राजस्थान के मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमार और डॉ. प्रेमचंद बैरवा 21 दिसंबर को दिल्ली में रहे। इन तीनों नेताओं ने तीन दिन पहले भी दिल्ली में रहकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार तब इन तीनों नेताओं को संभावित मंत्रियों की सूची तैयार करने के बारे में दिशा निर्देश दिए। प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार ही इन तीनों ने संभावित मंत्रियों की सूची तैयार की है, जिस पर 21 दिसंबर को अंतिम मुहर लग जाएगी। आमतौर पर मंत्रिमंडल में मंत्रियों को शामिल करने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ साथ उपमुख्यमंत्री दीया कुमार और डॉ. प्रेमचंद बैरवा की राय को भी प्राथमिकता दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार दीया कुमार जो राय दे रही हैं उसे प्राथमिकता दी जा रही है। असल में भाजपा के राष्ट्रीय नेता दीया कुमारी पर बहुत भरोसा कर रहे हैं। राजस्थान की राजनीति में दीया कुमारी को भविष्य का बड़ा नेता माना जा रहा है। हाल ही के विधानसभा चुनाव में दीया कुमारी जयपुर के विद्याधर नगर क्षेत्र से सर्वाधिक 73 हजार मतों से चुनाव जीती हैं। जयपुर राजघराने की प्रमुख होने के बाद भी दीया कुमारी ने अपनी छवि एक आम नागरिक की बनाई है। दीया कुमारी सभी लोगों से आत्मीयता के साथ मुलाकात करती हैं। दीया कुमारी के सरल स्वभाव से भी भाजपा के राष्ट्रीय नेता प्रभावित है। माना जा रहा है कि दीया कुमारी को भी महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया जाएगा।
देवनानी का महत्व:
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते वासुदेव देवनानी 21 दिसंबर को विधिवत तौर पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। राजस्थान की राजनीति में देवनानी के बढ़ते महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अध्यक्ष पद पर उनके नाम का समर्थन मुख्यमंत्री भजनलाल के साथ साथ भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि ने किया है। सभी ने उम्मीद जताई है कि देवनानी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद सभी दलों के विधायकों के हितों का ख्याल रखेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी प्रदेश की राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। यूं तो देवनानी पिछले 20 वर्षों से विधायक के तौर पर राजस्थान की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन यह पहला अवसर है जब उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इससे प्रदेश की राजनीति में अजमेर का महत्व भी बढ़ेगा।
S.P.MITTAL BLOGGER ( 21-12-2023)
देवनानी का महत्व:
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते वासुदेव देवनानी 21 दिसंबर को विधिवत तौर पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। राजस्थान की राजनीति में देवनानी के बढ़ते महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अध्यक्ष पद पर उनके नाम का समर्थन मुख्यमंत्री भजनलाल के साथ साथ भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि ने किया है। सभी ने उम्मीद जताई है कि देवनानी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद सभी दलों के विधायकों के हितों का ख्याल रखेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी प्रदेश की राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। यूं तो देवनानी पिछले 20 वर्षों से विधायक के तौर पर राजस्थान की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन यह पहला अवसर है जब उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इससे प्रदेश की राजनीति में अजमेर का महत्व भी बढ़ेगा।
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