भारतीय रेलवे बोर्ड के सदस्य (वित्त) नरेश सालेचा 19 सितंबर को एक दिवसीय प्रवास पर अजमेर में रहे। सालेचा पूर्व में अजमेर के डीआरएम रहे हैं। अपनी कार्यकुशलता से सालेचा ने रेलवे बोर्ड का सदस्य (वित्त) जैसा पद हासिल किया है। 19 सितंबर को सालेचा ने अजमेर में पुरानी स्मृतियों को भी ताजा किया। सालेचा ने रेल अधिकारियों से जानना चाहा कि गांधी भवन चौराहा स्थित रेलवे स्टेशन का नया प्रवेश द्वार कैसा है? क्या इस द्वार से यात्रियों का आवागमन हो रहा है? असल में एक करोड़ रुपए की लागत से सालेचा ने ही गांधी भवन वाले द्वार का निर्माण करवाया था। पुराने जमाने की टिकट खिड़कियों के स्थान पर नया आरक्षण केंद्र बनाया गया। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना काल में ट्रेनों का संचालन कम होने के कारण गांधी भवन वाले प्रवेश द्वार से यात्रियों का आवागमन रोका गया था, लेकिन अब फिर से शुरू कर दिया गया है। यहां की पार्किंग अब शहरवासियों के काम भी आ रही है। मदार गेट आदि बाजारों में खरीदारी करने वाले ग्राहक अपने वाहनों को रेलवे की पार्किंग में ही खड़े करते हैं। सालेचा ने कहा कि रेलवे में कार्यकुशलता दिखाने की अपार संभावनाएं हैं। अधिकारियों को लीक से हटकर भी काम करना चाहिए। सालेचा ने अधिकारियों से आय व्यय के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संसाधनों का अधिकतम उपयोग होना चाहिए ताकि यात्रियों को अच्छी सुविधा मिल सके। बैठक में सालेचा ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के विजन की प्रशंसा की। वैष्णव चाहते हैं कि रेल यात्रियों को भी हवाई जहाज जैसी सुविधाएं मिलें, इसलिए रेलवे स्टेशन पर साफ सफाई से लेकर ट्रेन के डिब्बों तक में सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। वैष्णव का मानना है कि जब यात्री पूरा किराया दे रहा है तो उसे सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। सालेचा ने कहा कि रेल मंत्री के साथ काम करने से उन्हें भी बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। मंत्री जी की सोचा रेलवे में तकनीक को बढ़ावा देने की भी है।
जियारत और मंदिर के दर्शन:
सालेचा ने अपने एक दिवसीय प्रवास में 19 सितंबर को अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत की तथा पुष्कर स्थित पुराने रंगजी और ब्रह्मा मंदिर के दर्शन भी किए। इस अवसर पर सालेचा के साथ डीआरएम नवीन कुमार परसुरामका और रेलवे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
जियारत और मंदिर के दर्शन:
सालेचा ने अपने एक दिवसीय प्रवास में 19 सितंबर को अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत की तथा पुष्कर स्थित पुराने रंगजी और ब्रह्मा मंदिर के दर्शन भी किए। इस अवसर पर सालेचा के साथ डीआरएम नवीन कुमार परसुरामका और रेलवे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
S.P.MITTAL BLOGGER (19-09-2021)
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