अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना है, इसलिए केंद्र सरकार के सहयोग से कोई दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यही वजह है कि आनासागर झील के भराव क्षेत्र में दुनिया के सात अजूबे भी बनाए गए हैं। दो सितम्बर को स्टेशन रोड़ स्थित केईएम होटल परिसर में अजमरे के इतिहास से संबंधित थ्रीडी तकनीक का लाइट एंड साउंड शो का प्रदर्शन आला अधिकारियों के समक्ष किया गया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इस शो पर तीन करोड़ 22 लाख रुपए की राशि खर्च हुई है। अजमेर के इतिहास से जुड़े इस शो को 7 सितम्बर से लोग रात्रि 8 बजे केईएम होटल के परिसर में देख सकेंगे। शुरुआती दिनों में यह शो नि:शुल्क दिखाया जाएगा, लेकिन बाद में होटल प्रशासन शुल्क वसूलेगा। इस लाइट और साउंड शो का शीर्ष मैं ही अजमेर हूं, रखा गया है। पानी की तरह पैसा बहाने वाले स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने अच्छा किया इस शो का नाम मैं ही अजमेर हंू रखा, क्योंकि इसी अजमेर को पता है कि पूर्व में भी करोड़ों रुपए खर्च कर लाइट एंड साउंड शो तैयार किया गया था। अशोक गहलोत वर्ष 2008 से 2013 के बीच जब दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, तब प्रदेश की पर्यटनमंत्री श्रीमती बीना काक थीं। श्रीमती काक अजमेर आई और ऐतिहासिक अजमेर के किले में शो का शुभारंभ किया। कुछ माह तो यह शो किले में चला लेकिन अब शोक की सारी सामग्री इसी किले में कबाड़ में पड़ी है। वर्ष 2013 से 2018 के बीच जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं तब पुष्कर घाटी स्थित महाराणा प्रताप के स्मारक पर भी लेजर शो शुरू किया गया था। इस शो में भी लाइट और साउंड की व्यवस्था थी। इन दोनों शो में भी अजमेर के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई थी। पिछले दोनों शो कबाड़ में पड़े हैं। अब तीसरा लाइट और साउंड शो स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बना दिया है। यह शो कितने दिन चलेगा यह अजमेर को पता नहीं है, क्योंकि इतिहास तो बीते दिनों का लिखा जाता है। असल में ज्यादा समझ रखने वाले अधिकारी अजमेर में तैनात होते हैं और फिर कार्यकाल पूरा कर चले जाते हैं। यूं देखा जाए तो तीन करोड़ 22 लाख रुपए की राशि बहुत ज्यादा होती है, लेकिन अब दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हों तो सवा तीन करोड़ रुपए पानी में बहाना कोई बड़ी बात नहीं है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ही पिछले दिनों आनसागर में करोड़ रुपए खर्च कर म्यूजिक फाउंटेन लगाए गए। यह फाउंटेन कितने दिन शहरवासियों को आनंदित करेंगे, यह अजमेर को पता नहीं है, लेकिन अजमरे को यह पता है कि गत भाजपा शासन में सर्किट हाउस की पहाडिय़ों पर भी ऐसे ही रंगीन म्यूजिकल फाउंटेन लगाए गए थे। ऐसे फाउंटेन की सामग्री का अब सर्किट हाउस की पहाड़ी पर कोई निशान नहीं है। अजमेर को यह भी पता है कि यह राशि किसी सरकार या अधिकारियों की नहीं है। यह राशि जनता की है। जनता जो टैक्स देती है उसी से थ्रीडी शो के तीन करोड़ 22 लाख रुपए चुकाए जाते हैं। लेकिन जनता से कोई काम नहीं ली जाती। म्यूजिकल फाउंटेन, थ्रीडी शो का तोहफा उस अजमेर को दिया जा रहा है जिसमें तीन दिन में एक बार एक घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई होती है। पीने के पानी की त्राहि त्राहि मची हुई है और अजमेर के सामने म्यूजिकल फाउंटेन परोसा जा रहा है। अजमेर का सीवरेज सिस्टम पूरी तरह गड़बड़ाया हुआ है, लेकिन हमें लाइट एंड साउंड शो दिखाया जा रहा है। एलिवेटेड रोड के निर्माण से पिछले तीन वर्षों से अजमेर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी पड़ी है और अधिकारी कह रहे है कि हम अजमेर को स्मार्ट बना रहे हैं। साहब यह अजमेर सब जानता है, इसलिए तो राजस्थान में हर पांच वर्ष में सरकार बदल जाती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-09-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment