भारत में सनातन संस्कृति को लेकर जो माहौल बदला है, उसका असर अब विदेशों में भी होने लगा है। जिस ब्रिटेन ने भारत पर दो सौ वर्षों तक राज किया, आज उसी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जय सियाराम का जयकारा लगा रहे हैं। 15 अगस्त को जब भारत में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, तब इसी दिन मोरारी बापू की राम कथा में शामिल होने के लिए ब्रिटेन के पीएम भी आए। कोई माने या नहीं, लेकिन बदलते भारत का ही परिणाम है कि मोरारी बापू की राम कथा अब कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कैम्पस में हो रही है। पीएम सुनक ने न केवल सिर झुका कर मोरारी बापू का आशीर्वाद प्राप्त किया, बल्कि सार्वजनिक तौर पर सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक शक्ति को भी स्वीकार किया। यह सही है कि ऋषि सुनक भारतवंशी ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन अपनी सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक ताकत को स्वीकारने की हिम्मत भारत में बदले माहौल की वजह से ही आई है। जिन भारतीयों को अभी हमारी सनातन संस्कृति पर भरोसा नहीं है उन्हें ब्रिटेन के पीएम सुनक के ये विचार जरूर पढ़ना चाहिए। मोरारी बापू की कथा में व्यास पीठ पर पुष्प अर्पित करते हुए पीएम सुनक ने कहा कि जिस प्रकार कथा में बापू के पीछे हनुमान जी की सुनहरी तस्वीर लगी है, उसी प्रकार मैंने भी अपने दफ्तर की टेबल पर गणेश जी की मूर्ति विराजमान कर रखी है। सुनक ने कहा, मेरे लिए धर्म बहुत व्यक्तिगत है। यह जीवन के हर मोड़ पर रास्ता दिखाता है। रामायण, भगवत गीता और हनुमान चालीसा स्मरण करते हुए सुनक ने कहा कि उनके लिए भगवान राम चुनौतियों का साहस के साथ मुकाबला करने, विनम्रता के साथ शासन करने और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए प्रेरणा का प्रतीक हैं। जब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारत की सनातन संस्कृति से शासन चलाने की बात को स्वीकार रहा है, तब हमारे ही देश के अने बुद्धिजीवी, प्रगतिशील पत्रकार और राजनेताओं को सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक शक्ति पर भरोसा नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सनातन संस्कृति में आस्था और श्रद्धा पर आपत्ति करने वाले एक ब्रिटेन के पीएम की भी आस्था को देख लें। प्रधानमंत्री की टेबल पर गणेशजी की मूर्ति रखना ही बड़ी घटना है। इससे हमारे गणेश जी के मैनेजमेंट का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। गणेश जी हमेशा ही ऋषि सुनक को सही राह दिखाते होंगे। इस अवसर पर हमारे राष्ट्र संत मोरारी बापू का भी अभिनंदन किया जाना चाहिए। बापू ने वो ख्याति अर्जित की है,जिसके माध्यम से ब्रिटेन के पीएम भी राम कथा सुनने आ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे बापू आज सनातन संस्कृति ध्वजवाहक हैं।
पाकिस्तान में आगजनी:
मीडिया खबरों के अनुसार ईश निंदा के आरोपों के चलते पाकिस्तान के फैसलाबाद में ईसाई बस्तियों और चर्चों में तोड़कर आग लगा दी गई। नाराज लोगों का आरोप है कि ईसाई धर्मप्रचारक अक्सर इस्लाम की आलोचना करते हैं। लाहौर स्थित बिशप आजाद मार्शल ने भी चर्चों में तोडफ़ोड़ और आगजनी की पुष्टि की है। मालूम हो कि पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है और ईशनिंदा को गंभीर अपराध माना जाता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (17-08-2023)
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