Monday, 23 June 2025
वंशावली और इतिहास देखकर ही राजपूत समाज में विवाह आदि होने चाहिए। समाज के युवा अब स्वयं वंशावली और इतिहास लिखें। अजमेर के निकट नांद गांव में हुआ गोयंद दासोत जोधा राठौड़ राजपूतों का सम्मेलन। आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की पूर्व पहल।
22 जून को अजमेर के निकट ऐतिहासिक नांद गांव में गोयंद दासोत जोधा राठौड़ राजपूत समाज का सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में निकटवर्ती गोविंदगढ़ के ठिकानेदार गोविंद दास जी से जुड़े 24 गांवों की वंशावली और इतिहास पर विमर्श हुआ। वंशावली और इतिहास लिखने का काम नंदलाल सिंह मोर और महेंद्र सिंह तंवर की ओर से किया गया। सम्मेलन में दोनों ने गोयंद दासोत जोधा राठौड़ की वंशावली और इतिहास को गौरवपूर्ण बताया। इनका कहना रहा कि राजपूत समाज में अपनी वंशावली को देखकर विवाह आदि करने चाहिए। आजकल देखा गया है कि राजपूत समाज में अपनी वंशावली और इतिहास को देखे बगैर ही संबंध हो जाते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि समाज के लोगों को अपनी वंशावली की जानकारी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि राजपूतों की वंशावली और इतिहास लिखने का काम चारण विद्वानों द्वारा किया गया है। लेकिन अब समय आ गया है कि जब राजपूत समाज के युवाओं को अपनी वंशावली और इतिहास का लेखन करना चाहिए। हम यदि अपनी वंशावली और इतिहास को लिखेंगे तो पूरा समाज गौरवान्वित होगा। उन्होंने कहा कि चार सौ वर्ष पहले गोविंद दास जी ने गोविंदगढ़ की स्थापना की थी, तब 25 गांव शामिल किए गए। आज जब गोविंद दास जी की वंशावली लिखी गई है, तब गोयंद दासोत जोधा राठौड़ राजपूत समाज के लोग गौरवान्वित हैं।
धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल:
नांद गांव में गोयंद दासोत जोधा राठौड़ राजपूत समाज का सम्मेलन करवाने में आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल रही। राठौड़ ने कहा कि नांद उनका पैतृक गांव है और उन्हें आज इस बात की खुशी है कि समाज के प्रमुख लोग नांद गांव में आए हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा सम्मेलन करवाने का अवसर मिला है। जल्द ही हमारे पूर्वज गोविंद दास जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि वंशावली और इतिहास का लेखन का कार्य गोयंद दासोत जोधा राठौड़ शोध संस्था के माध्यम से किया गया है। नांद गांव में सम्मेलन करवाने में सरपंच विष्णु सिंह का भी सक्रिय योगदान मिला है। मुझे इस बात का भी संतोष है कि सम्मेलन को सफल बनाने में समाज के युवाओं में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनका अनुभव रहा कि जब किसी समाज का युवा जागरूक हो जाता है तो वह समाज तेजी से आगे बढ़ता है। धर्मेन्द्र राठौड़ ने जोधपुर राजघराने के प्रमुख गज सिंह जी का विशेष आभार प्रकट किया। इस सम्मेलन की सफलता के लिए गज सिंह ने अपना वीडियो संदेश भेजा और सम्मेलन में न आने के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब कभी ऐसा सम्मेलन होगा, तब वे जरूर आएंगे। उन्होंने मौजूदा समय में ऐसे सम्मेलनों की आवश्यकता पर बल दिया। सम्मेलन में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश करणी सिंह राठौड़, कर्नल मोहन सिंह राठौड़, महेंद्र सिंह मझेवला, विक्रम सिंह टापरवाड़ा, डॉ. सुमन राठौड़, कृतिका जोधा, वंशावली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह राव, भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा, समाजसेवी भंवर सिंह पलाड़ा, नौरत सिंह राव, जयमल सिंह, भवानी सिंह राठौड़, नाहर सिंह पाटवी, मेजर आरती सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। इस सम्मेलन के बारे में मोबाइल नंबर 9571684444 पर धर्मेन्द्र राठौड़ से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-06-2025)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment