Thursday 2 December 2021

राजस्थान के बेरोजगारों को लखनऊ से भगाने के लिए कांग्रेस रोजाना नए हथकंडे अपना रही है। अब टायलेट वाले स्थान पर प्रियंका और भगवान की तस्वीर रखीं।आखिर प्रियंका गांधी कांग्रेस शासित प्रदेश के बेरोजगारों से मुलाकात क्यों नहीं कर रही हैं? क्या सीएम अशोक गहलोत के नाराज होने का डर है?

2 दिसंबर को लगातार छठा दिन रहा, जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कड़कड़ाती सर्दी में राजस्थान के सैकड़ों बेरोजगार युवक युवतियां बैठे हुए हैं। बेरोजगारों का धरना लखनऊ के कांग्रेस कार्यालय के बाहर दिया जा रहा है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि लखनऊ में हमारी मांग सिर्फ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मिलने की है। हम प्रियंका गांधी को राजस्थान के बेरोजगारों की स्थिति से अवगत करवाना चाहते हैं। गहलोत सरकार ने पूर्व में जो समझौता किया था, उस पर अभी तक अमल नहीं किया है। यादव का आरोप है कि एक ओर हमें प्रियंका गांधी से मिलने नहीं दिया जा रहा, तो दूसरी ओर लखनऊ से भगाने के लिए रोजाना नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। चूंकि कांग्रेस कार्यालय के आसपास कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं है, इसलिए युवक कार्यालय के निकट ही एक सुरक्षित स्थान का उपयोग मूत्रालय के तौर पर करते हैं, लेकिन 2 दिसंबर को इस स्थान पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी के फोटो वाले बैनर और भगवान की मूर्ति लाकर रख दी, ताकि बेरोजगारों को बदनाम किया जा सके। इससे पहले एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं  ने समानांतर धरना लगा कर हमें भगाने का प्रयास किया। यादव ने कहा कि कांग्रेस के ऐसे हथकंडों से हम भागने वाले नहीं है। प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद ही हम लखनऊ से हटेंगे। यादव ने बताया कि धरने में लड़कियां भी शामिल हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में बेरोजगार कितने बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
आखिर प्रियंका क्यों नहीं मिल रही?:
सवाल उठता है कि प्रियंका गांधी राजस्थान के बेरोजगार से क्यों नहीं मिल रही हैं? जबकि धरने पर बड़ी संख्या में युवतियां भी शामिल हैं। यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी ने खुद नारा दिया है, मैं लड़की हूं, लड़ सकती हंू। लेकिन अफसोस की बात है कि प्रियंका गांधी धरने पर बैठी लड़कियों से भी नहीं मिल रही हैं, जबकि ऐसे बेरोजगार कांग्रेस शासित राजस्थान से ही आए हैं। हाल ही में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में प्रियंका गांधी की सक्रिय भूमिका रही। राहुल गांधी जब 20 दिनों के लिए विदेश में थे, तब प्रियंका ने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मुलाकात कर सुलह का रास्ता निकाला। सवाल उठता है कि क्या प्रियंका गांधी की मुलाकात से सीएम अशोक गहलोत नाराज हो जाएंगे? गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि लखनऊ में धरना देने से कुछ नहीं होगा। यह बात अलग है कि बेरोजगारों का धरना जयपुर में भी पिछले 50 दिनों से चल रहा है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (02-12-2021)
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