Wednesday 9 March 2022

जयपुर की 15 लाख की और आबादी बीसलपुर बांध से जुड़ेगी। तीन क्षेत्रों में उच्च जलाशय बनाने और पाइप लाइन बिछाने के लिए 900 करोड़ की योजना।अजमेर जिले की कुल सात लाख की आबादी को मिल रहा है दो और तीन दिन में एक बार पानी।क्या अजमेर के जनप्रतिनिधि एकजुट होकर रोजाना पेयजल सप्लाई के प्रयास करेंगे?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही के अपने बजट भाषण में घोषणा की है कि अगले 30 माह में जयपुर जिले की और 15 लाख की आबादी को बीसलपुर बांध से जोड़ दिया जाएगा। जयपुर के पीआरएन, खो नागोरियन और जगतपुरा क्षेत्रों में उच्च जलाशय बनाने तथा पाइप लाइन बिछाने के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। जयपुर की 15 लाख की और आजादी को तब जोड़ा जा रहा है, जब जयपुर में पहले से ही करीब 20 लाख लोग बीसलपुर बांध का पानी पी रहे हैं। यानी आने वाले दिनों में जयपुर के 35 लाख लोगों की प्यास बीसलपुर बांध बुझाएगा। जयपुर की कुल आबादी मौजूदा समय में 40 लाख मानी जा रही है। यानी जयपुर जिले की अधिकांश आबादी टोंक जिले में बनास नदी पर बने बीसलपुर बांध पर निर्भर रहेगी। सब जानते हैं कि बीसलपुर बांध का निर्माण अजमेर जिले की भीषण पेयजल किल्लत को दूर करने के लिए किया था, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि आज अजमेर जिले में दो और तीन दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई ही हो रही है। जबकि अजमेर जिले की कुल आबादी मात्र 7 लाख है। यानी बीसलपुर बांध से अजमेर की सात लाख की आजादी को तीन दिन में तथा जयपुर की 20 लाख की आबादी को बीसलपुर बांध से रोजाना पेयजल की सप्लाई हो रही है। सवाल उठता है कि जब जयपुर की 20 लाख की आबादी को प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई की जाती है तो फिर अजमेर को क्यों नहीं? इस सवाल का जवाब अजमेर के भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को देना चाहिए। मौजूदा समय में कांग्रेस का शासन होने की बात कह कर भाजपा के जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। तीन साल पहले तक प्रदेश में भाजपा का ही शासन था। असल में जनप्रतिनिधि भाजपा के हो या कांग्रेस, बीसलपुर बांध के मुद्दे पर दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि बेपरवाह दिखे हैं। जन प्रतिनिधियों की कमजोरी के कारण ही बीसलपुर बांध से रोजाना की मांग के अनुरूप अजमेर के लिए पानी नहीं लिया जा रहा है। अजमेर में जहां जलाशय बनाए जाने थे,वहां नहीं बनाए गए। इसी पुरानी लाइन के स्थान पर नई पाइप लाइन भी नहीं बिछाई गई। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रोजाना पेयजल सप्लाई के लिए अजमेर के जनप्रतिनिधियों ने कोई प्रयास ही नहीं किए। यही वजह है कि बीसलपुर बांध से पानी लेने में अजमेर के मुकाबले में जयपुर बहुत आगे निकल गया है। हर मुख्यमंत्री को बजट में जयपुर की पेयजल की ज्यादा चिंता होती है। इस बार बरसात में बीसलपुर बांध पूरा भरा भी नहीं था। बांध की भराव क्षमता 315 मीटर है। मौजूदा समय में बांध का जल स्तर 310 मीटर है। कम पानी होने के बाद भी जयपुर में रोजाना पेयजल सप्लाई होगी, जबकि अजमेर में तीन के बजाए चार दिन में एक बार सप्लाई की जा सकती है। अजमेर में मात्र एक घंटे के लिए सप्लाई होती है, वह भी बहुत कम प्रेशर से। यही वजह है कि लोग बूस्टर लगा कर पानी खींचते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (09-03-2022)
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