Friday 26 March 2021

राजस्थान के फोन टेपिंग मामले की जाँच अब दिल्ली पुलिस करेगी।केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई।बढ़ सकती है राजस्थान पुलिस की मुसीबत, कोर्न टेपिंग के आधार पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और पुलिस जिस फोन टेपिंग मामले को साधारण समझ रही थी। वह फोन टेपिंग का मामला अब सरकार और पुलिस के लिए मुसीबत बन सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जल कृषि मंत्री और जोधपुर के सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड़ स्थित पुलिस स्टेशन पर एफआईआर दर्ज करवा दी है। जानकारी के अनुसार शेखावत ने अपने शिकायत में राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल द्वारा विधानसभा में दिये गये बयान को आधार बनाया है। धारीवाल ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि गत वर्ष जुलाई माह में पुलिस इंस्पेक्टर विजय कुमार राय ने ब्यावर, अजमेर के भरत मालानी और जोधपुर के अशोक सिंह दोनो के फोन टेप किए थे। उस फोन टेपिंग से पता चला कि राज्य में सरकार गिराने की साजिश हो रही है। धारीवाल ने यह भी स्वीकार किया कि फोन टेपिंग का ऑडियो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश सिंह ने वायरल किया। इसी आधार पर सरकार के मुख्य संचेतक महेश जोशी ने राजद्रोह के 3 मुकदमें दर्ज करवाए। एक मुकदमा फोन टेप करने वाले इंस्पेक्टर विजय कुमार ने दर्ज करवाया। इन मुकदमों के आधार पर ही राजस्थान पुलिस गत वर्ष जुलाई और अगस्त माह में विधायकों और केन्द्रीय मंत्री शेखावत से पूछताछ करने के लिए दिल्ली तक गई। धारीवाल ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि सरकार ने किसी भी विधायक अथवा केन्द्रीय मंत्री का फोन टेप नहीं करवाया। लेकिन जिन दो व्यक्तियों के फोन नियमानुसार टेप किये गये उनकी बातचीत से कई लोगों के नाम सामने आये। धारीवाल का यह भी कहना रहा कि अशोक सिंह और भरत मालानी के फोन अवैध हथियारों और विस्फोटकों सामग्री की तस्करी की जानकारी लेने के लिए किए गए थे, लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली तो मुकदमों में एफआर लगा दी गई। असल में फोन टेपिंग मामले को गहलोत सरकार और राजस्थान पुलिस जितना सरल समझ रही थी उतना मामला अब सरल नहीं रहा है। सू्त्रों के अनुसार केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने दिल्ली पुलिस को जो सबूत दिए हैं उसमें आधार पर मामला बहुत गंभीर हो गया है। सवाल यह भी है कि भरत मालानी और अशोक सिंह क्या विस्फोटक प्रदार्थ और अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़े हुए थे, क्या 2 व्यक्तियों की आपसी बातचीत को राजद्रोह माला जा सकता है? पूरा प्रदेश जानता है कि इन मुकदमों के आधार पर ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और कांग्रेस के विधायकों को नोटिस तक जारी किए गए थे। 
S.P.MITTAL BLOGGER (26-03-2021)
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