Sunday 7 November 2021

राजस्थान में एक लीटर पेट्रोल पर मोदी सरकार को 27 रुपए 90 पैसे तथा गहलोत सरकार को 30 रुपए 51 पैसे टैक्स के रूप में मिल रहे हैं। लेकिन फिर भी सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राजस्थान में वैट कम नहीं होगा।यह धरियावद और वल्लभनगर के उपचुनाव जीतने का दंभ है।

7 नवंबर को राजस्थान में पेट्रोल 111 रुपए 10 पैसे प्रति लीटर बिका। इसमें से 27 रुपए 90 पैसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी तथा अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य की कांग्रेस सरकार को 30 रुपए 51 पैसे वैट के रूप में मिले। जबकि 3 रुपए 85 पैसे डीलर ने कमीशन के तौर पर प्राप्त किए। एक लीटर पेट्रोल की वास्तविक कीमत मात्र 48 रुपए 84 पैसे आंकी गई है। एक लीटर पेट्रोल पर 30 रुपए 51 पैसे टैक्स के रूप में वसूलने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राजस्थान में वैट में कमी नहीं की जाएगी। गहलोत का मानना है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए की जो एक्साइज ड्यूटी घटाई है उससे प्रदेश में एक रुपए 8 पैसे वैट अपने आप कम हो गया है। गहलोत का तर्क अपनी जगह है, लेकिन देश के 24 प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने एक्साइज ड्यूटी की तरह अपने प्रदेश में वैट में कमी की है। लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने वैट कम करने से साफ इंकार कर दिया है। सवाल उठता है कि आखिर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतना दंभ क्यों दिखा रहे हैं? असल में 2 नवंबर को आए धरियावद और वल्लभनगर के विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत हुई है। इस जीत का पूरा श्रेय गहलोत को मिल रहा है। गहलोत के लिए यह दोहरी कामयाबी है कि प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के प्रचार के बगैर ही गहलोत ने दोनों उपचुनाव जीत लिए हैं। ऐसे में गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी और जनता में चुनौती देने वाला कोई नहीं है। जब किसी नेता को चुनाव में सफलता मिलती है तो उसका दंभ सातवें आसमान पर होता है। गहलोत को फिलहाल इस बात की कोई चिंता नहीं है कि एक्साइज ड्यूटी के बाद वैट कम नहीं करने से जनता के बीच क्या संदेश जाएगा? जनता जब उपचुनाव में भाजपा को तीसरे और चौथे नंबर पर धकेल रही है तो सीएम गहलोत का दंभ देखने को मिलेगा ही। कहावत भी है कि जब अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता। सीएम गहलोत का दंभ तब है, जब संपूर्ण देश में सबसे महंगा पेट्रोल डीजल राजस्थान में बिक रहा है। वैट वसूली की जो स्थिति पेट्रोल पर है, वह डीजल पर भी है। गहलोत सरकार पेट्रोल पर 36 प्रतिशत तथा डीजल पर 26 प्रतिशत वैट वसूलती है। जो देश में सबसे ज्यादा है। राजस्थान में पेट्रोल डीजल की कीमत अधिक होने के कारण बड़े उपभोक्ता पड़ोसी राज्य हरियाणा, दिल्ली, गुजरात से पेट्रोल डीजल खरीद कर लाते हैं। कुछ लोगों ने तो इसे अपना कारोबार ही बना लिया है। हालांकि वैट घटाने पर गहलोत पर चौतरफा दबाव है, लेकिन फिलहाल यह दबाव काम नहीं आ रहा है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (07-11-2021)
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