सत्र न्यायाधीश स्तर के न्यायिक अधिकारी शक्तिसिंह शेखावत ने अब दिल्ली स्थित राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (मुख्यालय) का पद संभाल लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान से संबंधित प्रकरणों में हाईकोर्ट का यह न्यायिक पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। शेखावत इससे पहले अजमेर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रहे। एडीजे स्तर के अधिकारी शेखावत ने अजमेर में रहते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रभावी पहचान दिलवाई। आम लोगों को कानून और उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाए तथा लोक अदालत के माध्यम से आपसी सहमति से प्रकरणों का निपटारा भी करवाया। वर्षों पुराने तलाक के मामलों पति-पत्नी के बीच राजीनामा भी करवाया। आज कई परिवार खुशी के साथ रह रहे हैं। जन समस्याओं के निराकरण में भी प्राधिकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई शिकायतों का तो स्थायी लोक अदालत के माध्यम से निपटारा करवाया तथा अनेक शिकायतों के संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे। विधिक सेवा प्राधिकरण के पत्रों को संबंधित अधिकारियों ने भी गंभीरता के साथ लिया। इस मामले में शेखावत की साफ-सुथरी और प्रभावी छवि काम आई। शेखावत ने लगातार सक्रियता से पुलिस थानों पर रिपोर्ट ही लिखें के मामले भी आने लगे। इसे शेखावत की संवेदनशीलता ही कहा जाएगा कि प्राधिकरण में आने वाली हर शिकायत को गंभीरता के साथ देखा गया। जिला और पुलिस प्रशासन के साथ अच्छे संबंध होने के कारण ही प्राधिकरण का तालमेल बना रहा। प्रशासन ने भी प्राधिकरण के काम-काज को सफल बनाने में सक्रियता दिखाई। ग्रामीण क्षेत्रों में विधिक शिविर लगाने में प्राधिकरण को प्रशासन को पूरा सहयोग मिला। इसमें कोई दो राय नहीं की शेखावत ने अपने ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में अजमेर जिला विधिक एवं प्राधिकरण की प्रभावी पहचान बनाई। प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायधीश होते हैं। शेखावत को अपने कार्यकाल में अध्यक्ष का भी पूरा सहयोग मिला।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-03-2021)
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