राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि प्रदेश में भाजपा दो फाड़ हो जाए। यूं तो गहलोत कांग्रेस के नेता हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोई भी नेता मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद भी गहलोत भाजपा से मांग कर रहे हैं कि वसुंधरा राजे को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए। वसुंधरा राजे का नाम उछाल कर गहलोत भाजपा पर निशाना साधना चाहते हैं। भाजपा पर निशाना साधने के चक्कर में गहलोत स्वयं भी झूठे साबित हो रहे हैं। गहलोत ने 7 मई 2023 को धौलपुर में महंगाई राहत शिविर में कहा था कि 2020 में राजनीतिक संकट के समय भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल ने मेरी सरकार बचाने में मदद की थी। इन दोनों नेताओं ने भाजपा हाईकमान को कह दिया कि सरकार गिराना हमारी परंपरा के खिलाफ है। गहलोत के इस बयान ने उन चर्चाओं को बल दिया जिसमें कहा गया कि 2020 में कांग्रेस के 19 विधायक जब दिल्ली में थे, तब भाजपा के सभी 72 विधायकों को भी दिल्ली बुलाने की योजना बनी थी, लेकिन वसुंधरा समर्थक भाजपा विधायक ने दिल्ली जाने से मना कर दिया था। लेकिन अब तीन माह बाद गहलोत ने मिलीभगत वाले मामले में वसुंधरा राजे को क्लीन चिट दे दी। चार अगस्त को जयपुर में एक समारोह में गहलोत ने कहा कि मेरी सरकार बचाने में वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की कोई भूमिका नहीं है। सवाल उठता है कि आखिर गहलोत का कौन सा बयान झूठा है? क्या गहलोत को लगता है कि उनके बयान देने से वसुंधरा राजे दोषी और दोष मुक्त हो जाएंगी? गहलोत को भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरे की चिंता करने के बजाए अपने बयानों की चिंता करनी चाहिए। यदि कोई मुख्यमंत्री अपने बयानों से मात्र तीन माह में पलट जाए तो उसके कथन की विश्वसनीयता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गहलोत की दिलेरी:
सीएम गहलोत ने तीन अगस्त को ही कहा कि वे प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं, इसलिए पुलिस की सभी जांच एजेंसियां उनके अधीन हैं। गहलोत के अधीन आने वाली एसीबी ने ही चार अगस्त की रात को जयपुर हैरिटेज नगर निगम की कांग्रेसी मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। मेयर के घर से 41 लाख रुपए नकद बरामद किए गए। एसीबी की छापामार कार्यवाही के समय मेयर मुनेश गुर्जर घर पर ही थीं। एसीबी के पास वो रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें दलालों और मेयर के पति के बीच लेनदेन का संवाद हो रहा है। स्वाभाविक है कि सत्तारूढ़ पार्टी की मेयर के घर पर छापामार कार्यवाही से पहले एसीबी ने गृह मंत्रालय की सहमति ली होगी। इसे अशोक गहलोत की दिलेरी ही कहा जाएगा कि अपनी ही पार्टी की मेयर पर एसीबी की कार्यवाही करवाई। छापे की कार्यवाही के बाद कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। मालूम हो कि पिछले दिनों मुनेश गुर्जर ने निगम के उपायुक्त के तबादले की मांग को लेकर नगर निगम में कई दिनों तक धरना प्रदर्शन दिया। इस धरने पर मंत्री खाचरियावास ने नाराजगी जताई थी। कहा जा रहा है कि मुनेश गुर्जर कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई का शिकार हुई हैं। मेयर पर एसीबी की कार्यवाही तब हुई है, जब लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार पहले से ही संकट में है।
दारा का कार्टून:
राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के बाद चार अगस्त को सरकार ने इन जिलों का जो सीमांकन किया है, उस पर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।
गहलोत की दिलेरी:
सीएम गहलोत ने तीन अगस्त को ही कहा कि वे प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं, इसलिए पुलिस की सभी जांच एजेंसियां उनके अधीन हैं। गहलोत के अधीन आने वाली एसीबी ने ही चार अगस्त की रात को जयपुर हैरिटेज नगर निगम की कांग्रेसी मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। मेयर के घर से 41 लाख रुपए नकद बरामद किए गए। एसीबी की छापामार कार्यवाही के समय मेयर मुनेश गुर्जर घर पर ही थीं। एसीबी के पास वो रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें दलालों और मेयर के पति के बीच लेनदेन का संवाद हो रहा है। स्वाभाविक है कि सत्तारूढ़ पार्टी की मेयर के घर पर छापामार कार्यवाही से पहले एसीबी ने गृह मंत्रालय की सहमति ली होगी। इसे अशोक गहलोत की दिलेरी ही कहा जाएगा कि अपनी ही पार्टी की मेयर पर एसीबी की कार्यवाही करवाई। छापे की कार्यवाही के बाद कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। मालूम हो कि पिछले दिनों मुनेश गुर्जर ने निगम के उपायुक्त के तबादले की मांग को लेकर नगर निगम में कई दिनों तक धरना प्रदर्शन दिया। इस धरने पर मंत्री खाचरियावास ने नाराजगी जताई थी। कहा जा रहा है कि मुनेश गुर्जर कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई का शिकार हुई हैं। मेयर पर एसीबी की कार्यवाही तब हुई है, जब लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार पहले से ही संकट में है।
दारा का कार्टून:
राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के बाद चार अगस्त को सरकार ने इन जिलों का जो सीमांकन किया है, उस पर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/
S.P.MITTAL BLOGGER (04-08-2023)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment