Monday 15 November 2021

सहमति के बाद भी राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं हो रहा।तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना क्यों करते हैं सीएम अशोक गहलोत।

तीन नवंबर को जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर पांच रुपए और डीजल पर दस रुपए की एक्साइज ड्यूटी कम की तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रदेश में वैट घटाने पर सहमति जताई। लेकिन दो सप्ताह गुजर जाने के बाद भी राजस्थान में अभी तक वैट नहीं घटाया गया है। अब गहलोत आम जनता के गहराई से समझने की बात कर रहे है। गहलोत का तर्क है कि जब एक्साइज ड्यूटी कम होती है तो राज्य सरकार का वैट अपने आप कम हो जाता है। गहलोत तर्क दे रहे हैं कि ताजा एक्साइज ड्यूटी कम होने से राज्य सरकार को सालाना 18 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। सहमति के बाद भी सीएम गहलोत ऐसे ऐसे तर्क दे रहे हों, जो आम जनता के गले नहीं उतर रहा है। सवाल उठता है कि जब गहलोत के तर्कों में दम है तो फिर कांग्रेस शासित पंजाब में वैट क्यों घटाया गया? क्या एक्साइज ड्यूटी घटाने से पंजाब में वैट स्वत: ही कम नहीं हुआ? सवाल यह भी उठता है कि जब सीएम गहलोत पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं घटाने की जिद पर अड़े हुए हैं तो फिर कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना क्यों करते हैं? गहलोत का अक्सर आरोप होता है कि कृषि कानूनों पर पीएम मोदी एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन की परवाह नहीं कर रहे हैं। गहलोत का मानना है कि देश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसान एक वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं और सरकार सुन नहीं रही। कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन के बारे में तो अनेक तर्क-वितर्क हैं, लेकिन वैट घटाने पर तो सीएम गहलोत स्वयं सहमत हैं, लेकिन फिर भी राजस्थान में वैट कम नहीं हो रहा है। क्या यह अशोक गहलोत का जिद्दीपन नहीं है? यह माना कि हाल ही में दो विधानसभा उपचुनावों में गहलोत ने बड़ी चतुराई से भाजपा को तीसरे और चौथे नंबर पर खदेड़ दिया है, लेकिन गहलोत को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके कार्यकाल में हुए दो बार के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 56 और 21 सीटें मिली थीं। इतना ही नहीं गहलोत के मुख्यमंत्री रहते ही गत लोकसभा में चुनाव में प्रदेश में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की हार हुई। यहां तक कि जोधपुर से उनके पुत्र वैभव गहलोत भी चुनाव हार गए। इसलिए दो उपचुनावों की जीत पर जनता की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट वसूला जाता है, इसलिए पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल डीजल राजस्थान में बिक रहा है। धंधेबाज लोग पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल डीजल लाकर राजस्थान में बेच रहे हैं। इससे राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। गहलोत इस राजस्व नुकसा को भी नहीं समझ रहे हैं। राजस्थान के मुकाबले में पंजाब में तो पेट्रोल-डीजल 20 रुपए प्रति लीटर सस्ता है। यही वजह है कि पंजाब की सीमा से लगे राजस्थान के जिलों में पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं। धंधेबाज लोग पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात से पेट्रोल डीजल लाकर राजस्थान में बेच  कर लाखों रुपए कमा रहे हैं और गहलोत सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-11-2021)
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