Wednesday 28 June 2017

#2735
मोदीजी बताओं शिवराज ने 8 रुपए किलो खरीदे प्याज को मात्र दो रुपए किलो में क्यों बेचा?
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नरेन्द्र मोदी जब लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार कर रहे थे, तब एक मुद्दा कृषि उत्पादों के भण्डार का भी था। मोदी ने मनमोहन सिंह की सरकार को कोसते हए कहा था कि भंडारगृह नहीं होने की वजह से कृषि उत्पाद बरसात में खराब हो जाते है। सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से जो उत्पाद खरीदती है वह जरूरतमंद उपभोक्ता तक नहीं पहुंच पाते है। देश की जनता ने भी यह महसूस किया कि देश में कृषि उत्पाद के लिए भंडार गृह होने ही चाहिए, इसलिए चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत दे दिया। तब देशवासियों ने यहीं उम्मीद की थी कि मोदी राज में कृषि उत्पाद बरसात में खराब नहीं होने दिए जाएंगे, लेकिन 28 जून को न्यूज चैनलों पर बताया गया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने बरसात में खराब हो रहे प्याज को मात्र 2 रुपए 9 पैसे किलो में बेच दिया। इस प्याज को थोड़े दिन पहले ही सरकार ने किसानों से 8 रुपए किलो में खरीदा था। सवाल उठता है कि जो प्याज सरकार ने 8 रुपए किलो में खरीदा उसे 2 रुपए किलो में क्यों बेच दिया? यह माना कि मोदी सरकार को तीन वर्ष हुए है, लेकिन शिवराज तो पिछले 15 वर्ष से मध्यप्रदेश में शासन कर रहे है। क्या मध्यप्रदेश में इतने भण्डार भी नहीं है जिनसे कुछ दिनों के लिए प्याज को सुरक्षित रखा जा सके? सवाल यह भी है कि सरकार ने प्याज को जरूरतमंदों तक सही समय पर क्यों नहीं पहुंचाया? आज बाजार में प्याज 20 रुपए किलो तक मिल रहा है। यानि जिस होशियार व्यापारी ने 2 रुपए किलो में प्याज खरीदा है, वह उपभोक्ता को 15 रुपए किलो में तो बेचेगा ही। यूं तो मोदी सरकार को भी तीन वर्ष हो गए है और जब सरकार के सारे मंत्री उपलब्धियों को गिनाने में लगे हुए है तब देश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि 8 रुपए वाला प्याज मात्र 2 रुपए में ही क्यों बेचा जा रहा है। सरकार यह भी बताए कि पिछले तीन वर्ष में देश को कृषि उत्पाद के लिए कितने भंडार नए बने है?
(एस.पी.मित्तल) (28-06-17)
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