भारत की सनातन संस्कृति के संरक्षक और महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानानंद जी महाराज ने कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद की सोच को भारत की सनातन संस्कृति के विपरीत बताया है। मालूम हो कि 15 नवंबर को एक समारोह में अय्यर ने कहा कि मुगल शासकों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार करने की बात सही नहीं है। यदि मुगल शासक अत्याचार करते तो हिन्दुओं की इतनी बड़ी आबादी नहीं होती। इसी प्रकार खुर्शीद ने अपनी पुस्तक में हिन्दुत्व की तुलना मुस्लिम चरमपंथी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम से की है। स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने कहा कि यदि मणिशंकर अय्यर का कथन सही है तो सवाल उठता है कि भारत के मंदिरों और प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों को नष्ट और तोडफ़ोड किसने की? सब जानते हैं कि विदेशी आक्रमणकारियों ने सनातन संस्कृति को कितना नुकसान पहुंचाया है। गुजरात के सोमनाथ के मंदिर को एक बार नहीं कई बार लूटा गया। आज भी अनेक धार्मिक स्थलों पर विदेशी आक्रमणकारियों के अत्याचारों के निशान है। जो अय्यर हिन्दू मुस्लिम आबादी के प्रतिशत का जो तर्क दे रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि 1947 में धर्म के आधार पर ही भारत वर्ष का विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया। मुगलों ने अपने कार्यकाल में जो किया, उसी का परिणाम रहा कि अंग्रेजों ने भारत के दो टुकड़े कर दिए। यदि मुगल इतने ही दयालु थे तो फिर विभाजन के समय हिंदुओं का कत्लेआम क्यों हुआ? स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने कहा कि यदि अय्यर को मुगलों से इतना ही प्रेम है तो उन्हें कुछ दिनों के लिए अफगानिस्तान और पाकिस्तान की यात्रा करनी चाहिए। यदि अय्यर यह मानते हैं कि मुगल शासकों ने हिन्दू संस्कृति का सम्मान किया तो अब यह बताया जाए कि अफगानिस्तान में शिया मस्जिदों में नमाज के समय बम विस्फोट कौन कर रहा है? इतिहास गवाह है कि 950 साल पहले कुछ लुटेरे भारत आए और यही बस गए। भारत को 650 वर्षों तक मुगलों की गुलामी सहनी पड़ी। स्वामी प्रज्ञानानंद जी ने सलमान खुर्शीद की सोच को भी सनातन संस्कृति के विपरीत बताया। स्वामी ने कहा कि दुनिया में सनातन संस्कृति ही ऐसी संस्कृति है जो सबको साथ लेकर चलने की सीख देती है। इसी संस्कृति में भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम हुए। राम ने कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। राम तो खुद छल के शिकार हुए। जिन भगवान राम ने पिता के वचन की खातिर 14 वर्ष वनवास में बिताए, उन राम के बनाए हिन्दुत्व की तुलना चरमपंथी संगठन आईएसआईएस से कैसे की जा सकती है? स्वामी जी ने कहा कि इन दिनों देश में सनातन संस्कृति को बदनाम करने का षडय़ंत्र चल रहा है। ऐसे लोगों को बाद में पछताना पड़ेगा। हम देख रहे हैं कि आज पाकिस्तान और अफगानिस्तान के क्या हालात हैं। इन देशों में आम आदमी का जीवन दूभर हो रहा हैै। भारत में जब तक सनातन संस्कृति मजबूत रहेगी तब तक समृद्धि होगी। यदि सनातन संस्कृति को कमजोर किया गया तो फिर भारत के हालात भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे हो जाएंगे। कश्मीर में जो टारगेट किलिंग हो रही है, उसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-11-2021)
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