राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिवार को बड़ी राहत मिली है। विगत दिनों महाराष्ट्र नासिक के कारोबारी सुशील पाटिल ने गंगापुर थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस एफआईआर में आरोप लगाया कि गुजरात कांग्रेस के सचिव सचिन बालेरा ने धोखा देकर 6 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि ले ली। बालेरा ने यह राशि विभिन्न बैंक खातों से ली। पाटिल ने बालेरा के साथ 14 अन्य व्यक्तियों के नाम भी एफआईआर में लिखे। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत का नाम भी शामिल था। हालांकि एफआईआर में वैभव गहलोत को पैसे देने के कोई सबूत नहीं बताए गए, लेकिन शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी सचिन बालेरा के गहलोत परिवार से पारिवारिक संबंध है। ऐसे संबंधों को देखते हुए उन्होंने बालेरा को 6 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान समय समय पर किया। लेकिन अब शिकायतकर्ता पाटिल ने पुलिस से आग्रह किया है कि वैभव गहलोत का नाम एफआईआर में से डिलीट कर दिया जाए। उन्होंने गलतफहमी की वजह से वैभव गहलोत का नाम लिखवा दिया था। उल्लेखनीय है कि एफआईआर के बाद विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। भाजपा के नेताओं ने इस मामले में मुख्यमंत्री गहलोत से स्पष्टीकरण देने की मांग की थी। लेकिन गहलोत ने इस पूरे प्रकरण पर कोई टिप्पणी नहीं की। अलबत्ता वैभव गहलोत का कहना रहा कि यह सब राजनीतिक कारणों से हो रहा है। चूंकि चुनाव आने वाले है इसलिए ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। अब जब शिकायतकर्ता ने वैभव गहलोत का नाम हटाने के लिए पुलिस से आग्रह किया है, तब गहलोत परिवार को बड़ी राहत मिली है। इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मुख्य आरोपी सचिन बालेरा सीएम अशोक गहलोत के परिवार के साथ खड़े हैं। वायरल होने वाले फोटो से प्रतीत होता है कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सचिन बालेरा के साथ गहलोत परिवार से अच्छे संबंध रहे हैं। यहां यह भी उल्लेख है कि महाराष्ट्र के पर्यटन विकास निगम में ई-टॉयलेट बनाने के नाम पर बालेरा ने सुशील पाटिल से राशि प्राप्त की थी।
शिकायतकर्ता पर दबाव :
राजस्थान में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता सुशील पाटिल पर दबाव है। इसलिए पाटिल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का नाम हटाने के लिए पुलिस से आग्रह किया है। कटारिया ने कहा कि सुशील पाटिल अब कह रहे हैं कि गलती से नाम लिखा गया। जबकि सच्चाई यह है कि पाटिल ने अदालत में जो इस्तगासा प्रस्तुत किया उसमें वैभव गहलोत का नाम भी लिखा है। कटारिया ने कहा कि निसंदेह सुशील पाटिल पर राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकार का दबाव है। महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार कांग्रेस के समर्थन से ही चल रही है।
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