Sunday 26 December 2021

राहुल जी! राजस्थान में वैक्सीन की पहली ओर दूसरी डोज लगवाने का इंतजाम तो करवाये।आखिर नाइट कफ्र्यू को प्रभावी कब बनवायेंगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। पड़ोसी राज्यों के लाखों लोग नववर्ष का जश्र मनाने के लिए राजस्थान आ गए है। क्या इससे कोराना का संकम्रण नहीं फैलेगा?

कांग्रेस के राष्ट़्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने कहा है कि बच्चों को नहली ओर वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना की बूस्टर डोज देने का निर्णय केन्द्र की मोदी सरकार ने उनकी सलाह पर लिया है। 26 दिसम्बर को राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया। विपक्ष में होने के कारण राहुल गांधी हमेशा ही मोदी सरकार की आलोचना करते है, लेकिन यह अच्छी बात है कि 26 दिसम्बर को वैक्सीन के मामले में राहुल गांधी ने मोदी सरकार की सराहना की है। 25 दिसम्बर को रात क ो दस बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो घोषणा की उसके अनुरूप देश में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष वाले बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगना शुरू हरे लाएगी। इसी प्रकार 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वक र्स को भी प्रीकाशन डोज तथा 60 वर्ष से अधिक नागरिकों को डाक्टर की सलाह पर वैक्सीन की तीसरी डोज लगेगी। मोदी सरकार ने भले ही यह निर्णय राहुल गांधी की सलाह पर लिया हो लेकिन इससे कोरोना के नए वैरिएंट को रोकने में मदद मिलेगी। सब जानते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेत़त्व में कांग्रेस की सरकारचल रही है। लेकिन वैक्सीनेशन के मामले में राजस्थान बहुत पिछड़ा हुआ है। लाखों लोगों को पहली डोज भी नहीं लगी है तथा लाखें लोग नहली डोज लगवाने के बाद गयाब हो गए है। चिकित्सा वैज्ञानिकों का मानना है कि 45 दिन के अंतराल में दूसरी डोज नहीं लगवाने पर पहली डोज बेअसर हो जाती है। यानि राजस्थान में वैक्सीन नहीं लगवाने वालों की संख्या ओर बढ़ गई। वैक्सीन नहीं लगवाने वालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुस्से में है। जुर्माना तक लगााने की धमकी दी गई है। अच्छा हो कि राहुल गांधी राजस्थान में वैक्सीनेशन को प्रभावी बनाने के लिए ही गहलोत सरकार को ही सुझाव दे। कांग्रेस शासित राजस्थान में जब लोग पहली डोज ही नहीं लगवा रहै है, तब बूस्टर डोज के कोई मायने नहीं है।
नववर्ष का जश्न
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजस्थान के सभी पड़ौसी राज्यों ने नाइट कफर्यू लगने से हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि में नववर्ष के जश्र पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे में इन राज्यों के लाखों लोग नववर्ष का जश्न मनाने के लिए राजस्थान आ गये है। यही वजह है कि राजस्थान के सभी होटल रिसोर्ट आदि फुल हो गए है। एक ओर राजस्थान में वैक्सीनेशन का काम धीमा है वही लाखों लोगों के बाहर से आ जाने के कारण कोरोना संकम्रण का खतरा बढ़ गया है। सीएम अशोक गहलोत ने 23 दिसम्बर को मौजूदा हालातों पर चिकित्सकों के साथ विचार विमर्श भी किया था। तब गहलोत ने कहा कि राजस्थान में नाइट कफर्यू पहले से ही लगा हुआ है। सरकार को सख्ती बरतने के आदेश देने है। सवाल उठता है कि अभी तक भीसख्ती बरतने के आदेश क्यों नहीं दिए गए है? क्या सरकार खुद संकम्रण को आंमत्रित कर रही है? सरकार के लिए नववर्ष का जश्न ज्यादा जरूरी है? अच्छा हो कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द नाइट कफर्यू को प्रभावी बनाया जायें।

S.P.MITTAL BLOGGER (26-12-2021)
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