प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आजादी के अमृत महोत्सव में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाओं को एकत्रित कर रही है। पीएम मोदी का मानना है कि ऐसे लाखों स्वतंत्रता सेनानी रहे, जिन्होंने आजादी के खातिर अपना सब कुछ बलिदान कर दिया, लेकिन ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों का कोई लेखा जोखा नहीं है। हर स्वतंत्रता सेनानी और उसके परिवार को पहचान व सम्मान देने के लिए केंद्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय ने एक पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत देश के हर जिले से स्वतंत्रता सेनानियों का ब्यौरा एकत्रित किया जा रहा है। सरकारी दस्तावेजों से मिलान होने वाली वीर गाथाओं को मंत्रालय की डिजिटल डायरी में भी स्थान मिल रहा है। मंत्रालय की ओर से अजमेर जिले में यह उल्लेखनीय कार्य उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान में रीडर के पद पर कार्यरत डॉ. चेतना उपाध्याय कर रही हैं। डॉ. चेतना ने बताया कि रुद्रदत्त मिश्रा सहित 14 स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाएं केंद्र सरकार की डिजिटल डायरी में प्रदर्शित हो गई है। इनमें पन्नालाल माहेश्वरी, किशन अग्रवाल, कन्हैयालाल व्यास अनंत, जीतमल लूणिया, रामभजन मिश्रा, चांदकरण शारदा, देवकी वल्लभव द्विवेदी, दुर्गाप्रसाद चौधरी, महिमा देवी किंकर, सोहनलाल, ज्ञानेश्वरी देवी, उम्मेद खां तथा अंबालाल गुर्जर हैं। ये वे स्वतंत्रता सैनानी हैं, जिनके प्रमाण उपलब्ध हैं। डॉ. चेतना ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा लिखने का काम अभी भी जारी है। स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी जानकारियां मोबाइल नंबर 8094554488 पर डॉ.चेतना उपाध्याय से ली जा सकती है।
हमें गर्व है:
केंद्र सरकार की डिजिटल डायरी में रुद्रदत्त मिश्रा की वीर गाथा का उल्लेख होने पर उनकी पुत्री और प्रदेश की प्रसिद्ध गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. स्नेहलता मिश्रा ने कहा कि यह हमारे परिवार के लिए गर्व और सम्मान की बात है। केंद्र सरकार की इस पहल से देश दुनिया में उनके पिता की वीर गाथा को देख सकेंगे। डॉ. मिश्रा ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। सरकार की डिजिटल डायरी के अनुसार मिश्रा ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक से जुड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। मिश्रा ने बम, पिस्टल जैसे हथियार प्रमुख क्रांतिकारियों को उपलब्ध करवाए। मिश्रा को दिल्ली षडय़ंत्र का भी आरोपी बनाया गया। मिश्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों के साथ काम किया। क्रांतिकारियों के साथ जुड़ने में अर्जुनलाल सेठी प्रेरणा स्रोत रहे। आजादी के आंदोलन में योगदान को देखते हुए ही 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने मिश्रा को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। मिश्रा के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9261237999 पर उनकी पुत्री डॉ. स्नेहलता मिश्रा से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (17-08-2023)
हमें गर्व है:
केंद्र सरकार की डिजिटल डायरी में रुद्रदत्त मिश्रा की वीर गाथा का उल्लेख होने पर उनकी पुत्री और प्रदेश की प्रसिद्ध गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. स्नेहलता मिश्रा ने कहा कि यह हमारे परिवार के लिए गर्व और सम्मान की बात है। केंद्र सरकार की इस पहल से देश दुनिया में उनके पिता की वीर गाथा को देख सकेंगे। डॉ. मिश्रा ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। सरकार की डिजिटल डायरी के अनुसार मिश्रा ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक से जुड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। मिश्रा ने बम, पिस्टल जैसे हथियार प्रमुख क्रांतिकारियों को उपलब्ध करवाए। मिश्रा को दिल्ली षडय़ंत्र का भी आरोपी बनाया गया। मिश्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों के साथ काम किया। क्रांतिकारियों के साथ जुड़ने में अर्जुनलाल सेठी प्रेरणा स्रोत रहे। आजादी के आंदोलन में योगदान को देखते हुए ही 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने मिश्रा को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। मिश्रा के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9261237999 पर उनकी पुत्री डॉ. स्नेहलता मिश्रा से ली जा सकती है।
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