Saturday 25 December 2021

किसान आंदोलन की आड़ में सक्रिय हुए थे खालिस्तान के समर्थक। अब पंजाब को भुगतना पड़ रहा है।आखिर हालात बिगाड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है? राजनेताओं को देशहित में भी सोचना चाहिए।

पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए बम विस्फोट में 25 दिसंबर को चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। 23 दिसंबर को हुए विस्फोट में गगनदीप नाम का जो व्यक्ति मारा गया, वही बम को प्लांट कर रहा था। गगनदीप पंजाब पुलिस का बर्खास्त हैड कांस्टेबल तो है ही साथ खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी लिंक है। यह समूह पाकिस्तान से हैंडिल होता है। यानी लुधियाना बम ब्लास्ट एक सोची समझी साजिश है। 24 दिसंबर  को ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि कपूरथला गुरुद्वारे में बेअदबी नहीं हुई थी। यहां एक युवक की मौत के मामले में गुरुद्वारे से जुड़े एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब में इन दिनों जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसका खामियाजा चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को ही उठाना पड़ रहा है। चन्नी इस समय चारों तरफ से घिरे हुए है। सब जानते हैं कि किसान आंदोलन को सबसे ज्यादा हवा कांग्रेस ने ही दी थी। जब सुरक्षा एजेंसियों ने किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों के घुसपैठ की बात कही तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से कहा गया कि किसानों को खालिस्तानी बताया जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर नेशनल हाईवे पर पक्के मकान बनाकर कब्जा करने वाले सभी लोगों को विपक्षी दल किसान मान रहे थे। सब जानते हैं कि गत 26 जनवरी को भी अराजकतत्वों ने किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली के लाल किले पर उपद्रव किया था। तब कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ऐसे किसानों की हौसला अफजाई कर रहे थे। तब विपक्षी दलों ने अराजकतत्वों की निंदा नहीं की। गांधी परिवार और विपक्षी दल माने या नहीं, लेकिन किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान के समर्थक सक्रिय रहे। तब भले ही कांग्रेस ने ऐसे तत्वों को केंद्र सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया, लेकिन आज वो ही तत्व पंजाब में चरण जीत सिंह चन्नी की सरकार के लिए मुसीबत बने हुए हैं। यह तब हो रहा है जब पंजाब में तीन माह बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव में हर राजनीतिक दल अपनी अपनी ढपली बजा रहा है और खालिस्तान के समर्थक बम विस्फोट कर रहे हैं। यदि सत्ता के लालची नेताओं का यही रवैया रहा तो अराजकतत्व चुनाव में अपनी स्थिति और मजबूत कर लेंगे। पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करवाने में कांग्रेस ने तो बड़ी कीमत चुकाई है। यदि अब कांग्रेस गंभीरता नहीं दिखाएगी तो पंजाब के हालात और बिगड़ेंगे। राजनीतिक दलों की यह जिम्मेदारी है कि वह चुनाव से ज्यादा पंजाब में अमन चैन को महत्त्व दें। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के हालात पूरी ईमानदारी के साथ देश के सामने रखने चाहिए। राजनीति की वजह से चन्नी को ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे देश कमजोर होता हो। 

S.P.MITTAL BLOGGER (25-12-2021)
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