इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि 16 मार्च को रात के अंधेरे में राजस्थान के सुप्रसिद्ध सालासर बालाजी धाम से 20 किलोमीटर दूर सुजानगढ़ स्थित बने प्रवेश द्वार को तीन जेसीबी की ताकत से धराशायी कर दिया गया। गंभीर बात यह है कि प्रवेश द्वार के ऊपर राम दरबार विराजमान थे। यानी भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी स्थापित थी। जब प्रवेश द्वार का ऊपरी हिस्सा जमीन पर गिरा तो भगवान की प्रतिमाएं भी टुकड़े टुकड़े हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रवेश द्वार को गिराने के लिए तीन बड़ी जेसीबी को मौके पर लाया गया। तीनों जेसीबी के आगे वाले लोहे के हुक को ऊंचे प्रवेश द्वार पर लगाया गया और फिर तीनों जेसीबी ने एक साथ ताकत लगाई और कुछ ही क्षणों में प्रवेश द्वार सड़क पर गिर गया। प्रवेश द्वार गिरने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सम्पूर्ण सुजानगढ़ क्षेत्र में हंगामा हो गया। जिस प्रकार जेसीबी ने प्रवेश द्वार पर लगे राम दरबार को गिराया, उससे हिन्दू समुदाय में भारी आक्रोश है। कहा जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी को फोर लेन सड़क बनाने के लिए प्रवेश द्वार को हटाना जरूरी था। यह तर्क वाजिब भी हो सकता है, लेकिन यदि प्रवेश द्वार को गिराने से पहले रामदरबार को सम्मान पूर्वक स्थानांतरित किया जाता तो ज्यादा अच्छा होता। लेकिन इसे पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और सुजानगढ़ के अधिकारियों की बेवकूफी ही कहा जाएगा कि रात के अंधेरे में तीन जेसीबी के माध्यम से राम दरबार वाले प्रवेश द्वार को गिरा दिया गया। यह जिम्मेदारी सिर्फ पीडब्ल्यूडी के जेईएन, एईएन, एक्सईएन जैसे इंजीनियरों की नहीं है, बल्कि जिला और पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों की भी है। क्या पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने इतना बड़ा कृत्य करने से पहले क्षेत्र के एसडीएम कलेक्टर, डीएसपी व एसपी से अनुमति ली? यदि बिना अनुमति के प्रवेश द्वार गिराया गया तो यह और भी गंभीर घटना है। क्या कलेक्टर और एसपी को अपने खुफिया तंत्र से इतने बड़े कृत्य की जानकारी नहीं हुई? यह एक प्रवेश द्वार गिराने का मामला नहीं है, बल्कि हिन्दू समुदाय के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य है। सब जानते हैं कि सुजानगढ़ का सालासर बालाजी धाम देश दुनिया में प्रसिद्ध है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं। कहा जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर अब अपने कृत्य के लिए माफी मांग रहे हैं, लेकिन इंजीनियरों के माफी मांगने से कुछ भी नहीं होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चाहिए कि इस मामले में लापरवाह बड़े अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए। बड़े अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।
सीएम गहलोत की सोच जिम्मेदार:
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि सुजानगढ़ स्थित राम दरबार वाले प्रवेश द्वार को गिराए जाने के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही जिम्मेदार है। सीएम गहलोत अक्सर हिन्दुत्व को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी करते हैं। जिस कश्मीर फाइल्स फिल्म को करोड़ों लोग देख रहे हैं उस पर भी सीएम गहलोत ने प्रतिकूल टिप्पणी की है। गहलोत ने इस फिल्म को लेकर कहा है कि इससे माहौल खराब होगा। यदि मुख्यमंत्री की सोच हिंदुत्व को लेकर सकारात्मक होती तो सुजानगढ़ के अधिकारी और इंजीनियर जेसीबी से राम दरबार को नहीं गिराते। राठौड़ ने कहा कि विपक्ष इस मामले में कठोर कार्यवाही चाहता है। इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा।
सीएम गहलोत की सोच जिम्मेदार:
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि सुजानगढ़ स्थित राम दरबार वाले प्रवेश द्वार को गिराए जाने के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही जिम्मेदार है। सीएम गहलोत अक्सर हिन्दुत्व को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी करते हैं। जिस कश्मीर फाइल्स फिल्म को करोड़ों लोग देख रहे हैं उस पर भी सीएम गहलोत ने प्रतिकूल टिप्पणी की है। गहलोत ने इस फिल्म को लेकर कहा है कि इससे माहौल खराब होगा। यदि मुख्यमंत्री की सोच हिंदुत्व को लेकर सकारात्मक होती तो सुजानगढ़ के अधिकारी और इंजीनियर जेसीबी से राम दरबार को नहीं गिराते। राठौड़ ने कहा कि विपक्ष इस मामले में कठोर कार्यवाही चाहता है। इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (20-03-2022)
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