Wednesday 2 August 2023

राजस्व मंत्री और पटवारियों ने एक दूसरे पर लगाए रिश्वतखोरी के आरोप। ऐसा अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते ही हो सकता है।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में फैले भ्रष्टाचार पर लिखी डायरी के पन्ने जहां रोज उजागर हो रहे हैं, वहीं 2 अगस्त को तो प्रदेश भर के पटवारियों, नायब तहसीलदारों और गिरदावरों ने राजस्व मंत्री रामलाल जाट से कहा, एक एक लाख रुपए की रिश्वत लेकर राजस्व कर्मियों के तबादले हो रहे हैं। इस आरोप का खंडन करने के बजाए मंत्री जाट ने कहा कि आम लोग भी रिश्वत लेते हो, इसलिए आए दिन एसीबी पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करती है। राजस्व कर्मियों और मंत्री जाट के बीच यह वाद-विवाद 2 अगस्त को जयपुर में तब हुआ, जब अपनी मांगों को लेकर राजस्व कर्मी मंत्री से मिलने गए थे। इस वाद विवाद से जाहिर है कि राजस्थान के राजस्व विभाग में किस तरह भ्रष्टाचार फैला हुआ है। मंत्री के सामने राजस्व कर्मी यदि तबादले के लिए एक एक लाख रुपए की बात कहें तो इससे खुली रिश्वत खोरी का अंदाजा लगाया जा सकता है। मंत्री भी आरोप का खंडन करने के बजाए राजस्व कर्मियों पर ही रिश्वतखोर होने का आरोप लगा रहे हैं। प्रदेश के जिन लोगों का राजस्व विभाग में काम पड़ा है उन्हें पता है कि छोटे छोटे कार्य के लिए मेहनताना देना पड़ता है। अपने पद पर टिके रहने के लिए ही मेहनताना वसूला जाता है। मंत्री की मौजूदगी में सार्वजनिक तौर पर रिश्वतखोरी का वाद-विवाद राजस्थान में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते ही हो सकता है। राजस्व मंत्री जाट तो कह सकते हैं कि रिश्वतखोरी का आरोप तो मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भी लग चुके हैं। गोविंद सिंह डोटासरा जब स्कूली शिक्षा मंत्री थे, तब जयपुर में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में सीएम गहलोत ने पूछा, क्या शिक्षकों के तबादले में पैसे लिए जाते हैं? तो समारोह में उपस्थित सभी शिक्षकों ने हाथ खड़े कर दिए। उस समय स्वयं मुख्यमंत्री की भी असहज स्थिति हो गई। सीएम गहलोत माने या नहीं, लेकिन सरकार के सभी विभागों का यही हाल है। स्थानीय निकाय से जुड़े विभागों में तो भ्रष्टाचार चरम पर है। गहलोत सरकार में फैले भ्रष्टाचार पर डायरियां भी लिखी जा चुकी हैं। ऐसी डायरियां अब इनकम टैक्स और ईडी के कब्जे में है। गंभीर बात यह है कि ऐसी डायरियों में लिखी काली लिखावट को अब कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ही उजागर कर रहे हैं। 2 अगस्त को सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के आरसीए चुनाव को लेकर गुढ़ा ने डायरी में लिखे जो तथ्य उजागर किए, उससे तो पूरी गहलोत सरकार ही संदेह के घेरे में आ गई है। एक गहलोत अपनी सरकार के रिपीट होने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचार वाली डायरी के पन्ने रोज खुल रहे हैं। सीएम गहलोत को पार्टी के अंदर भी संघर्ष करना पड़ रहा है। प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट अभी भी तमाशबीन की भूमिका में है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-08-2023)
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