Monday 21 March 2022

राजस्थान में इस बार राज्यसभा का चुनाव रोचक होगा। चार में दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा की जीत तय, लेकिन चौथी सीट के लिए 13 निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की बल्ले बल्ले।ओम प्रकाश माथुर, जेके अल्फोंस, राजकुमार वर्मा तथा हर्षवर्धन डूंगरपुर सभी भाजपा का कार्यकाल जुलाई में समाप्त।भाजपा क्या ओंकार सिंह लखावत को उम्मीदवार बनाएगी?वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल की भी नजर। पूर्व सांसद बद्री जाखड़ के लिए खून से लिखा पत्र।

राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए जुलाई में चुनाव होने हैं। 6 साल पहले 200 में से भाजपा के 162 विधायक थे, इसलिए भाजपा उम्मीदवार ओम प्रकाश माथुर, जेके अल्फोंस, राजकुमार वर्मा तथा हर्षवर्धन डूंगरपुर का निर्विरोध चुनाव हो गया। भाजपा के पास मात्र 21 विधायक थे, इसलिए कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़ा करने की हिम्मत ही नहीं दिखाई, लेकिन इस बार कांग्रेस के 108 विधायक अपने हैं, इसलिए कांग्रेस के दो उम्मीदवारों की जीत तय है। एक उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 42 वोट चाहिए। भाजपा के 70 विधायक हैं, इसलिए एक उम्मीदवार आसानी से भाजपा का भी जीत जाएगा। चौथी सीट के लिए राजनीतिक घमासान तय है। हालांकि 13 निर्दलीय,दो बीटीपी, एक कम्युनिस्ट, एक आरएलडी विधायक अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन ऐसे विधायकों की ख्वाहिश है कि चौथे उम्मीदवार के तौर पर कोई बड़ा उद्योगपति आ जाए। निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों के वोट कैसे प्राप्त किए जाते हैं। यह उद्योगपति को पता होता है। हालांकि चौथे उम्मीदवार की जीत में भाजपा के शेष 20-30 विधायकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जानकारों की मानें तो चौथे उम्मीदवार की जीत के लिए सीएम गहलोत सक्रिय नहीं होंगे। उन्होंने निर्दलीय विधायकों का मूड भांप लिया है। एक भी निर्दलीय विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को सलाहकार बनाया गया है, लेकिन संयम लोढ़ा विधानसभा में ही गहलोत सरकार की आलोचना करते हैं। निर्दलीय विधायक भी नहीं चाहते हैं कि चौथे उम्मीदवार में सीएम गहलोत की कोई भूमिका हो। वैसे भी जुलाई 20 में सरकार बचाने वाले विधायकों को मुख्यमंत्री गहलोत ब्याज सहित भरपाई कर रहे हैं। चौथे उम्मीदवार पर रोचक स्थिति को देखते हुए कई उद्योगपतियों ने राजस्थान पर नजर लगा रखी है। इनमें वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल प्रमुख है। अग्रवाल ऐसे उद्योगपति हैं जिनके संबंध भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं के साथ हैं। सीएम गहलोत के पास तो अग्रवाल की सीध एप्रोच है। अग्रवाल समय पर गहलोत से मिलते भी रहते हैं। चूंकि वेदांता समूह की खाने राजस्थान में सबसे ज्यादा है, इसलिए अनिल अग्रवाल की ओर से प्रदेश के अनेक विधायकों को होली, दीपावली के महंगे गिफ्ट भी भेजे जाते हैं। कई निर्दलीय विधायक भी सीधे अनिल अग्रवाल के संपर्क में है। अनिल अग्रवाल जैसे उद्योगपति के लिए चौथी सीट जीतना आसान होगा।
 
क्या लखावत को उम्मीदवार बनाया जाएगा?:
ओंकार सिंह लखावत राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। लखावत पूर्व में तीन वर्ष के लिए राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। गत वर्ष हुए तीन सीटों के चुनाव में भाजपा की ओर से चौथे उम्मीदवार के तौर पर लखावत को मैदान में उतारा गया था, हालांकि उम्मीदवारी के समय ही पता था कि लखावत चुनाव नहीं जीत पाएंगे। लेकिन लखावत ने पार्टी का आदेश मानते हुए नामांकन दाखिल किया। भाजपा के राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल है कि क्या लखावत को जीतने वाली एक सीट के लिए उम्मीदवार बनाया जाएगा? राजनीति में लखावत की छवि साफ सुथरी रही है। भाजपा के दो बार के कार्यकाल में राजस्थान धरोहर एवं संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए लखावत ने प्रदेश भर के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया। जिन ऐतिहासिक स्थलों की वर्षों से अनदेखी हो रही थी, उन्हें लखावत ने जीर्णोद्धार कर मुख्यधारा में लाए। धार्मिक स्थल के परिसरों में संग्रहालय भी बनाए गए ताकि संबंधित धार्मिक स्थल के इतिहास को हमेशा याद रखा जाए।
 
खून से पत्र लिखा:
पाली के पूर्व सांसद डॉ. बद्री जाखड़ को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने के लिए उनके समर्थक डॉ. यशपाल सिंह कुमावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खून से पत्र लिखा है। कुमावत का कहना है कि मौजूदा समय में कांग्रेस में बद्री जाखड़ ही राज्यसभा के लिए सबसे उपयुक्त नेता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-03-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment