Sunday 7 November 2021

केदारनाथ से संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्कर तीर्थ का नाम तक नहीं लिया। धरा रह गया सांसद चौधरी का नोट।पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत ने पीएम के द्वारा वर्चुअल संवाद का दावा किया था। शंकराचार्य जी की प्रतिमा पिछले पांच वर्ष से कमरे में बंद पड़ी है।ब्रह्मा मंदिर की मरम्मत के लिए एनआरआई प्रेम भंडारी ने एक लाख रुपए देने की घोषणा की। अमरीका में पढ़ा प्रेम भंडारी ने ब्लॉग।

5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ तीर्थ से जब शंकराचार्य की प्रतिमा के लोकार्पण पर संबोधन किया, तब पुष्कर तीर्थ का नाम तक नहीं लिया। जबकि पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत ने दावा किया था कि पीएम मोदी पुष्कर वासियों से वर्चुअल संवाद करेंगे। इसके लिए पुष्कर में जगह जगह होर्डिंग भी लगाए गए थे। चूंकि प्रधानमंत्री के पुष्कर से जुड़ने का कार्यक्रम था, इसलिए 5 नवंबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद भागीरथ चौधरी, अनेक विधायक और भाजपा वरिष्ठ पदाधिकारी पुष्कर में उपस्थित रहे। विधायक रावत की ओर से मंदिर चौक में बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई। बड़ी संख्या में पुष्कर के लोग भी उपस्थित रहे, लेकिन अपने पूरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने पुष्कर तीर्थ का नाम तक नहीं लिया, ऐसी स्थिति में वर्चुअल संवाद का दावा तो धरा रह गया। आमतौर पर जब पीएम मोदी किसी शहर या विशेष स्थान से जुड़ते हैं तो उसका उल्लेख अवश्य करते हैं। पीएम को सब पता होता है कि उन्हें सुनने वाले लोग कौन हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि 5 नवंबर के कार्यक्रम के दौरान पुष्कर तीर्थ भी जुड़ रहा है, इसकी जानकारी पीएम मोदी को नहीं थी। यदि जानकारी होती तो वे अपने संबोधन में सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का उल्लेख अवश्य करते। असल में जिन शंकराचार्य जी की प्रतिमा का लोकार्पण पीएम ने केदारनाथ में किया, उन्हीं शंकराचार्य जी की गद्दी पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में भी स्थापित हैं। यदि प्रधानमंत्री का भाषण टीवी पर सुनना था तो फिर प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया जयपुर और सांसद भागीरथ चौधरी किशनगढ़ में अपने निवास पर ही सुन लेते। पुष्कर वासियों को भी उम्मीद थी कि जब पीएम मोदी वर्चुअल संवाद करेंगे तो पुष्कर की समस्याएं भी बताई जाएगी, लेकिन पुष्कर को केदारनाथ से जोड़ने की ब्रह्मा मंदिर पर कोई व्यवस्था नहीं थी। सवाल उठता है कि जब पुष्कर को केदरनाथ से जुडऩे का कोई प्रोग्राम या तकनीक ही नहीं थी, तो फिर झूठा दावा क्यों किया गया? आखिर प्रधानमंत्री की आड़ में कौन अपनी नेतागिरी चमका रहा है? क्या यह पुष्कर वासियों के साथ धोखेबाजी नहीं है?
कमरे में बंद है शंकराचार्य जी की प्रतिमा:
पुष्कर के सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने कहा कि प्रधानमंत्री पुष्कर वासियों के साथ वर्चुअल संवाद करेंगे इसे देखते हुए ही वे स्वयं भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। लेकिन पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पुष्कर का नाम तक नहीं लिया। पाराशर ने बताया कि जिन शंकराचार्य जी की प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने किया उन्हीं शंकराचार्य की प्रतिमा ब्रह्मा मंदिर के महंत के कक्ष में पिछले पांच वर्ष से बंद पड़ी है। भाजपा के पिछले शासन में ही ब्रह्मा मंदिर को राज्य सरकार ने अपने अधीन लिया था और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रबंध कमेटी का गठन किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सांसद भागीरथ चौधरी को भी वर्चुअल संवाद की उम्मीद थी, इसलिए वे एक नोट बनाकर लाए थे। लेकिन संवाद नहीं होने की वजह से यह नोट धरा रह गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर जब पुष्कर के लोगों ने सांसद के समक्ष पुष्कर की समस्याओं को उठाया तो उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी नोट बनाकर लाए थे। बाद में अपने नोट को सांसद चौधरी पुष्कर के तीर्थ पुरोहितों को थमा गए।
एक लाख रुपए की मदद:
सब जानते हैं कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का एक मात्र मंदिर पुष्कर तीर्थ में ही है। चूंकि ब्रह्माजी ने पुष्कर में ही यज्ञ किया था, इसलिए पुष्कर सरोवर का धार्मिक महत्व है। श्रद्धालु पवित्र सरोवर में स्नान कर मंदिर में ब्रह्माजी के दर्शन करते हैं, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि ब्रह्माजी का मंदिर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। दीवारें जर्जर हैं तो छत से बरसात का पानी टपकता है। मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने अजमेर के जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को मंदिर की दुर्दशा की जानकारी दी है, लेकिन मंदिर भवन की परंपरा तक कार्य नहीं हो रहा है। मंदिर की दुर्दशा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुष्कर से जुड़ने के कार्यक्रम को लेकर मैंने 3 नवंबर को ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग को अमरीका में राजस्थान मूल के प्रेस भंडारी ने पढ़ा। भंडारी ने भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर मुझे फोन किया और ब्रह्मा मंदिर की मरम्मत के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की। भंडारी ने कहा कि यदि एक करोड रुपए की भी जरूरत होगी तो उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि ब्रह्मा मंदिर की दीवारें जर्जर हैं और छत से पानी टपकता है। प्रेम भंडारी राजस्थान के हैं और राजस्ािान के अनेक सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। वे अमरीका में राजस्थानी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम भी करवाते रहते हैं। भंडारी ने मुझे बताया कि वे प्रतिदिन मेरे ब्लॉग पढ़ते हैं। राजस्थान मूल के अमेरिकियों के अनेक वाट्सएप ग्रुप में मेरे ब्लॉग पढ़े जाते हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (06-11-2021)
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