Sunday, 29 June 2025
अशोक गहलोत के बयानों को कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व ही गंभीरता से नहीं लेता। संघ का स्वयंसेवक होने पर गर्व है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का पूर्व सीएम गहलोत को करारा जवाब।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों को कांग्रेस का प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व ही गंभीरता से नहीं लेता है। ऐसे में गहलोत के बयानों के कोई मायने नहीं है। मालम हो कि 28 जून को जोधपुर में गहलोत ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष देवनानी भी भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल है। इससे पहले गहलोत ने कहा था कि भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री के पद से हटाने का षडय़ंत्र हो रहा है। गहलोत के ऐसे बयानों पर 29 जून को देवनानी ने कहा कि गहलोत तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री और तीन बार केंद्र में मंत्री रहे है। लेकिन उनके ताजा बयानों से लगता है कि इन दिनों उनका मानसिक संतुलन सही नहीं है। चूंकि मैं संवैधानिक पद पर बैठा हूं, इसलिए राजनीतिक बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन इतना कह सकता हूं कि गहलोत के ऐसे बयानों से भाजपा में कोई मतभेद नहीं होंगे। गहलोत चाहते हैं कि भाजपा के नेताओं में आपसी दूरियाँ हो, लेकिन गहलोत अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में मुझे विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जो जिम्मेदारी दी है, उसे मैं पूरी संतुष्टि के साथ निभा रहा हूं । मैं अपनी मौजूदा भूमिका से संतुष्ट हूं । जहां तक मेरे संघ का स्वयंसेवक होने का सवाल है तो मुझे इस बात गर्व है कि मैं राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हंू। आरएसएस का कट्टर स्वयंसेवक बता कर अशोक गहलोत मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते। गहलोत को यह पता ही नहीं है कि सर्वसमाज में संघ का कितना महत्व और सम्मान है। गहलोत आए दिन संघ पर गैर जिम्मेदाराना बयान देते है। असल में गहलोत को संघ के बारे में समझ ही नहीं है।
गहलोत ने पूर्व में बताया था दावेदार:
अशोक गहलोत कांग्रेस शासन में जब मुख्यमंत्री थे, तब गहलोत भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में जिन भाजपा नेताओं का नाम गिनाते। उनमें वासुदेव देवनानी का नाम भी लेते थे। तब देवनानी भाजपा के विधायक थे। गहलोत का कहना था कि भाजपा में एक नहीं अनेक नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। अब जब देवनानी विधानसभा के अध्यक्ष बन गए है, तो गहलोत उन्हें मुख्यमंत्री की रेस में बता रहे है। गहलोत का प्रयास है कि देवनानी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच मतभेद हो। लेकिन देवनानी ने स्पष्ट कर दिया है कि गहलोत मतभेद करवाने में सफल नहीं होंगे।
देवनानी के नवाचारों की देश भर में चर्चा:
यहां यह उल्लेखनीय है कि देवनानी ने विधानसभा में जो नवाचार किए हैं उसकी चर्चा देशभर में हो रही है। देवनानी के प्रयासों से ही विधानसभा पेपर लैस हुई है, सभी विधायकों को आईपैड दिए गए हैं। अधिकांश विधायक सदन में इन आईपैड का उपयोग भी कर रहे हैं। विधायक सदन में जो भाषण देते हैं उसका वीडियो भी तत्काल ही विधायक को उपलब्ध करवाया जाता है। ताकि वह सोशल मीडिया पर अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बता सके। सदन में अधिकारियों की उपस्थिति भी अनिवार्य की गई है। विधायकों के सवालों के जवाब जल्द से जल्द आए इसके लिए रिकॉर्ड काम किया गया है। यहां तक कि गत कांग्रेस सरकार के शेष रहे सवालों के जवाब भी देवनानी ने अपने कार्यकाल में सरकार से मंगवाए हैं। इतना ही नहीं विधानसभा की वार्षिक डायरी भी सनातन कैलेंडर के अनुरूप जारी करवाई जा रही है। देवनानी 27 जून को ही फ्रांस और जर्मनी की यात्रा से लौटे हैं। देवनानी विधायी कार्यों का अध्ययन करने के लिए एक सप्ताह की विदेश यात्रा पर रहे। विदेश यात्रा से लौटने पर उनके निर्वाचन क्षेत्र अजमेर उत्तर में भव्य स्वागत समारोह हो रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (29-06-2025)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9166157932
To Contact- 9829071511
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment