्थान से गए व्यापारियों का खास प्रभाव है। ईमानदार आचरण के कारण कन्नड़ लोग भी मारवाड़ी दुकानदार से ही सामान खरीदते हैं। कर्नाटक की स्थानीय निकाय संस्थाओं ने भी कहा है कि यदि साइन बोर्ड कन्नड़ भाषा में नहीं हुए तो दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। कहा जा सकता है कि कर्नाटक में आम लोगों पर कन्नड़ भाषा को जबरन थोपा जा रहा है। कर्नाटक में कन्नड़ भाषा को लेकर जो दबाव बनाया जा रहा है उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता चुप हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER ( 26-12-2023)

Website- www.spmittal.in
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment