समाज में ऐसे भी लोग हैं जो किसी गरीब को दो जोड़ी कपड़े दे कर अखबारों में फोटो छपवा लेते हैं। गौशालाओं में 200 रुपए का चारा डलवा कर स्वयं को सनातनी गौ भक्त होने का दावा करते हैं। जरुरतमंदों को भोजन करवाने वाली फोटो और खबर भी अखबारों में छपवाई जाती है। ऐसे स्वयंभू समाजसेवियों को अजमेर की अरांई पंचायत समिति के झीरोता गांव के निवासी प्रेमचंद गोदा से प्रेरणा लेनी चाहिए। छोटे से गांव से निकल कर मुंबई में अरबों रुपयों का फार्मास्यूटिकल का कारोबार करने वाले प्रेमचंद गोदा आज करोड़ों रुपए के सामाजिक कार्य करवा रहे हैं, लेकिन कभी भी अपने नाम का प्रचार नहीं करते। जिन संस्थाओं और व्यक्तियों को मदद करते हैं उन्हें भी पाबंद करते हैं कि उद्घाटन स्थल पर उनके नाम का कोई बोर्ड न लगाया जाए। चूंकि गोदा मुसीबतों के दौर से गुजरे हैं इसलिए चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई करें। इसी उद्देश्य से गोदा ने अजमेर के बोराज स्थित राजकीय महात्मा गांधी स्कूल के नवीनीकरण के लिए साठ लाख रुपए की राशि दी। इस राशि से स्कूल की जो नई स्मार्ट बिल्डिंग बनी उसी का लोकार्पण 26 अगस्त को अजमेर के संभागीय आयुक्त सी.आर. मीणा ने किया। इस अवसर पर गोदा के आर्थिक सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि कोई भी दानवीर-भामाशाह दो करोड़ रुपए की सहायता देकर सरकारी स्कूल का नामकरण अपने माता-पिता या स्वयं के नाम करवा सकता है। मीणा ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। प्रेमचंद गोदा के रिश्तेदार अजमेर निवासी आशीष गदिया ने बताया कि गोदा जी ने जिले की ग्रामीण क्षेत्र की अन्य स्कूलों और आदर्श नगर स्थित अंध विद्यालय में भी सहयोग किया है।
मांगीलाल:
दानवीर प्रेमचंद गोदा ने जो साठ लाख रुपए की राशि दी, उसके पीछे समाजसेवी सुभाष काबरा की प्रेरणा रही। यही वजह रही कि डीसी मीणा, स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान, बोराज के सरपंच लाल सिंह रावत और ग्रामीण प्रतिनिधियों ने काबरा को लड्डुओं से तोल कर सम्मान दिया। सभी ने माना कि बोराज, हाथीखेड़ा, खरेकड़ी, अजयसर आदि ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान में काबरा की सक्रिय भूमिका रहती है। अपनी प्रशंसा से अभिभूत सुभाष काबरा ने समारोह में कहा कि जनसमस्याओं के समाधान के लिए उन्हें जो भी करना पड़ेगा वे करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही मेरा नाम सुभाष काबरा हो लेकिन मैं मांगीलाल बनने को हमेशा तैयार रहता हंू। मुझे बताया गया है कि बोराज के इस स्कूल में एक बिल्डिंग और बनानी है, मुझे इस बिल्डिंग के लिए धनराशि मांगने में कोई शर्म नहीं होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे पहले प्रेमचंद गोदा से ही आग्रह किया जाएगा कि वे स्कूल की कायापलट में और सहयोग करें। काबरा ने इस अवसर पर संभागीय आयुक्त मीणा से आग्रह किया कि सरकारी स्कूल की भूमि पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है उसे भी हटाया जाए। स्कूल को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829071969 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है।
पब्लिक स्कूल:
यूं तो बोराज का राजकीय महात्मा गांधी स्कूल ग्रामीण क्षेत्र का है, लेकिन इस स्कूल में नई बिल्डिंग बनने से अब यह स्कूल पब्लिक स्कूल नजर आता है। स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान एक ओर जहां जनसहयोग से करोड़ों रुपया एकत्रित कर रही हैं, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दे रही है। अब यह स्कूल नर्सरी से 9वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम का हो गया है। यही वजह है कि समारोह में स्कूल की छात्र-छात्राओं ने पब्लिक स्कूल की तरह सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। भगत सिंह की फांसी वाला दृश्य तो बहुत मार्मिक रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने से ऐसा लगा ही नहीं कि किसी सरकारी स्कूल का समारोह हो रहा है। श्रीमती चौहान ने बताया कि इस स्कूल में छह सौ विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। विद्यार्थियों के साथ उनके माता पिता भी जागरूकता दिखाते हैं इसलिए स्कूल में नामांकन लगातार बढ़ रहा है। समारोह में उपस्थित समाजसेवी रमेश अग्रवाल, सुबोध जैन, चामुंडा माता मंदिर कमेटी के सदस्य महावीर सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, मास्टर जयसिंह रावत, रतन सिंह, कान सिंह, शक्ति सिंह, कालू सिंह, बीरम सिंह, अर्जुन सिंह, शमशेर सिंह, महेंद्र सिंह, मदन सिंह, रूप सिंह, विवेक सिंह आदि ने भी स्कूल की प्राचार्य श्रीमती शिव सुमन की प्रशंसा की।
मांगीलाल:
दानवीर प्रेमचंद गोदा ने जो साठ लाख रुपए की राशि दी, उसके पीछे समाजसेवी सुभाष काबरा की प्रेरणा रही। यही वजह रही कि डीसी मीणा, स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान, बोराज के सरपंच लाल सिंह रावत और ग्रामीण प्रतिनिधियों ने काबरा को लड्डुओं से तोल कर सम्मान दिया। सभी ने माना कि बोराज, हाथीखेड़ा, खरेकड़ी, अजयसर आदि ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान में काबरा की सक्रिय भूमिका रहती है। अपनी प्रशंसा से अभिभूत सुभाष काबरा ने समारोह में कहा कि जनसमस्याओं के समाधान के लिए उन्हें जो भी करना पड़ेगा वे करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही मेरा नाम सुभाष काबरा हो लेकिन मैं मांगीलाल बनने को हमेशा तैयार रहता हंू। मुझे बताया गया है कि बोराज के इस स्कूल में एक बिल्डिंग और बनानी है, मुझे इस बिल्डिंग के लिए धनराशि मांगने में कोई शर्म नहीं होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे पहले प्रेमचंद गोदा से ही आग्रह किया जाएगा कि वे स्कूल की कायापलट में और सहयोग करें। काबरा ने इस अवसर पर संभागीय आयुक्त मीणा से आग्रह किया कि सरकारी स्कूल की भूमि पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है उसे भी हटाया जाए। स्कूल को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829071969 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है।
पब्लिक स्कूल:
यूं तो बोराज का राजकीय महात्मा गांधी स्कूल ग्रामीण क्षेत्र का है, लेकिन इस स्कूल में नई बिल्डिंग बनने से अब यह स्कूल पब्लिक स्कूल नजर आता है। स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान एक ओर जहां जनसहयोग से करोड़ों रुपया एकत्रित कर रही हैं, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दे रही है। अब यह स्कूल नर्सरी से 9वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम का हो गया है। यही वजह है कि समारोह में स्कूल की छात्र-छात्राओं ने पब्लिक स्कूल की तरह सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। भगत सिंह की फांसी वाला दृश्य तो बहुत मार्मिक रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने से ऐसा लगा ही नहीं कि किसी सरकारी स्कूल का समारोह हो रहा है। श्रीमती चौहान ने बताया कि इस स्कूल में छह सौ विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। विद्यार्थियों के साथ उनके माता पिता भी जागरूकता दिखाते हैं इसलिए स्कूल में नामांकन लगातार बढ़ रहा है। समारोह में उपस्थित समाजसेवी रमेश अग्रवाल, सुबोध जैन, चामुंडा माता मंदिर कमेटी के सदस्य महावीर सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, मास्टर जयसिंह रावत, रतन सिंह, कान सिंह, शक्ति सिंह, कालू सिंह, बीरम सिंह, अर्जुन सिंह, शमशेर सिंह, महेंद्र सिंह, मदन सिंह, रूप सिंह, विवेक सिंह आदि ने भी स्कूल की प्राचार्य श्रीमती शिव सुमन की प्रशंसा की।
S.P.MITTAL BLOGGER (27-08-2023)
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