Monday 29 November 2021

अखबार में विज्ञापन देकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पूनिया के खिलाफ टिप्पणी करने से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अजमेर दौरा विवादों में।भाजपा संगठन राजे के दौरे को लेकर प्रदेश नेतृत्व को रिपोर्ट भी भेजेगा।

अजमेर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष और नसीराबाद से भाजपा विधायक रामस्वरूप लांबा के समर्थक माने जाने वाले गणेश चौधरी द्वारा एक अखबार में विज्ञापन देकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणी करने से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अजमेर दौरा विवादों में आ गया है। गंभीर बात यह है कि गणेश चौधरी अपने विज्ञापन पर कायम हैं। चौधरी ने यह विज्ञापन 26 नवंबर को वसुंधरा राजे के अजमेर आगमन पर दिया। इस विज्ञापन में सतीश पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाकर वसुंधरा राजे को भाजपा की कमान सौंपने की मांग की गई। चौधरी ने कहा कि राजस्थान में वसुंधरा राजे भाजपा को जीत दिलवा सकती है। चौधरी ने बताया कि वे वर्ष 2010 से 2012 तक अजमेर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे। पदभार संभालने पर बैंक 10 करोड़ रुपए के घाटे में था, लेकिन उन्होंने दो करोड़ रुपए के मुनाफे में बैंक को ला दिया। चौधरी ने माना कि भूमि से जुड़े धोखाधड़ी के एक प्रकरण में उन्हें छह माह तक अजमेर की सेंट्रल जेल में भी रहना पड़ा था। राजनीतिक कारणों के कारण  उन पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया। ऐसे और भी मुकदमें उन पर हुए हैं। राजनीति में ऐसा चलता रहता है, लेकिन वे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को अपना नेता मानते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार गणेश चौधरी के विज्ञापन को भाजपा संगठन ने गंभीरता से लिया है। राजे के अजमेर दौरे में ऐसे कार्यकर्ता भी सक्रिय रहे, जिन पर अनुशासनहीनता की कार्यवाही हुई है। यही वजह है कि अब राजे के अजमेर दौरे को लेकर भाजपा संगठन एक रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को भेजेगा। इस रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर पोस्ट फोटोज और अखबारों में छपी खबरों का समावेश भी किया जाएगा। हालांकि राजे ने अपने दौरे को शोक संतप्त परिवारों के संवेदना प्रकट करने वाला बताया था, लेकिन समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया। जिन भाजपा नेताओं ने वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए राजनीतिक लाभ प्राप्त किया, उन्होंने राजे का जगह जगह शानदार स्वागत किया। इसलिए राजे के दौरे को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। राजे इससे पहले भी अपने जन्म दिन पर शक्ति प्रदर्शन कर चुकी हैं।
राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देशों की अवहेलना:
प्राप्त जानकारी के अनुसार वसुंधरा राजे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की लगातार अवहेलना कर रही हैं। राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना रखा है, लेकिन राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय नहीं है। राजे की रुचि राजस्थान की राजनीति में है। राजे दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, लेकिन वे दोनों बार भाजपा की सरकार रिपीट नहीं करवा सकी। यानी राजे जब जब भी मुख्यमंत्री बनी तब तब भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। राजस्थान में गत 25 वर्षों से एक बार भाजपा और कांग्रेस सरकार बनने की परंपरा रही है। राजे को पता है कि इस बार भाजपा की बारी है, इसलिए वे चुनाव से पूर्व सक्रिय हो गई है। कभी जन्मदिन के बहाने तो कभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करने की आड़ में। शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। राजे केंद्रीय मंत्री और 10 वर्ष तक मुख्यमंत्री रही हैं, इसलिए भाजपा में समर्थकों की भरमार है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-11-2021)
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